झाबुआ

आदिवासी विकास विभाग के सहायक ग्रेड- 2 जी.एस.चित्तौड़िया के विरुद्ध कारवाई हेतु ,आवेदक ने जनसुनवाई में आवेदन दिया

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झाबुआ – आदिवासी विकास अंतर्गत संचालित छात्रावास में आवेदक के वाटरमेन के पद पर नियुक्त करने के बाद , करीब 14 माह की नौकरी करने के बाद भी ,आवेदक को बिना कोई कारण बताएं सेवा समाप्त की गई तथा वेतन भी नहीं दिया गया और न हीं कोई लिखित आदेश अंतर्गत बाहर किया गया । इस संबंध में आवेदक ने 20 फरवरी को जनसुनवाई में सहायक ग्रेड- 2 जी.एस.चित्तौड़िया के द्वारा हस्तलिखित कथन के संदर्भ में आवेदन देकर कारवाई की मांग की हैं ।

जानकारी अनुसार आवेदक केशवसिंह ने 20 फरवरी को जनसुनवाई में आवेदन दिया है जिसमें उल्लेख किया गया है कि आदिवासी विकास विभाग झाबुआ के अंदर अंतर्गत वर्ष 2009-10 मे शासकीय उत्कृष्ट छात्रावास रातीतलाई में वाटर मैन के पद पर नियुक्त किया गया था तथा उक्त पद पर 14 माह की नौकरी करने के बाद बिना का कोई कारण बताएं सेवा समाप्त की गई है । तथा मुझे इस दौरान वेतन भी नहीं दिया गया । वेतन नहीं मिलने को लेकर आवेदक ने तत्कालीन प्रभारी मंत्री (म.प्र.शासन) महेंद्र हार्डिया को पत्र के माध्यम से शिकायत की थी । मंत्री जी ने आवेदक से कहा आवेदन कलेक्टर को दे देना । तात्कालिक कलेक्टर जयश्री कियावत को आवेदक के द्वारा आवेदन दिया गया। कलेक्टर ने परियोजना प्रशासक प्रशासक आय टी डी पी झाबुआ को जांच की लिए दिया था । शिकायत अंतर्गत परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास झाबुआ द्वारा प्राचार्य शा. बा.उत्कृष्ट झाबुआ ,खंड शिक्षा अधिकारी विकासखंड झाबुआ, अधीक्षक बा. उत्कष्ट छात्रावास रातीतलई को पत्र क्रमांक/ स्था/ 2011/1283 20 दिसंबर 2011 पत्र जारी किया गया था तथा स्पष्टीकरण मांगा गया था । 26 दिसंबर 2011 को संभवत: बाबू जी.एस.चित्तौड़िया ने कथन भी आवेदक के दर्ज किए थे । पश्चात दिनांक 27 दिसंबर 2013 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास झाबुआ द्वारा पत्र क्रमांक/ स्था-1/ 2013/10842 के माध्यम से शिकायत का जांच प्रतिवेदन कलेक्टर जिला झाबुआ की ओर, आवश्यक कारवाई हेतु प्रेषित किया गया । आवेदक ने आवेदन में यह भी बताया कि तत्कालीन प्रभारी मंत्री को शिकायत पश्चात परियोजना प्रशासक झाबुआ के द्वारा वेतन न मिलने पर जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा प्रतिवेदन मांगा गया था जांचकर्ता अधिकारी के साथ सहायक ग्रेड 2 जी.एस चित्तौड़िया के द्वारा , उन्ही के द्वारा हैंडराइटिंग में इन्हें कहा गया , ऐसा वेसा लिख कर दे दो, आपकी नौकरी व वेतन प्राप्त हो जाएगा । आवेदन पत्र के साथ उनके द्वारा लिखा गया हस्तलिपि पत्र संलग्न भी किया गया है । आवेदक ने सहायक ग्रेड -2 जी.एस.चित्तोडीया पर भी आरोप लगाते हुए बताया, कि जांच का उद्देश्य पूर्ण कर, इन्हेंने गुमराह किया गया । जो इन्हें आज तक भुगतना पड़ रहा है । आवेदक द्वारा सहायक ग्रेड – 2 जी.एस.चित्तोडीया द्वारा गुमराह करने पर कारवाई करने हेतु निवेदन किया ।

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