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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकार का तोहफा, मानदेय के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना से मंजूर किए 207 करोड़ रूपये ।

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकार का तोहफा,
मानदेय के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना से मंजूर किए 207 करोड़ रूपये ।
महिला एवम् बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के प्रयासों से प्रदेश के 35 जिलों की करीब 60 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की शिकायत का हुआ निवारण ।
झाबुआ। करीब तीन महीने से मानदेय नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश के 35 जिलों की 60 हजार से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को डॉ. मोहन यादव की सरकार ने तोहफा दिया है। उनके लंबित मानदेय के लिए खास तौर पर अनुसूचित जनजाति उपयोजना से 207 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। दरअसल महिला एवम् बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के संज्ञान में आया था कि सामान्य योजना में राशि कम होने से बहुत से जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को मानदेय नहीं मिला है। लिहाजा उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही अपने विभाग से अनुसूचित जनजाति उपयोजना में उपलब्ध राशि देने के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा। मुख्यमंत्री ने भी इसे विशेष प्रकरण मानते हुए उपयोजना से 207 करोड़ रुपए की राशि सामान्य योजना में देने की मंजूरी प्रदान कर दी। इसके बाद अब महिला एवम् बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया ने भी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के वेतन जारी करने के आदेश दे दिए। इससे समग्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में हर्ष व्याप्त है।
इनका कहना है –
कार्यकर्ता और सहायिका हमारे विभाग की धुरी है
’’आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हमारे विभाग की धुरी है। जितनी भी योजनाएं है उन्हें धरातल पर उतारने में इनकी अहम भूमिका होती है। जब मुझे पता चला की तीन माह से हमारी बहनों को वेतन नहीं मिला है तो मैंने मुख्यमंत्रीजी से चर्चा की। उन्होंने भी विशेष प्रकरण मानते हुए अनुसूचित जनजाति उपयोजना में 207 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए।’’
‘-निर्मला भूरिया, महिला एवम् बाल विकास मंत्री, मप्र शासन

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