झाबुआ – अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देश अनुसार तेरापंथ महिला मंडल झाबुआ द्वारा अंतररार्ष्ट्रीय महिला दिवस पर नुक्कड़ नाटक, प्रेरणा गीत व प्रेरणा सम्मान कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय लक्ष्मी बाई मार्ग स्थित तेरापंथ सभा भवन पर किया गया । इस अवसर पर श्रीमती माया कांसवा का सम्मान भी किया गया ।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार को महिला मंडल द्वारा तेरापंथ सभा भवन पर रात्रि 8:00 बजे नमस्कार महामंत्र के जाप के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ । तत्पश्चात उपस्थित महिला मंडल सदस्यों ने एक दूसरे को अंतररार्ष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की । उसके बाद महिला मंडल द्वारा सामूहिक रूप से गीत …आओ बहनो…..जागो बहनो ……का संगान किया गया । पश्चात तेरापंथ महिला मंडल सचिव द्वारा अंतररार्ष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रकाश डाला गया । तेरापंथ महिला मंडल सदस्यों द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई , जिसमें दो अलग-अलग परिवार की मां ने अपने बच्चों को किस प्रकार संस्कार दिए बताया । जिसमें एक परिवार की मां ने अपने बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति अनुसार पालन पोषण किया तथा बच्चों को क्लब, बार आदि अनेक जगहों पर जाने की छूट दी । वहीं अन्य मां ने अपने बच्चों को सनातन संस्कृति और जैन संस्कृत के अनुसार पालन पोषण किया तथा अपने बड़ों का आदर, सम्मान देने की समझाइए दी व धर्म के प्रति श्रद्धा रखने की बात समझाई । जब दोनों माताएं वृद्धावस्था में पहुंचती हैं तो पाश्चात्य संस्कृति के बच्चों ने मां के बीमार होने पर उसे वृद्धा आश्रम में भर्ती कराया । वहीं अन्य मां के बीमार होने पर उसके बच्चों ने उसकी देखभाल की व इलाज कराया । नाटक का उद्देश्य था युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना व जागरूक बनाना । इस नॉटय प्रस्तुति में करीब 14 महिलाओं ने सहभागिता की तथा करीब 24 मिनट तक यह नुक्कड़ नाटक चला व इसके माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया ।
श्रीमती माया कांसवा का सम्मान किया गया……
अंतररार्ष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल झाबुआ द्वारा समाज की सुश्राविका श्रीमती माया कांसवा का सम्मान किया गया । श्रीमती कांसवा वर्ष 1987 से महिला एवं बाल विकास विभाग में लेखापाल के पद पर कार्यरत हैं तथा करीब 37 वर्ष की इस शासकीय सेवा में उन्होंने जिले में कई जगह अपनी सेवाएं दी है । शासकीय सेवा के अलावा उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन में भी बच्चों को संस्कार दिए हैं तथा परिवार की सार संभाल भी की है उन्होंने सामाजिक जीवन ,धार्मिक जीवन, पारिवारिक जीवन के प्रति अपने संपूर्ण कर्तव्यो को बखूबी निभाया है इसी उपलब्धि को देखते हुए तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सुश्राविका श्रीमती माया कांसवा को प्रशस्ति पत्र व पुस्तक देकर सम्मान किया गया । श्रीमती कांसवा ने बताया कि उन्होंने अपने इस 37 वर्ष के कार्यकाल में काफी कठिनाइयों का सामना किया तथा कई बार परिस्थितियों विपरीत होने के बाद भी ,उसमें सामंजस्य बनाकर कार्य को पूर्ण करने का प्रयास किया । आपने बताया कि कैसै सामाजिक, धार्मिक व पारिवारिक जीवन का सफल रूप से निर्वहन किया जाए । उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया है कि परिस्थितियों चाहे कितनी भी विपरीत हो जाए , किसी भी अवस्था में आप घबराएं नहीं तथा हर परिस्थिति का सामना धैर्य , समझ व आपसी तालमेल बनाकर करें , जिससे आपको सफलता अवश्य मिलेगी । कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष पुखराज चौधरी, तेरापंथ सभा सचिव दीपक चौधरी ने भी अपनी बात कही । समण संस्कृति संकाय के संयोजक मितेश गादीया ने भी नारी शक्ति को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा एकता और आपसी स्नेह के साथ ,नारी शक्ति को आगे बढ़ाने की बात कही । कार्यक्रम का सफल संचालन व आभार महिला मंडल सचिव शर्मिला कोठारी ने किया ।
सोनिया- रसना की जोड़ी द्वारा बनाई गई थीम की , सब ने की सराहना….
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संपूर्ण कार्यक्रम की कार्ययोजना बनाने व कार्यक्रम हेतु थीम को लेकर योजना बनाने की जिम्मेदारी श्रीमती सोनिया कोठारी व श्रीमती रसना भंडारी को दी गई थी । दोनों ही महिलाओं ने अपने कार्य को बखूबी अंजाम दिया तथा सभी कलाकारों या पात्रों को नुक्कड़ नाटक मे उनके योग्यता अनुसार, उनको रोल दिया तथा सभी सदस्यों में आपसी सामंजस बनाने का प्रयास भी किया और अंत: यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल रहा । दोनों ही महिलाओं ने इस उपलब्धि को संपूर्ण तेरापंथ महिला मंडल की उपलब्धि बताई तथा आगामी दिनों में भी ऐसे ही सहयोग की बात कही । इस जोड़ी की कार्यप्रणाली को लेकर संपूर्ण समाज ने भूरी भूरी प्रशंसा की है तथा आगामी दिनों में भी इसी तरह से एकता और आपसी स्नेह के साथ कार्य करने की बात भी कही है ।
नारीत्व के उत्सव के लिए शुभकामनाएं, जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए समर्थन, प्यार और करुणा की परिभाषा है ।
श्रीमती हंसा गादीया , तेरापंथ ज्ञानशाला प्रशिक्षिका , झाबुआ ।