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युवा मुमुक्षु संयम पालरेचा की रतलाम में दीक्षा 12 जून को  जैनाचार्य श्री बंधु बेलड़ी ने अयोध्यापुरम तीर्थ में दिया दीक्षा मुहूर्त

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युवा मुमुक्षु संयम पालरेचा की रतलाम में दीक्षा 12 जून को

 जैनाचार्य श्री बंधु बेलड़ी ने अयोध्यापुरम तीर्थ में दिया दीक्षा मुहूर्त

रतलाम / 24 फरवरी 24/ युवा मुमुक्षु संयम पालरेचा की रतलाम में दीक्षा 12 जून को भव्य महोत्सव में होगी। पू.आ.श्री बंधु बेलड़ी जिनचंद्रसागर सूरीश्वर जी म.सा.एवं श्रीहेमचंद्रसागर सूरीश्वर जी म.सा.ने अयोध्यापुरम तीर्थ में उन्हें दीक्षा का मुहूर्त प्रदान किया। यंहा श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्री संघ रतलाम ने आचार्य श्री बंधु बेलड़ी से दीक्षा महोत्सव रतलाम में निश्रा प्रदान करने की भावभरी विनती की।

गुजरात के प्रसिद्ध अयोध्यापुरम तीर्थ में आयोजित प्रवज्या प्रदान मुहूर्त महोत्सव में पू.आ.श्री प्रसन्नचन्द्रसागरसूरि जी म.सा,पू.आ.श्री विरागचन्द्रसागरसूरि जी म.सा, पू.आ.श्री अपूर्व चन्द्रसागरसूरि जी म.सा, गणिवर्य श्री पदमचन्द्रसागर जी म.सा, गणिवर्य श्री सम्यकचन्द्र सागर जी म.सा.अदि विशाल श्रमण श्रमणी वृन्द की निश्रा रही। इस पावन प्रसंग पर नीमच के मुमुक्षु भूवैज्ञानिक राहुल राणावत की दीक्षा हुई।

पिता ने की प्रदान करने की विनती –

इसी समारोह में शामिल होकर मुमुक्षु संयम वरघोडा के साथ दीक्षा मुहूर्त प्रदान करने की विनती करने पहुंचे। यंहा श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्री संघ रतलाम के साथ बड़ी संख्या में समाजजन झूमते नाचते उत्सव मनाते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।  यंहा उनके पिता प्रवीण पालरेचा ने आचार्य श्री से दीक्षा मुहूर्त प्रदान करने का अनुरोध किया। जिसे स्वीकार कर आचार्य श्री ने रतलाम की पुण्य धरा पर मुमुक्षु संयम पालरेचा को इसी वर्ष 12 जून को  दीक्षा प्रदान करने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की। रतलाम श्री संघ के वरिष्ठ एवं अयोध्यापुरम तीर्थ के ट्रस्टी श्री इन्दरमल जैन वकील सा. ने बताया कि मुमुक्षु एवं उनके परिवार का तीर्थ ट्रस्ट की ओर से बहुमान किया गया।

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दीक्षा के पहले ही 400 कि.मी. की पैदल यात्रा  –

युवा मुमुक्षु संयम पालरेचा वर्ष 2022 में रतलाम में बालमुनि श्री आदित्यचन्द्रसागर जी म.सा. सहित दो स्थानीय साध्वीजी की दीक्षा प्रसंग के समय पू.आ.श्री बंधु बेलड़ी के सम्पर्क में आये और इसके बाद वे उनके साथ ही कोई 125 कि.मी. का पैदल विहार कर रतलाम से लिमडी पहुंचे । सुरत में उन्होंने बंधु बेलड़ी एवं  गणिवर्य श्री पदमचन्द्रसागर जी म.सा, के मार्गदर्शन में चातुर्मासिक आराधना की। यही से उनके मन में संयम जीवन के भाव जागे। उन्होंने सुरत से पालीताना तक आयोजित पैदल छ:रि पालित संघ में 30 दिन में करीब 400 कि.मी. की पैदल यात्रा की। लगातार आचार्य श्री की निश्रा में रहते हुए धर्म आराधना करने वाले संयम ने विगत वर्ष शत्रुंजय महातीर्थ पालीताना में पुन: चातुर्मासिक आराधना की और यंहा उनके शीघ्र ही संयम जीवन में प्रवेश की उद्घोषणा की गई थी। जिसके बाद अब उन्हें अयोध्यापुरम तीर्थ में दीक्षा का मुहूर्त मिला।

दो वर्ष में रतलाम में चौथी दीक्षा –

19 वर्षीय संयम रतलाम के दवा व्यवसायी प्रवीण पालरेचा के इकलौते पुत्र है। उनकी स्कूली शिक्षा रतलाम के ही सेंट जोसफ कॉन्वेंट स्कुल में हुई। परिवार में बचपन से ही मिले धर्म आराधना के संस्कार और उनकी मासी पू.साध्वी श्री रत्नरिद्धिश्रीजी म.सा.महाराज की प्रेरणा से तप आराधना में निरंतर आगे बढ़ते रहे और अब जिनशासन को अपना जीवन समर्पित कर संयम पथ के अनुगामी बनने जा रहे है। बंधु बेलड़ी की निश्रा में रतलाम में विगत दो वर्ष में यह चौथी दीक्षा होने जा रही है।

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