झाबुआ – जैन धर्म के तेरापंथ संप्रदाय में एक अनूठा महोत्सव मनाया जाता है जो है मर्यादा महोत्सव । तेरापंथ धर्म संघ के प्रवर्तक आचार्य श्री भिक्षु ने तेरापंथ की स्थापना विक्रम संवत 1817 में की थी । तेरापंथ की स्थापना के कुछ वर्षों बाद विक्रम संवत 1859 माघ शुक्ल सप्तमी को मूलभूत मर्यादाएं लिखी गई । जिसे हर अनुयायी साधु एवं श्रावक समाज बड़ी आस्था एवं सहजता से अनुसरण करता है । उन्हें मर्यादाओं की दृढ़ता एवं आधार से आज तेरापंथ धर्म संघ ने मर्यादा एवं अनुशासन में विशिष्ट पहचान बनाई है मर्यादा महोत्सव मानो तेरापंथ का महाकुंभ है जहां चतुर्विध धर्म संघ में त्रिदिवसीय कार्यक्रम को लेकर अनूठा उत्साह रहता है यह वसंत पंचमी से लेकर माघ शुक्ल सप्तमी तक चलने वाला कार्यक्रम है ।
इसी कड़ी में झाबुआ में भी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री उर्मिलाकुमारी जी आदि ठाणा -4 के सानिध्य में शहर में 16 फरवरी को160 वा मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है । 16 फरवरी को मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम 52 जिनालय मंदिर में सुबह 9:00 से 11:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा । इसी कार्यक्रम को लेकर मंगलवार रात्रि में साध्वीवृंद की पावन निश्रा में मर्यादा महोत्सव के आमंत्रण काड का विमोचन किया गया । जिसमें समाज के अध्यक्ष कैलाश श्रीमाल व सचिव दीपक चौधरी के अलावा समाज जन उपस्थित थे । समाज के अध्यक्ष व सचिव ने बताया कि मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम में श्वेतांबर श्री संघ के अलावा क्षेत्र के आसपास के चौखले याने धर्म परिवार पेटलावद, कल्याणपूरा, रायपूरिया , करडावद, करवड, सारंगी , झकनावदा ,कालीदेवी , दाहोद , राणापुर ,मेघनगर रतलाम आदि क्षेत्रो के तेरापंथ समाज को निमंत्रण दिया हैं । तेरापंथ समाज के मुख्य संरक्षक मगनलाल गादीया, ताराचंद गादीया, राजेंद्र चौधरी ,अशोक भंडारी , महासभा सदस्य पंकज कोठारी ने अपील की है कि तेरापंथ धर्म संघ के इस महाकुंभ में आसपास क्षेत्र के तेरापंथ समाज के लोग अवश्य आए तथा मर्यादा महोत्सव के इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दें ।