झाबुआ

प्रभु श्री गोवर्धननाथजी ने बगीचे में विराज कर खेला फाग’ 25 मार्च को धुलेंडी पर डोलोत्सव के साथ समापन होगा होलिकोत्सव- प्रतिदिन भगवान को खेलाई जा रही हर्बल रंगो से होली ।

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प्रभु श्री गोवर्धननाथजी ने बगीचे में विराज कर खेला फाग’
25 मार्च को धुलेंडी पर डोलोत्सव के साथ समापन होगा होलिकोत्सव-
प्रतिदिन भगवान को खेलाई जा रही हर्बल रंगो से होली ।

झाबुआ । शहर के मध्य स्थित प्राचीन प्रभु श्री गोवर्धननाथजी की हवेली मैं बसंत पंचमी से निरंतर फाग उत्सव चल रहा है इसके तारतम्य में होली से पूर्व होने वाले बगीचा उत्सव बगीचा त्रयोदशी के दिन मनाया गया। श्री गोवर्धननाथ जी की हवेली के अधिकारी श्री बृजकिशोर त्रिवेदी के अनुसार मुदिर के मुखिया श्री दिलीप आचार्य द्वारा सर्वप्रथम प्रातःकाल प्रभु श्रीजी को केसर ,चंदन आदि से अभ्यंग कराया । तत्पश्चात बगीचे की भावना अनुसार प्रभु को सोने का मुकुट, केसरी काछनी और वनमाला का श्रृंगार धराया गया। डोल तिबारी में वैष्णवो द्वारा आसापाला याने अर्जुन वृक्ष के पत्तों, फल-फूलों द्वारा सुंदर बगीचा सजाया गया। जिसके उपरांत प्रभु को बगीचे में पधरा(स्थापित) कर विधिवत चोवा, चंदन, अरगजा , अबीर, गुलाल एवं फूलों से फाग खिलाया गया। उसके पश्चात प्रभु की पिचकारी से सभी वैष्णवजनों पर टेसू के फूलों से निर्मित रंग का छिड़काव एवं पोटली में अबीर गुलाल भरकर उड़ाया गया। कीर्तनया मंडली श्री रमेश त्रिवेदी एव ंदल द्वारा फाग के कीर्तन ,धमार एवं मधुर रसिया का गायन प्रभु सम्मुख किया गया।


श्री गोवर्धननाथ जी की हवेली के मुखिया दिलीप आचार्य का कहना है कि बसंत पंचमी से ही होली के आयोजन शुरू हो जाते हैं, जो अलग-अलग प्रकार के होते हैं। नाथद्वारा हवेली की तरह यहा भी पुष्टि मत के अनुसार मनोरथ और उत्सव होते हैं। हवेली में होली 24 मार्च को मनाई गई जबकि धुलेंडी पर 25 मार्च को फूल डोल उत्सव भगवान के समक्ष होगा । उन्होने बताया कि पूरे मंदिर परिसर में भक्ति से सराबोर वातावरण छा गया एवं सभी वैष्णव रसिया पर नृत्य करके अपनी भक्ति भावना प्रकट करते रहे वही एवं जय-जयकारो से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
अंत में मुखिया श्री दिलीप आचार्य द्वारा प्रभु श्रीजी की महामंगल आरती उतारी गई। एवं प्रतिदिन सायंकाल 7.00 बजे शयन दर्शन में फाग खेला जा रहा है ,जिसके अंतर्गत प्रभु के सन्मुख मशाल पर राल उड़ाई जाती है एवं अलग-अलग स्वांग रचकर प्रभु को रिझाया जाया जाता है।


45 दिवसीय फाग उत्सव का डोलोत्सव के दिन होगा समापन
’ श्री तनिष्क उर्फ कान्हा अरोरा के अनुसार उक्त विषय में मंदिर समिति द्वारा जानकारी दी गई कि प्रधानपीठ नाथद्वारा अनुसार होलीका प्रदीपन 25 मार्च सोमवार को सूर्योदय पूर्व प्रातः 5.30 बजे किया जावेगा एवं डोलोत्सव (धुलेण्डी) मनाया जाएगा। डोल के दर्शन प्रातः 11.00 बजे खुलेंगे उसके पश्चात फागोत्सव का समापन होगा। मंदिर मंडल द्वारा भक्तजनों से आव्हान किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर ठाकुर जी के संग फाग का आनंद लें।

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