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रतलाम में रिश्वत लेने पर पटवारी को चार वर्ष की सजा, सुनवाई में मुकर गया शिकायतकर्ता*

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रतलाम में रिश्वत लेने पर पटवारी को चार वर्ष की सजा, सुनवाई में मुकर गया शिकायतकर्ता*
रतलाम। न्यायालय ने रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए जाने पर पटवारी विजय मुनिया पुत्र शोक मुनिया निवासी ग्राम नायन (रावटी) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत ने सुनाया।
*दो बीघा कृषि भूमि जमीन की पावती के लिए मांगी रिश्वत*
जिला अभियोजन अधिकारी गोविंद प्रसाद घाटिया ने बताया कि फरियादी नेपाल सिंह पुत्र नरवर सिंह निवासी ग्राम अरवलिया भामा (आलोट) ने एक जुलाई 2020 को अपने मित्र कालूराम पुत्र काशीराम शर्मा निवासी ग्राम बर्डिया राठौर के माध्यम से लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन जाकर लोकायुक्त एसपी को लिखित शिकायत आवेदन दिया था कि आलोट तहसील के ग्राम अरविलया भामा में उनकी दो बीघा कृषि भूमि पौने स्थित है। उसकी पावती गुम हो गई है। उक्त भूमि की नई वापती बनवाने के लिए गांव के हल्का नंबर नौ के पटवारी विजय मुनिया से मिला था उन्होंने नई पावती बनवाने के लिए दो हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
शिकायत पर तत्कालीन लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा ने रिश्वत मांगने की पुष्टि के लिए फरियादी नेपाल सिंह के मित्र कालूराम शर्मा को रिश्वत संबंधी बातचीत रिकार्ड करने के लिए शासकीय वाइस डिजिटल रिकार्डर दिया था। इसके बाद कालूराम शर्मा ने रिकार्डर नेपाल सिंह को दिया था और नेपाल सिंह से पटवारी की बातचीत रिकार्ड की गई थी। इसके बाद रिश्वत की मांग प्रणामित होने पर लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी विजय मुनिया को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई थी।
*ऐसे पकड़ा गया पटवारी*
योजना के तहत उज्जैन से लोकायुक्त का दल छह जुलाई 2020 को आलोट पहुंचा था। आलोट की हाउसिंग बोर्ड कालोनी के सामने स्थित अभिषेक लोहार की फोटोकापी की दुकान पर पहुंचकर पटवारी विजय मुनिया ने वहां उपस्थित नेपाल सिंह से रिश्वत के दो हजार रुपये लिए थे। तभी इशारा मिलते ही दल के सदस्यों ने पटवारी विजय मुनिया को रंगे हाथ पकड़ लिया था।
पटवारी विजय मुनिया ने फरियादी नेपाल सिंह से दो हजार रुपये लेकर अपनी शर्ट की जेब में रख लिए थे। दल के सदस्यों ने पटवारी की जेब से रयासन लगे पांच-पांच सौ रुपये के चार नोट जब्त किए थे। इसके बाद पटवारी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया था तो उसके हाथ गुलाबी हो गए थे।
विवेचना के बाद लोकायुक्त ने पटवारी के खिलाफ 28 नवंबर 2022 को विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चाौहान ने की। चौहान ने बताया कि सुनवाई के दौरान फरियादी नेपाल सिंह पक्षद्रोही हो गया था। न्यायालय ने वैज्ञानिक व अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोज प्रमाणित पाए जाने पर पटवारी को सजा सुनाई।

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