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जलज जी का जीवन अनुकरणीय उसे समझना और अनुसरण करना चाहिए- मंत्री चेतन्य काश्यप****** – जीतो रतलाम चेप्टर ने स्व. डॉ. जयकुमार जलज को दी आदरांजली

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जलज जी का जीवन अनुकरणीय उसे समझना और अनुसरण करना चाहिए- मंत्री चेतन्य काश्यप******
– जीतो रतलाम चेप्टर ने स्व. डॉ. जयकुमार जलज को दी आदरांजली


रतलाम, 24 फरवरी।
 जीतो चेप्टर रतलाम (जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा आदरांजली का आयोजन किया गया। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप की उपस्थिति में शहर के ख्यात साहित्यकार डॉ. जयकुमार जलज का स्मरण करते हुए श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस दौरान डॉ. जलज के परिवारजन भी उपस्थित रहे।
मंत्री श्री काश्यप ने कहा कि यह नगर हमेशा सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से जागृत और चेतन्य स्वरूप में रहा है। यह स्थिति अगले समय में भी बनी रहे यह बहुत जरूरी है। जलज जी का जीवन एक अनुकरणीय जीवन है, उसे समझना और अनुसरण करना चाहिए। जलज जी जैसे रत्नों से रतलाम का गौरव होता है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि उनका विद्यार्थी भी रहा हूं और उनका आशीर्वाद भी मिलता रहा है। मैं ऐसा मानता हूं कि किसी भी नगर के लिए एक अच्छे चिंतन की आवश्यकता है। जलज जी का नगर के प्रति भी लगाव था। हमें अपने नगर का गौरव होना चाहिए।
मंत्री श्री काश्यप ने कहा कि कोई भी सामाजिक संस्था हो उसे अपने बीच में रहने वाले, अपने शहर में रहने वाले और अपने शहर के व्यक्तित्व के बारे में ऐसी जागरूकता रखना आवश्यक है। यह महत्वपूर्ण बिंदु है, नगर के गौरव का मतलब अभिमान नहीं होता है। वह जलज जी जैसे व्यक्तित्व के कारण बनता है। हर शहर की पहचान वहां पर घटित कालखंडों में घटित विभिन्न घटनाओं एवं साहित्यकारों से होती है। ऐसे कई बड़े उदाहरण है, जहां पर व्यक्तित्व के साथ उस नगर को जाना जाता है। नगर के अंदर हमारी सामाजिक भावनाएं क्या है, सांस्कृतिक चेतना क्या है, हमारी सार्वजनिक जागरूकता क्या है। आज यह आदरांजली सभा उसी जागरूकता का परिचायक है। इस अवसर पर जीतो रतलाम चेप्टर के चेयरमैन जयंत जैन सहित महेंद्र चाणोदिया, श्वेता विंचुरकर, मुकेश जैन, डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने डॉ. जलज जी के संस्मरण भी सुनाए। संचालन राजकमल जैन ने किया।

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