जिला स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक को संपन्न*****विश्व श्रवण दिवस पर जिला चिकित्सालय में 3 मार्च को शिविर आयोजित किया जाएगा**** एडल्ट बीसीजी वैक्सीनेशन का शुभारंभ 7 मार्च को 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र लोगों को टीबी से बचाव का टीका लगेगा*****सफल रही उज्जैन की रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव-2024 63 इकाइयों की वर्चुअल शुरूआत, 10 हजार करोड़ से अधिक निवेश आया उज्जैन में पहली बार एकत्र हुए करीब 900 औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 283 बड़ी और एमएसएमई इकाइयों को 12 हजार 170 करोड़ से अधिक निवेश के लिए भूमि आवंटन आदेश दिये —
रतलाम 02मार्च 2024/ लोकसभा निर्वाचन 2024 के अंतर्गत जिला स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक शनिवार को संपन्न हुई। कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित बैठक में लोकसभा निर्वाचन के दौरान उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय के आंकलन हेतु निर्वाचन में प्रयुक्त होने वाली 247 प्रकार की सामग्रियों व कार्यों की स्थानीय बाजार में प्रचलित दरों के अनुसार निर्धारण के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श किया गया।
बैठक में विचार विमर्श उपरान्त सर्वसम्मति से दरों का निर्धारण किया गया। बैठक में अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री आर.एस. मंडलोई, उपायुक्त वाणिज्यिक कर अलका डामोर, लेखाधिकारी जिला पंचायत प्रीति डेहरिया तथा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि श्री नीतिन लोढ़ा, श्री पीयूष बाफना, श्री जाहिद मंसूरी, श्री श्रेय सोनी, श्री रणजीतसिंह राठौर, श्री लखन वसुनिया सहित जिला निर्वाचन पर्यवेक्षक श्री संजय जपथापी उपस्थित थे।
रतलाम में दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन 9 मार्च से
रतलाम 02मार्च 2024/ आत्मा एवं मिलेट मिशन के अंतर्गत जिला कृषि विभाग द्वारा दो दिवसीय कृषि मेले का आयोजन 9 मार्च से किया जावेगा। रतलाम में उक्त कृषि मेला महू नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी में आयोजित होगा। कृषि मेले में लगभग डेढ़ हजार किसान सम्मिलित होंगे। मेले में विभिन्न विभागो के स्टॉल तथा निजी कंपनियो द्वारा सिंचाई साधन, कृषि यंत्र, खाद, बीज दवाई आदि के करीब 30 स्टॉल लगाए जाएंगे। मेले में परिचर्चा, संगोष्ठी आयोजित होंगी जिनमें कृषि वैज्ञानिको द्वारा किसानों को उन्नत खेती की जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जायेगा।
विश्व श्रवण दिवस पर जिला चिकित्सालय में 3 मार्च को शिविर आयोजित किया जाएगा
रतलाम 02मार्च 2024/ बहरेपन और सुनने की क्षमता में कमी की समस्या के बारे में जागरूकता बढाने और दुनिया भर में कान औेर सुनने की देखभाल को बढावा देने के लिए प्रतिवर्ष 3 मार्च विश्व श्रवण दिवस के रूप में मनाया जाता है । अज्ञात श्रवण हानि रूग्णता का एक प्रमुख कारण है और देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए बड़ा खतरा है। यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले दशकों में जनसांख्यिकीय बदलाव, ध्वनि प्रदूषण जैसे कारकों के बढ़ते जोखिम के साथ-साथ श्रवण हानि की व्यापकता में काफी वृद्धि होना संभावित है। साथ ही ओटाइटिस मीडिया (मध्य कान का संक्रमण) जैसे अनुपचारित कान की स्थिति का बने रहना जैसे अनेक कारण श्रवण हानि का कारण बनते हैं, उन्हें रोका जा सकता है।
सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर ने बताया कि वर्ष 2024 के लिए विश्व श्रवण दिवस की मुख्य थीम ‘बदलती मानसिकता : आईये कान और श्रवण संबंधी देखभाल को सभी के लिए वास्तविक बनाएं’ निर्धारित की गई है । इस संबंध में नि:शुल्क जांच उपचार शिविर का आयोजन 3 मार्च को प्रातः 9:00 बजे से 2:00 बजे तक जिला चिकित्सालय रतलाम में किया जा रहा है। शिविर में अधिक से अधिक लोग उपस्थित होकर अपने कान एवं श्रवण रोग संबंधी समस्याओं का निदान एवं परामर्श प्राप्त कर सकते हैं ।
राष्ट्रीय बधिरता नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम की नोडल अधिकारी नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. अदिति भावसार ने बताया कि कान की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है। बहरेपन के प्रमुख कारणों में कान के संक्रमण, मवाद आना, कान का दर्द, कान में मैल, कान की दुर्घटनाएं, सिर या कान में चोट, बचपन की बीमारियां, खसरा, अत्यधिक शोर, हॉर्न, लाउडस्पीकर, तेज आवाज में संगीत, पटाखे, दवाइयां,जो श्रवण शक्ति को नुकसान पहुंचती है। गर्भावस्था में होने वाली समस्याएं जैसे कि रूबेला जर्मन मीजल्स, समय से पहले बच्चे का पैदा होना आदि है ।
