झाबुआ

दाऊदी बोहरा समाज ने ऐतिहासिक फैसले पर खुशी जाहिर की है, जो पूरे समाज के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक क्षण है।

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थांदला (वत्सल आचार्य)  मंगलवार, 23 अप्रैल 2024। दाऊदी बोहरा समुदाय ने माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जी.एस. पटेल द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले पर खुशी जाहिर की है, जो पूरे समाज के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक क्षण है।फैसले में, जिसमें दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और विस्तृत तर्कों पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया था, यह निर्णायक रूप से माना गया है कि 52वें अल-दाई अल-मुतलक, परम पूज्य सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने अपने पुत्र, परम पूज्य सैयदना मुफ़द्दल सैफुद्दीन को अपना उत्तराधिकारी और दाउदी बोहरा समुदाय के 53वें अल-दाई अल-मुतलक के रूप में नियुक्त किया था।

सैयदना सैफुद्दीन की नियुक्ति को दी गई दुर्भाग्यपूर्ण चुनौती और इसके आधार पर पेश किए गए विभिन्न झूठे तर्कों के उक्त निर्णय में निर्णायक रूप से निपटारा किया गया है तथा मूल वादी खुजेमा कुतुबुद्दीन और वर्तमान वादी उनके पुत्र ताहिर कुतुबुद्दीन के दावों को खारिज कर दिया गया है। निर्णय में वादी द्वारा दाऊदी बोहरा धर्म के तथ्यों और धार्मिक सिद्धांतों की गलत व्याख्या और भ्रामक चित्रण को दृढ़ता से खारिज कर दिया गया है।

हम हमेशा से भारतीय न्यायपालिका में विश्वास करते रहे हैं और उस पर पूरा भरोसा और आस्था रखते हैं, जिसने बार-बार सैयदना और दाऊदी बोहरा समुदाय की सदियों पुरानी मान्यताओं, रीति-रिवाजों, प्रथाओं और सिद्धांतों के स्थान की पुष्टि की है।

हम इस अवसर पर माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम पटेल को पिछले दस वर्षों में इस जटिल मामले को धैर्यपूर्वक सुनने और निर्णय देने में जितना समय लगा, उतना समय देने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं। हम स्वर्गीय श्री इब्राहिम ए.के. फैजुल्लाभॉय के नेतृत्व में अपने सभी सॉलिसिटरों और अधिवक्ताओं के प्रति भी आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हैं, साथ ही आर्गस पार्टनर्स की टीम, जिसमें वरिष्ठ भागीदार श्री अबीजार इब्राहिम फैजुल्लाभॉय, भागीदार श्री मुर्तजा कचवाला, वरिष्ठ सहयोगी सुश्री जैशा सबावाला, साथ ही आर्गस पार्टनर्स और अन्य कानूनी फर्मों के अन्य अधिवक्ता शामिल हैं, जिन्होंने समय-समय पर हमारी ओर से इस मामले में भाग लिया है। अंत में, हम उन सभी गवाहों को भी धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने इस मामले में परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की ओर से साक्ष्य दिए, जिनकी गवाही अनुकूल निर्णय प्राप्त करने का आधार बनी। इस फरमान के आते हि थांदला दाऊदी बोहरसमाज मे खुशी की लहर दौड़ पड़ी वही एक दूसरे को मुबारक बाद देने का सिलसिला शुरु हो गया।

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