दीक्षार्थी क्षुल्लक श्री पूर्णसागरजी ने किया कर पात्र में आहार
थांदला (वत्सल आचार्य) वात्सल्यमूर्ति 108 पूज्य श्री पुण्यसागरजी महाराज साहेब के 19 वर्षों बाद 19 पीछी के साथ 6 मई को नगर आगमन हो रहा है। उनके आगमन से जहाँ सकल संघ सहित थांदला नगर में उत्साह का वातावरण है वही जिन शासन में अभिवृद्धि होने जा रही है। दिगम्बर जैन श्री संघ अध्यक्ष अरुण कोठारी (बाला भाई), इन्द्रवर्धन मेहता, पारस मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि थांदला के रतलालजी मेहता ने पूर्व में मुनिश्री से दीक्षा ग्रहण कर 105 क्षुल्लक पूर्णसागरजी बन गए थे जिनका मोक्ष मार्ग आरोहण समारोह जैनेश्वरी दीक्षा भी गुरुदेव के मंगल प्रवेश के साथ होगी। आज थांदला के निकट आईटीआई केंद्र पर दिगम्बर जैन श्री संघ थांदला की ओर से आयोजित मोक्ष मार्ग आरोहण समारोह के तहत दीक्षार्थी क्षुल्लक द्वारा श्री जिनेंद्र भगवान का पंचामृत अभिषेक एवम् पूजन किया गया। महोत्सव के तहत 5 मई को मुनि श्री पुण्यसागरजी महाराज के ससंघ सान्निध्य में दीक्षार्थी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम अंतर्गत मुनि श्री के चरण प्रक्षालन एवम् पूजन की गई। इसके पूर्व क्षुल्लक श्री पूर्णसागरजी को कर पात्र में आहार लेने का अभ्यास कराया गया। जानकारी देते हुए विजय भिमावत, अनूप मिंडा व संदेश बोबड़ा ने बताया कि झाबुआ जिलें के थांदला नगर में दिगम्बरी दीक्षा महोत्सव का यह पहला अवसर है जब थांदला के ही क्षुल्लक पूर्ण रूप से दिगम्बर मुनि बन जाएंगे। इस अवसर पर गुरुदेव द्वारा उपस्थित परिषद को धर्म लाभ भी दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वैराग्य का मार्ग अपना कर दिगम्बर जैनेश्वरी दीक्षा अति दुर्लभ है जो मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ महोत्सव है। मनुष्य जीवन प्राप्त करने के बाद व्यक्ति अपने गृहस्थ जीवन संबंधी नियम धर्म का पालन करते हुए संसार से विरक्त होकर दीक्षा धारण करता है। मोक्ष मार्ग का यह शाश्वत सत्य प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान से लेकर चरम तीर्थंकर महावीर स्वामी तक व उनके बाद गणधर प्रभु के साथ अनन्त आत्माओं ने इस मार्ग का अनुसरण किया है व वर्तमान दुर्लभ पंचम आरे में भी दुर्लभ दीक्षा को ग्रहण कर अनेक आत्मा स्व पर कल्याण कर रही है। आयोजन में दिगम्बर संघ के अलावा मध्यप्रदेश सहित गोवाहाटी, असम, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि अनेक स्थानों के श्रद्धालु उपस्थित थे। संचालन वीणा दीदी ने किया उक्त जानकारी प्रियंक मेहता, संजय कोठारी ने दी।