कान शरीर का एक प्रमुख नाजुक अंग है , इस पर किसी भी स्थिति में चोट नहीं लगने देना चाहिए। बच्चा यदि कक्षा में अनमना रहे और ध्यान ना देता हो तो हो सकता है उसे कम सुनाई देता हो, बच्चों को कान में कुछ भी डालने से रोके, बच्चों को कभी कान पर ना मारे, किसी बच्चे का कान बहता हो या कम सुनता हो तो उसकी तुरंत डॉक्टरी जांच करना चाहिए। गंदे पानी में तैरने और नहाने से बचें । अस्वच्छ वातावरण में रहने से बचें, कान में नुकीली वस्तु डालने से बचे।
एडल्ट बीसीजी वैक्सीनेशन का शुभारंभ 7 मार्च को
18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र लोगों को टीबी से बचाव का टीका लगेगा
रतलाम 02मार्च 2024/ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त किया जाना है। इस संबंध में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीबी से बचाव के लिए 7 मार्च से वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया जाएगा।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील ने बताया कि स्वेच्छिक आधार पर चिन्हित व्यक्तियों को ही शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर वैक्सीन लगाया जाएगा। बीसीजी का वैक्सीन वर्तमान में शिशु के जन्म लेने के 24 घंटे में लगाया जा रहा है, इसका सिंगल डोज चमडी की उपरी सतह पर लगाया जा रहा है सामान्य रूप से टीका सुरक्षित माना गया है। वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा जिला कार्यालय में प्राप्त कर ली गई है। जिला क्षय अधिकारी डॉ. अभिषेक अरोरा ने बताया कि यह एक कारगर वैक्सीन है। अध्ययन बताते है इस वैक्सीन को लगवाने पर टीबी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण होता है जिससे व्यक्ति में टीबी की बामारी होने से 40 प्रतिशत तक बचाव देखा गया है। ग्राम स्तरीय मैदानी कर्मचारियों द्वारा सर्वे कर पात्र लोगों की सूची तैयार की जा रही है ।
इन्हे लगेगा टीबी से बचाव का टीका
टीकाकरण के दौरान पिछले 5 वर्ष से टीबी का उपचार करा रहे ऐसे लोग जिनका उपचार पूर्ण हो चुका है, पिछले 5 साल से टीबी मरीज के संपर्क में रहने वाले लोग, जिनका बीएमआई 18 से कम हो (अपना बीएमआई जानने के लिए मोबाईल पर बीएमआई इंडिया लिखकर वजन और उंचाई लिखकर आसानी से जान सकते हैं) , स्वयं रिपोर्ट किए गए धुम्रपान करने वाले लोग, स्वयं रिपोर्ट किए गए डायविटीज के मरीज तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सहमति पत्र भरकर टीका लगवा सकेंगे ।
इन्हे नहीं लगेगा टीका
18 वर्ष से कम आयु के लोग, टीका लगवाने के प्रति असहमति रखने वाले व्यक्ति, गंभीर रूप से बीमार बिस्तर पर रहने वाले व्यक्ति, गर्भवती माताऐं, स्तनपान कराने वाली माताऐं, जिनका वर्तमान में टीबी का उपचार चल रहा है एचआईवी, कैंसर इम्युनोसप्रेशन लोग , दवाओंके प्रति एलर्जी रखने वाले लोग, प्रत्यारोपण रिसीवर आदि को किसी भी स्थिति में बीसीजी का वैक्सीनेशन नहीं किया जाएगा ।
सफल रही उज्जैन की रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव-2024
63 इकाइयों की वर्चुअल शुरूआत, 10 हजार करोड़ से अधिक निवेश आया
उज्जैन में पहली बार एकत्र हुए करीब 900 औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 283 बड़ी और एमएसएमई इकाइयों को 12 हजार 170 करोड़ से अधिक निवेश के लिए भूमि आवंटन आदेश दिये
रतलाम 02मार्च 2024/ उज्जैन के इंजीनियरिंग महाविद्यालय परिसर में दो दिवसीय रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन बहुत सफल रहा। इस कॉन्क्लेव में यूएसए, यूके, कनाडा, सीजी, जर्मनी, इजराईल, जापान, गेबोन, साउथ कोरिया, सिंगापुर, जाम्बिया और मलेशिया के प्रतिनिधि शामिल हुए। कांक्लेव में करीब 4 हजार प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों से पृथक-पृथक संवाद किया। उन्होंने 20 से अधिक प्रमुख औद्योगिक समूहों के पदाधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा की। कॉन्क्लेव में 63 इकाइयों का वर्चुअल शुभारंभ भी किया गया, जिसके लिए प्रदेश के विभिन्न 21 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गये। इन इकाइयों से प्रदेश में 10 हजार 64 करोड़ रूपये का निवेश होगा, जो 17 