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चंद्रशेखर आज़ाद स्मृति व्याख्यान माला के द्वितीय सोपान का गरिमामय आयोजन

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चंद्रशेखर आज़ाद स्मृति व्याख्यान माला के द्वितीय सोपान का गरिमामय आयोजन

चंद्रशेखर आज़ाद स्मृति व्याख्यान माला के द्वितीय सोपान का गरिमामय आयोजन  स्थानीय गायत्री परिवार के वरिष्ठ विनोद जायसवाल  की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। आज की इस व्याख्यान माला में हिंदी सिनेमा साहित्य  के सशक्त हस्ताक्षर तथा राष्ट्रीय अवार्ड के साथ प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी अवार्ड से सम्मानित जागरण समूह के एसोसिएट संपादक नई दिल्ली से पधारे अनंत विजय जी ॰साहित्य, समाज और सिनेमा “  विषय पर बेबाकी से अपने विचार रख उपस्थित जनमानस के दिलो दिमाग को झकझोर दिया। उन्होंने शेक्षणिक साहित्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने की कुत्सित चेष्टा को तथ्यो के साथ प्रस्तुत करते हुए उद्धृत किया की हमे बताया जाता है की महात्मा गांधी की हत्या एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण ने की थी, जबकि गणेश शंकर विद्यार्थी की हत्या एक उन्मादी भीड़ ने की थी, यह नही बताया जाता की उस उन्मादी भीड़ में तीन मुस्लिम युवक शामिल थे। ऐसे अनेक उदाहरण देते हुए उन्होंने रेखांकित किया की किस प्रकार तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग ने एक नए शब्द ‘ एक विशेष वर्ग ‘ की रचना की। साहित्य पर वामपंथियों के प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा की स्वाधीन भारत में भी कालिदास से अधिक मंचन चेखब का होता है। सिनेमा का उल्लेख करते हुए आपने कहा की स्वाधीनता से पूर्व मुक फिल्मों के दौर में बनने वाली फिल्मों की कहानियां यहां की सनातन संस्कृति से प्रेरित होती थी, लेकिन स्वाधीनता के बाद की फिल्मों में उनका स्थान तथाकथित समाजवादी विषयों ने ले लिया। वर्तमान वेब सीरीज पर बड़ती अश्लीलता और वेमनास्यता के प्रति आगाह करते हुए उन्होंने कहा की ऐसी सामग्री वाली वेब सीरीज को सहज मिलने वाली दर्शक संख्या के कारण ही इस प्रकार के कंटेंट की बाड़ सी आई हुई है। जिस प्रकार हमारे समाज की स्वीकार्यता के चलते वर्तमान में फिल्मों में राष्ट्रवादी विचारधारा की विषयों को प्रमुखता से लिया जा रहा है, वैसा ही कुछ हमे एकजुट होकर वेब सीरीज के साथ भी करना होगा, केवल सरकार द्वारा कुछ कंटेंट पर प्रतिबंध लगाने से इसका समाधान नहीं होगा। उन्होंने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा की तुलसीदास और सूरदास दोनो ही महान कालजई कवि थे किंतु अपनी निरंतरता के कारण तुलसीदास रचित रामचरित मानस एक महा आख्यान बन गया। इसी प्रकार वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संकल्प से सिद्धि फिर अमृत महोत्सव, अमृत काल से लेकर २०४७ में विकसित भारत के लक्ष्य को एक निरंतरता के साथ प्राप्त करने की ओर बड़  रहे है ।

आज के व्याख्यान में नगर के ख्याति प्राप्त चिकित्सक, प्राध्यापक, व्यवसायी, एडवोकेट, साहित्यकार, शिक्षक सहित ५०० से अधिक बुधीजन सम्मिलित हुए। आज की इस व्याख्यान माला का सफल संचालन युवा तरुनाई अथर्व शर्मा द्वारा किया गया।  केशव इंटरनेशनल के छात्रों द्वारा दीप मंत्र की सुमधुर प्रस्तुति दी गई। पद्मश्री रमेश परमार एवं शांति परमार द्वारा अतिथि को स्वनिर्मित गुड़िया भेंट की गई।   कार्यक्रम के अंत में केशव इंटरनेशनल के विद्यार्थियों ने वंदे मातरम् की मनमोहक प्रस्तुति दी। समिति की तरफ से संध्या कुलकर्णी ने आभार प्रकट किया।

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