अलीराजपुर

अलीराजपुर – सोण्डवा ब्लॉक के ग्राम मधु पल्ल्वी का मामला राजस्व , खाद्य एवं पुलिस विभाग की सयुंक्त कार्यवाही , आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 की धारा 3 / 7 के तहत शासकीय उचित मूल्य राशन वितरण दुकान के विरूद्ध एफआईआर दर्ज ।

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अलीराजपुर से ब्यूरो चीफ नयन टवली की खबर ✍️

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अलीराजपुर – मधु पल्लवी के ग्राम वासियों द्वारा शिकायत की गई थी कि शासन की राशन वितरण कार्यक्रम के तहत हितग्राहियों को पात्रता अनुसार खाद्य सामग्री भी प्राप्त नहीं हो रही और नाही उचित मूल्य दुकान का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा उक्त शिकायत कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर से की। कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर द्वारा शिकायत को तुरंत संज्ञान में लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोण्डवा को दल गठित कर खाद्य वितरण व्यवस्था की जांच करने के निर्देश दिए और जॉच सही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए , अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोण्डवा ने बताया कि कलेक्टर डॉ बेडेकर के निर्देशानुसार ग्राम मधु पल्लवी के देवी स्वयं सहायता समूह वावी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान का भौतिक सत्यापन किया गया । जांच के दौरान उपस्थित 20 से 25 हितग्राहियों द्वारा बताया गया कि विगत दो या तीन माह से राशन का वितरण नियमानुसार नहीं किया जा रहा था उपस्थित ग्रामीणों द्वारा बताया गया विक्रेता द्वारा पीओएस मशीन में अंगूठा लगा लिया जाता है पर राशन वितरण नहीं किया जाता , दो माह में केवल एक ही माह का खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है । दुकान पर भण्डारित गेहूं, चावल, नमक, शक्कर एवं मूंग का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें विक्रेता द्वारा बताया गया कि दुकान का आवंटन ग्राम पंचायत मधु पल्लवी के दोनो ग्राम मधु पल्लवी एवं वावी दोनों स्थानों पर राशन सामग्री भण्डारण किया जाना पाया गया जिसमें भौतिक रूप से उपलब्ध राशन सामग्री की मात्रा, एईपीडीएस पोर्टल अनुसार शेष स्टॉक की मात्रा से गेहूँ 53.85 क्विंटल, चावल 30. 90 क्विंटल कम एवं नमक 6.51 क्विंटल, शक्कर 0.12 क्विंटल अधिक पाया गया, जिसका बाजार मूल्य अनुसार राशि रूपये 3,03,930/- होता है। देवी स्वयं सहायता समूह वावी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान मधु पल्लवी से वसुली की जाना है। इनके विरूद्ध म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 10(4), 13(2),18 एवं प्राधिकार पत्र की शर्त क्रमांक 4,5,6,15,19,22,29 का स्पष्ट उल्लंघन हैं, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 की धारा 3/7 के अन्तर्गत दण्डनीय होने से संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई ।

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