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में 283 बड़ी और एमएसएमई इकाइयों को 12 हजार 170 करोड़ से अधिक निवेश के लिए भूमि आवंटन आदेश भी प्रदान किये। यह कॉन्क्लेव की विशेषता थी, जिसे निवेशकों सहित आमजन और जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सराहा गया। प्रदेश में पहली बार मंच से ही इतनी बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों को जमीन आवंटन के आदेश प्राप्त हुए हैं। कॉन्क्लेव के माध्यम से सबसे बड़ा निवेश अडानी समूह की तरफ से आया है, जो प्रदेश में 75 हजार करोड़ रूपये के निवेश के लिए आगे आये है। उज्जैन की विक्रम उद्योगपुरी में भी पेप्सिको समूह 1250 करोड़ रूपये का निवेश कर रहा है। इससे करीब 500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
एलटीआई माइंडट्री ने राज्य शासन के साथ एक एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सुपर कॉरिडोर इंदौर में संस्थान के प्रस्तावित परिसर में 500 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके लिए सरकार की आईटी नीति के तहत संस्थान को 10 एकड़ जमीन आवंटित की है। इस निवेश से राज्य में लगभग 10 हजार तकनीकी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में 20 से अधिक औद्योगिक समूहों द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ वन-टू-वन बैठक की गई, जिसमें लगभग 17 हजार करोड़ के निवेश संबंधी प्रस्तावों पर ठोस चर्चा हुई। लगभग 880 इकाइयों के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में एक लाख करोड़ रूपये से अधिक निवेश के लिए इन्टेन्शन-टू-इन्वेस्ट प्रदर्शित किया गया।
कॉन्क्लेव के दौरान ही मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई। निर्धन वर्ग के लिए यह सेवा वरदान सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव के समापन दिवस पर इसका शुभारंभ किया। इस सेवा के अंतर्गत एक हेली-एम्बुलेंस और एक फिक्स्ड विंग कन्वर्टेड फ्लाइंग आईसीयू विमान प्रदेश के सभी जिलों और प्रशासनिक प्रभागों के नागरिकों की सेवा में तैनात रहेंगे। इस हेलीकॉप्टर और विमान में उच्च प्रशिक्षित डॉक्टर और पैरामेडिक्स की टीम भी रहेगी। फ्लाइंग डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम एयरो मेडिकल साइंसेज फैलोशिप में होंगे। इस सेवा का लाभ प्रदेश के सभी नागरिकों को मिलेगा।
कॉन्क्लेव में सेक्टर-वार निवेश अवसरों पर विस्तृत जानकारी देने के लिए दो दिन में पांच क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में एमएसएमई और स्टार्टअप, मप्र में निवेश के अवसर डेयरी, एग्रो, खाद्य प्रसंस्करण, म.प्र. में अधोसंरचना विकास में निवेश के अवसर और धार्मिक पर्यटन पर गंभीर चर्चा हुई। इसी तरह फार्मा मेडिकल डिवाइस के अवसर और चुनौतियों के संबंध में भी विचार-विमर्श हुआ। ये सत्र प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगे।
रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, खनिज, इंजीनियरिंग, कपड़ा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, शहरी अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में विविध निवेश के अवसरों का प्रदर्शन किया गया। राज्य सरकार, ओडीओपी और राज्य के अन्य उत्पादों के निर्यात और घरेलू व्यापार को बढ़ावा देने के लिए समानांतर रूप से काम कर रहा है, इसके लिए एक अलग बॉयर-सेलर बैठक क्षेत्र बनाया गया है। कॉन्क्लेव में दो दिन में 2500 से अधिक बॉयर-सेलर बैठकें हुई, जिसमें भागीदारों का उत्साह सामने आया। मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिवेश को प्रदर्शित करने के लिए तीन प्रदर्शनियां स्थापित की गईं, जिनमें 16 विभिन्न तरह के उद्योगों के जरिए प्रदेश के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र संबंधी जानकारी दी गई। मध्यप्रदेश मंडप में प्रदेश की नीतियों के साथ ही ओडीओपी उत्पाद के बारे में भी जानकारी दी गई। ओडीओपी से संबंधित विशेष प्रकाशन भी किया गया, जिसका कॉन्क्लेव में विमोचन भी हुआ। कॉन्क्लेव में भागीदार प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश के उद्योग क्षेत्र से जुड़ी उपयोगी जानकारियों और सूचनाओं के प्रकाशन का स्वागत किया।
भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में पहली बार उद्योग क्षेत्र का दो दिवसीय सार्थक आयोजन संपन्न हुआ। विश्वपटल पर उज्जैन के पौराणिक महत्व के साथ औद्योगिक क्रांति की इस नई पहल का सभी पक्षों द्वारा स्वागत हुआ है।