बिना पंजीयन…हो रहा मरीजों का इलाज , न बीएमडब्ल्यू एनओसी , न स्वास्थ्य विभाग में पंजीयन ,न ही चिकित्सक का एमपी में पंजीयन….
झाबुआ —- जिले के स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली से शहर और जिले में कई अस्पताल निजी तौर पर संचालित हो रहे हैं जबकि इन हॉस्पिटल संचालक द्धारा शासकीय नियमानुसार या विधिवत रूप से जो अनुमति लेना है वह भी नहीं ली है । ऐसा ही एक अस्पताल लबाना हॉस्पिटल शहर में प्रारंभ हुआ है जो बिना पंजीयन के अस्पताल का संचालन हो रहा है साथ ही साथ मरीजों का इलाज भी हो रहा है हास्पीटल के संचालक द्वारा ना तो बीएमडब्ल्यू एनओसी ली हैं और ना अस्पताल से पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और न हीं चिकित्सक का एमपी में पंजीयन है फिर भी अस्पताल का संचालन सुचारु रूप से हो रहा है ।
जानकारी अनुसार किसी भी हास्पीटल को शुरू करने के लिए नगर पालिका से प्राप्त (बिल्डिंग परमिट से संबंधित लाइसेंस और नियम, )मुख्य अग्निशमन अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना जरूरी है। इसके अलावा बायो-मेडिकल प्रबंधन और हैंडलिंग नियम 1998 के तहत लाइसेंस, जिसमें आपको यह देखना होगा कि बाहरी एजेंसी जिसके साथ हास्पीटल के सभी बायोमेडिकल कचरे के निपटान के लिए अनुबंध कर रहे हैं वह मान्यता प्राप्त है या नहीं। इसके अलावा उस एजेंसी के लाइसेंस की एक प्रति हास्पीटल के पास भी उपलब्ध होनी चाहिए। यह भी देख लें कि एजेंसी के पास प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र भी हो। इसके अलावा एक्स-रे के साथ-साथ स्कैनर के संबंध में विकिरण सुरक्षा प्रमाणपत्र भी संभवतः आवश्यक हैं । इसके अलावा यदि हॉस्पिटल मध्य प्रदेश राज्य में खोला जा रहा है तो मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद भोपाल में डॉक्टर का पंजीकृत होना भी आवश्यक है । लेकिन शहर के बीचो-बीच में नगरपालिका कार्यालय के पास, स्वाद गार्डन के समीप, लबाना हॉस्पिटल प्रारंभ हो चुका है तथा यहां पर मरीजों का उपचार भी शुरू हो चुका है तथा इसकी विधिवत्त रूप से ओपनिंग भी की जा चुकी है शहर में कई जगह इसके बोर्ड भी लगे हुए हैं । जबकि जानकारी अनुसार लबाना हॉस्पिटल के संचालक द्वारा ना तो स्वास्थ्य विभाग झाबुआ से हॉस्पिटल प्रारंभ करने के लिए प्रमाण पत्र लिया है । ना ही नगर पालिका से बिल्डिंग परमिट से संबंधित लाइसेंस और न ही किसी भी प्रकार की कोई अनुमति ली.हैं । इसके अलावा बायोमेडिकल प्रबंधन या बायोमेडिकल कचरे के निपटान के लिए भी अनुमति नहीं ली गई है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया । इस हास्पीटल के संचालक द्वारा मात्र गुमास्ता कानून के तहत पंजीकरण किया गया है जबकि नियम अनुसार हास्पीटल ( झाबुआ क्षेत्र मे ) को प्रारंभ करने के लिए संभवत नगर पालिका से बिल्डिंग की एनओसी, फायर एनओसी, बायोमेडिकल वेस्ट की अनुमति, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी को ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत आवेदन किया जाता है तत्पश्चात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (झाबुआ क्षेत्र मे होने से ) के पोर्टल पर अपलोड होता है आवेदन पश्चात सीएचएमओ द्वारा टीम का गठन किया जाता है पश्चात टीम द्वारा हॉस्पिटल का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है उसके बाद ही हास्पीटल को पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है । वर्तमान में लबाना हॉस्पिटल मध्य प्रदेश उपचार्याग्रह तथा राजोपचार संबंधी स्थापना( रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन ) अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन नहीं कराया गया हैं । माना जा सकता है कि यह अवैधानिक रूप से संचालित हो रहा है । वही लबाना हॉस्पिटल के संचालक द्वारा मात्र गुमास्ता में पंजीकरण को आधार मानकर, शहर के मध्य में हॉस्पिटल का शुभारंभ कर , मरीजों का उपचार बिना पंजीयन के किया जा रहा है । जोकि नियम अनुसार गलत है जिसकी सूचना पूर्व में भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस.बघेल को दी है लेकिन उन्होंने कोई कारवाई नहीं की है इस तरह से कारवाई न होना ऐसा प्रतीत होता है कि मानो स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से ही यह हॉस्पिटल प्रारंभ हो रहा है और कहीं ना कहीं आर्थिक लाभ लेने की भी संभावना बनी हुई है । क्या शासन प्रशासन इस और ध्यान देकर बिना अनुमति के प्रारंभ हो रहे हैं इस तरह के हॉस्पिटलों पर कोई कार्रवाई करेगा या फिर बिना पंजीयन के ही यह हास्पीटल …यूं ही संचालित होते रहेंगे और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते रहेंगे…?
लबाना हॉस्पिटल के संचालन को लेकर कोई अनुमति नहीं दी गई है । डा.बी.एस.बघेल , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ ।