झाबुआ

मोयरा सरिया कंपनी द्बारा कुछ डीलरो के साथ सांठगांठ कर,कोर्टल बनाकर,आदिवासी क्षेत्र में उपभोक्ताओं को लूटने का प्रयास…..

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झाबुआ – किसी भी भवन निर्माण कार्य में सरिया और सीमेंट अहम होते हैं इनमें से कई सरिया कंपनी टेस्टेड आईएसआई मार्क का सरिया बना रही है । मध्यप्रदेश में पीथमपुर के अलावा, महाराष्ट्र के झालना से और गुजरात के भावनगर से भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सरिया आता है । मोयरा कंपनी द्वारा हाल ही में कुछ डीलरों के साथ सांठगांठ कर, कोर्टल बनाकर आदिवासी क्षेत्र में उपभोक्ताओं से मनमाने दाम लेने को लेकर योजना बनाई जा रही है ।

जानकारी अनुसार झाबुआ जिले में सन 2000-10 के आसपास अनंत कंपनी का सरिया काफी बिकता था  । इसी बाजार को तोड़ने के लिए मोयरा कंपनी द्वारा धीरे-धीरे जहां-जहां अनंत कंपनी का सरिया के काउंटर थे वहां पर मोयरा कंपनी का सरिया देना प्रारंभ किया । कंपनी से माल लेने पर व्यापारियों द्वारा भी मोयरा कंपनी को काफी सपोर्ट किया और कंपनी का माल भी बेचा । करीब 10 से अधिक वर्षों में मोयरा कंपनी का सरिया, इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अपनी अमिठ छाप छोड़ने में कामयाब रहा । जिसके लिए विशेष रूप से इस क्षेत्र के विक्रेता का विशेष योगदान है ।वही मोयरा कंपनी ने इसी दौरान अल्ट्राटेक कंपनी के UBS से भी टाइअप कर अपना माल इन काउंटरों पर देना शुरू कर दिया ।धीरे-धीरे बिल्डिंग मटेरियल की दुकानों पर मोयरा सरिया ही नजर आने लगा । व्यापारियों ने भी रेट को लेकर काफी असमंजस की स्थितियां भी पैदा हुई , फिर भी उन्होंने इस कंपनी का साथ नहीं छोड़ा । जिससे धीरे-धीरे ग्राहक अब मोयरा कंपनी का सरिया ही मांगने लगे हैं । लेकिन हाल ही में मोयरा कंपनी द्वारा कुछ डीलरों के साथ सांठगांठ कर, कोर्टल बनाकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में उपभोक्ताओं से मनमाने दाम लेने के लिए एक योजना पर काम किया जा रहा है । इस योजना के तहत कई ऐसे व्यापारियों को मोयरा कंपनी का माल देना बंद कर रहे हैं जो करीब 10 वर्षों से अधिक इस कंपनी के साथ लगातार बिना किसी शर्त के काम कर रहे थे । कंपनी द्वारा कुछ  डीलरों के साथ मिलकर कोर्टल बनाकर या शॉर्टेज क्रिएट कर , बाजार में सामग्री कम उपलब्ध करा कर दाम बढ़ाने के प्रयास में है । चूंकि मोयरा कंपनी का सरिया इस क्षेत्र में काफी डिमांड है और इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी के मैनेजमेंट के कुछ लोग और कुछ तथाकथित डीलर पहले इस माल की शॉर्टेज क्रिएट कर रहे हैं और उसी की आड़ में मनमाने दाम लेने का प्रयास कर रहे हैं । क्योंकि अब हर काउंटर पर मोयरा सरिया उपलब्ध नहीं है तो जो बचे हुए डीलर हैं वह इस सरिया को उच्च दामों में बेचकर अपनी जेबे  भरने का प्रयास कर रहे हैं । जिससे इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इन व्यापारियों द्वारा आदिवासी का शोषण भी कहा जा सकता है ।  बाजारों में देखते हैं  कई सीमेंट कंपनियां दो से अधिक डीलर बनाकर कार्य कर रही है ताकि आम उपभोक्ताओं को माल न्यूनतम दर पर आसानी से उपलब्ध हो सके । लेकिन मोयरा कंपनी द्वारा कुछ बड़े डीलरों के साथ साथ मिलकर मनमाने दामों पर माल बेचने की तैयारी कर रहा है । एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर इन जैसी कंपनियों द्वारा इस क्षेत्र में कोर्टल बनाकर शॉर्टेज क्रिएट कर उपभोक्ताओं से मनमाने दाम लेने की योजना पर काम किया जा रहा है या यूं कहा जा सकता है कि उपभोक्ताओं को शोषण करने की तैयारी चल रही है । कुछ इस तरह की तथाकथित कंपनियों द्वारा बाजारों में अधिक दामों पर माल बेचने की योजना के कारण, बाजारों में महंगाई नजर आती है और आम उपभोक्ता इसके लिए विशेष रूप से सरकार को ही कोसते हैं । जबकि जो क्वालिटी मोहरा कंपनी द्वारा दी जा रही है उसी के समक्ष अन्य कंपनियों द्वारा करीब 3 से ₹4000 कम दर पर उपलब्ध हो रहा है । क्योंकि विक्रेताओं की विशेष मेहनत से यह ब्रांड कई क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रचलित हो चुका है जिसके कारण अब कंपनी कुछ डीलर के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को लूटने के प्रयास में ।

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