प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में ‘खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है- गुमानसिंह डामोर सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बडी भंडारण पायलट योजना से किसानों को होगा भरपुर लाभ ।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में ‘खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है- गुमानसिंह डामोर
सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बडी भंडारण पायलट योजना से किसानों को होगा भरपुर लाभ ।
झाबुआ। सहकारिता का मूल मंत्र है बिना सहकार नही उद्धार और इसी ध्येय को लेकर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी ने केन्द्र सरकार में पृथक से सहकारिता मंत्रालय स्थापित करके उस मंत्रालय का दायित्व देश के गृहमंत्री सफलतम गृह मंत्री श्री अमीत शाह को सौपा है । सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदीजी ने शनिवार को सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण की पायलट परियोजना का उद्घाटन किया । यह सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण की पायलट परियोजना है ।
श्री डामोर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ‘सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण’ की पायलट परियोजना का उद्घाटन किया। इसे 11 राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्सों) में संचालित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदीजी ने इस 11 राज्यों की 11 पैक्स में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के तहत गोदामों का उद्घाटन एवं 500 पैक्स में गोदामों का शिलान्यास किया ।
श्री डामोर ने कहा कि सहकार से समृद्धि का जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हम और आगे बढ़ रहे हैं.’ प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में ‘खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। इस सोच के साथ उन्होने अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है। आज देश ने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना का श्रीगणेश किया है ।
श्री डामोर के अनुसार खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है, देश भर के किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना प्रारंभ हुई है । सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं है, सहकारिता एक भावना है. सहकारिता की ये भावना कई बार व्यवसायों और संसाधानों की सीमाओं से परे आश्चर्यजनक परिणाम देती हैं। सहकार, जीवनयापन से जुड़ी एक सामान्य व्यवस्था को बड़ी औद्योगिक क्षमता में बदल सकता है। ये देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है। आज देश में भी डेयरी और कृषि में सहकार से किसान जुड़े हैं, उनमें करोड़ों की संख्या में महिलाएं ही हैं। महिलाओं के इसी सामर्थ्य को देखते हुए मोदी सरकार ने भी सहकार से जुड़ी नीतियों में उन्हें प्राथमिकता दी है।
श्री डामोर के अनुसार विकसित भारत के लिए भारत की कृषि व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण भी उतना ही जरूरी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में नई व्यवस्थाएं बनाने के साथ ही पैक्स जैसी सहकारी संस्थाओं को नई भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहे हैं । देश भर में 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित करने का लक्ष्य था।और प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्व में आज 8,000 एफपीओ पहले ही स्थापित हो चुके हैं। आज हमारे एफपीओ की सफलता की कहानियों की चर्चा देश की सीमाओं से परे भी हो रही है।
श्री डामोर ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि किसानो के सर्वागिंण विकास के लिये यह निश्चित ही उल्लेखनीय एवं वंदनीय कदम है । मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में इन भंडारण क्षमताओं का लाभ किसानों को मिलेगा तथा किसानों को उनके उत्पादन के भंडारण के लिये पर्याप्त सुविधा मिलेगी ।