झाबुआ

लोकार्पण के 5 माह बाद भी, करोड़ों की लागत से बना इंजीनियरिंग कॉलेज , नवीन भवन में प्रारंभ नहीं हो सका……. एमपीईबी और पीआईयू की लापरवाही

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झाबुआ – देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का 11 फरवरी को , आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाबुआ में हो रहे जनजातीय सम्मेलन में शिरकत कर रहे है तथा यहा से लोकसभा चुनाव का शंखनाथ भी कर रहे हैं । वही इस आदिवासी बाहुल्य इलाके में इंजीनियरिंग कॉलेज की सौगात मिलने के बाद, नवीन भवन निर्माण पश्चात, तत्कालीन मुख्यमंत्री के द्वारा लोकार्पण के बाद भी , एमपीईबी और पीआईयू की लापरवाही से करोड़ों की लागत से बना इंजीनियरिंग कॉलेज, अब तक नवीन भवन में प्रारंभ नहीं हो सका है जो जांच और चिंता का विषय है ।

वर्तमान में शहर में इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन वर्ष 2015-16 से पॉलिटेक्निक कॉलेज में हो रहा है यह प्रदेश का सबसे कम फीस वाला सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है । वर्तमान में करीब 150 बच्चे अध्यनरत है । तथा करीब 70 से 80% बच्चों को स्कॉलरशिप प्राप्त हो रही है । संभवत नवीन भवन में प्रारंभ होने पर तथा सभी शाखाएं का अध्ययन प्रारंभ होने पर संभवत 700 से अधिक बच्चे , इस कॉलेज का लाभ ले सकते हैं । इसे ए.पी.जे. अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है तथा यह राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माध्यम से संचालित होता है । यहा पर दो कोर्सेस – प्रथम कंप्यूटर साइंस व इंजीनियरिंग,. द्बितीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन कराया जा रहा. हैं । जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की सौगात मिलने के बाद , झाबुआ से सटे ग्राम गडवाडा में 34.65 करोड़ की लागत से इंजीनियरिंग कॉलेज भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2020-21 में प्रारंभ हुआ । जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग है इस भवन निर्माण का कार्य सूरत की फर्म आर.एंड. डोब्रीयाल द्वारा किया जा रहा है । इस भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर था और सिविल कार्य करीब पूर्ण होने पर 26 अगस्त 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व सांसद वीडी शर्मा द्वारा लोकार्पण किया गया था । पश्चात लाइट फिटिंग व अन्य रिपेयरिंग कार्य पूर्ण होने पर इंजीनियरिंग कॉलेज को इस नवीन भवन में प्रारंभ किया जाना था । सूत्रों के अनुसार लोकार्पण के पूर्व भी कॉलेज भवन निर्माण को लेकर संभवतः कलेक्टर तन्वी हुड्डा ने भवन का निरीक्षण किया था तथा इस दौरान उन्हें भवन में कुछ खामिया पाई थी इस हेतु दिशा निर्देश भी जारी किए थे । संभवत: दिशा निर्देशों का पालन हुआ है या नहीं यह भी जांच का विषय है । वहीं करीब पांच माह बीत जाने के बाद भी इंजीनियरिंग कॉलेज , इस नवीन भवन में प्रारंभ नहीं हो सका । क्यों …..क्या कारण है …..? सूत्रों के अनुसार अब तक बिल्डिंग में रिपेयरिंग कार्य, पेवर कार्य पूर्ण नहीं हुआ है साथ ही साथ अब तक भवन में बिजली विभाग द्वारा विद्युत कनेक्शन नहीं किया गया है । इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य द्वारा एमपीईबी में एलटी (लो टेंशन )कनेक्शन हेतु , कई बार आवेदन दिया । लेकिन एमपीईबी एचटी (हाई टेंशन ) कनेक्शन देने की बात कह रहा था । जबकि एचटी कनेक्शन 11 हजार, 33 हजार और उससे अधिक वोल्ट की बिजली सप्लाई हेतु दिया जाता है । संभवतः यह कारखाना या उद्योग के लिए उपयोगी होता है । इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य द्वारा बार-बार निवेदन करने के बाद भी जब विद्युत विभाग द्वारा एलटी करेक्शन नहीं दिया गया , तब प्राचार्य ने 21 नवंबर को एमपीईबी को एचटी कनेक्शन का आवेदन दिया । लेकिन इस कार्य की एमपीईबी झाबुआ के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से , फाइल इंदौर हेड ऑफिस फाइल पहुंची । करीब दो माह बीत जाने के बाद भी इंजीनियरिंग कॉलेज पर अब तक विद्युत विभाग द्वारा एचटी कनेक्शन भी उपलब्ध नहीं कराया गया । जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के विद्यार्थी इस नवीन कॉलेज भवन से वंचित है । जानकारी संभवत इस नवीन भवन में विद्युत कनेक्शन के साथ-साथ ट्रांसफार्मर ,इलेक्ट्रिकल कार्य , रिपेयरिंग कार्य आदि अनेक छोटे-छोटे कार्य बाकी है.। कहीं ना कहीं एमपीईबी और पीआईयू की आपसी खीचतान व लापरवाही के कारण इंजीनियरिंग कॉलेज , इस नवीन भवन में प्रारंभ नहीं हो पा रहा है.। प्रश्न यह हैं कि क्या मोदी जी के आने के पूर्व, जिले को इंजीनियरिंग कॉलेज की सौगात मिलने के बाद, नवीन भवन निर्माण पशचात, क्या एमपीईबी व पीआईयू अपने संपूर्ण अधूरे कार्य पूर्ण कर , क्षेत्र के विद्यार्थियों को कॉलेज की सौगात का लाभ लेने देंगे या फिर क्षेत्र के विद्यार्थी यूं ही कॉलेज से वंचित रहेंगे……..?

सांसद जी.एस.डामोर को इस समस्या से अवगत कराकर, जल्द ही समस्या का निराकरण कराया जाएगा ।

मनोज अरोड़ा , अध्यक्ष वनवासी कल्याण परिषद , झाबुआ

विद्युत कनेक्शन व रिपेयरिंग कार्य पूर्ण नहीं होने पर, हम नवीन भवन में शिफ्ट नहीं हो पाए हैं ।

डॉ. उमेश बनौधा, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज, झाबुआ ।

विद्युत कनेक्शन को छोड़कर, संपूर्ण भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है

अलसिंग भिंडे ,परियोजना यंत्री , पीडब्ल्यूडी पीआईयू , झाबुआ

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