झाबुआ

चलो पता लगाए:- कौन है वह दलाल सेठिया, जो बिना बिल के करोड़ों का सरिया 5 जिलों में कर रहा है सप्लाय

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झाबुआ – सरकार द्वारा विभिन्न समग्री पर जीएसटी लगाकर करोड़ अरबो रुपए की जीएसटी की वसूली की जा रही है वहीं दूसरी ओर आज भी जालना महाराष्ट्र की ओर से आने वाला सरिया बिना बिल के कई जिलों में एंट्री कर रहा है और दलाल सेठिया द्वारा बिना बिल का सरिया सप्लाय कर,  शासन को लाखों करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचाई जा रही है । वही जीएसटी विभाग अभी भी कुंभकर्णीय नींद में सोया हुआ है । सूत्रों के अनुसार जालना महाराष्ट्र की ओर से कई कंपनियों का सरिया धार ,राजगढ़ , झाबुआ , अलिराजपुर और रतलाम की तरफ आ रहा है । दलाल सेठिया द्वारा विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों का सरिया इन पांच जिलों में बिना बिल के पहुंचाया जा रहा है और बिना बिल के सरिया पहुंचाने की एवज में दुकानदारों से अलग से राशि की मांग भी दलाल द्वारा की जा रही है । वही हम बात करें सरिया की तो सरकार द्वारा सरिया पर 18 % जीएसटी वसूला जाता है वहीं झालना से करीब 30-35 टन की एक गाड़ी सरिया की लोड होती है और इन जिलों में दलाल के मार्फत पहुंचती है सरिया की कीमत करीब 15 से 18 लाख रुपए होती है और इस पर जीएसटी करीब ₹300000 के आसपास  होता है । और इन पांच जिलों में करीब 100 से अधिक दुकानों पर यह सरिया सप्लाई किया जाता है। यदि करीब रोजाना एक जिले में एक गाड़ी भी सप्लाई होती है तो 5 जिलों में पांच गाड़ी और एक गाड़ी पर करीब₹300000 के आसपास जीएसटी चोरी होता है तो करीब दलाल सेठिया द्वारा  रोजाना 15 लाख रुपए का जीएसटी चोरी कर , शासन को चूना लगाया जा रहा है और इसकी आड़ में अपनी जेबे भरी जा रही है वहीं जीएसटी विभाग की कार्यप्रणाली भी कहीं ना कहीं संदेहास्पद नजर आ रही है क्योंकि इतने जिलों में बिना बिल के सरिया लगातार सप्लाई हो रहा है और विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं । वही सरकार को  जीएसटी की हानि हो रही है । प्रश्न यह भी है कि महाराष्ट्र से यह सरिया मप्र के कई जिलों से होकर , इन जिलों में पहुंच रहा है और वह भी बिना बिल के , समझ से परे हैं । इन सबके बीच दलाल सेठिया की तो बल्ले बल्ले हो गई है वह व्यापारियों से भी बिना बिल के माल की एवज में राशि की मांग करता है और ट्रक चालकों से भी ट्रक भाड़े में राशि की मांग कर रहा है । इस प्रकार यह दलाल सीजन के समय में बिना बिल का सरिया लगातार इन जिलों में सप्लाई कर शासन को लाखों करोड़ों की जीएसटी की हानि पहुंचा रहा है  । क्या शासन प्रशासन इस और ध्यान देगा या …फिर शासन को यूं ही लाखों करोड़ों की जीएसटी हानि होती रहेगी….?

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