झाबुआ – मंगलवार जनसुनवाई में आज भाजपा के पूर्व जिला मंत्री ललित बंधवार ने राणापुर सीएमओ श्री पाटीदार पर नामांतरण प्रकरण को अनावश्यक रूप से रोकने और रिश्वत की मांग को लेकर लगाए गंभीर आरोप तथा सीएमओ द्वारा राशि नहीं मिलने पर नामांतरण नहीं करने के भी लगाए आरोप ।
जानकारी अनुसार भाजपा के पूर्व जिला पदाधिकारी ललित बंधुवार पिता बिहारी लाल बंधवार निवासी राणापुर ने अपने स्वय के मालिकी एव आधिपत्य की भूमि , जो मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता के अंतर्गत विधिवत रूप से अनुमति प्राप्त कर विक्रय की गई थी । उक्त भूमि अंतर्गत नामांतरण हेतु क्रेताओं द्वारा के नपं राणापुर मे आवेदन लगाए गए । करीब चार माह बीत जाने के बाद भी नामांतरण नहीं किए गए । तत्पश्चात आज मंगलवार जनसुनवाई में आवेदक ललित बंधवार ने जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन के तहत बताया कि मुझ आवेदक के माता-पिता ने स्वयं के आधिपत्य की भूमि , जो मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 165 की धारा के अंतर्गत अनुमति प्राप्त कर विक्रय की थी तथा यह रजिस्ट्री का निष्पादन होने के बाद क्रेता विकास जैन, हार्दिक जैन तथा श्रीमती नैना पति संतोष जैन सभी निवासी राणापुर ने भूमि का नामांतरण किए जाने हेतु नगर परिषद राणापुर में तकरीबन 6 माह पूर्व नामांतरण किए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था । यह भी बताया कि नामांतरण आवेदनों पर नगर परिषद राणापूर द्वारा अपनी सामान्य सभा की मीटिंग में भी सहमति दर्शाते हुए, नामांतरण किए जाने में सहमति दे दी थी किंतु सहमति दिए जाने के चार माह बीत जाने पर भी इन नामांतरण प्रकरणों को नगर परिषद के सीएमओ पाटीदार द्वारा आज तक नामांतरण नहीं किया गया । जब इस संबंध में मुझ आवेदक ने नगर परिषद राणापूर सीएमओ पाटीदार से नामांतरण नही किए जाने के संबंध में जानकारी चाही, तो सीएमओ द्वारा यह कहा गया कि यह अवैध तरीके से भूखंड विक्रय किए गए हैं । तब मुझे आवेदक ने सीएमओ राणापुर को बताया कि धारा 165 के अंतर्गत विधिवत रूप से अनुमति प्राप्त कर भूखंड विक्रय किए गए हैं तो सीएमओ ने उक्त दस्तावेजों को नहीं मानते हुए नामांतरण नहीं किए जाने की बात कही । जब मेरे द्वारा समस्त दस्तावेज दिखाए गए तो सीएमओ पाटीदार ने कहा गांधी छाप कागज लाओ तो देखते हैं । जब मैं उनसे गांधीछाप कागज के बारे में पूछा तो सीमाओ पाटीदार ने प्रत्येक नामांतरण के लिए ₹25000 के हिसाब से तीन प्रकरणों के 75000 की मांग की । जब मुझे आवेदक द्वारा राशि देने में असमर्थता व्यक्त की, तो सीएमओ द्वारा मुझसे कहा गया कि आपका नामांतरण के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर , आगामी कारवाई कर रजिस्ट्री निरस्त की कार्रवाई की जाएगी । आवेदक ने विधिवत रूप से नामातरण करने हेतु आवेदन दिया ।