निगम ने ऐसे 48 मालिकों को अंतिम सूचना पत्र जारी करके चेतावनी दी है कि वे तय समय में फायर एनओसी प्रस्तुत नहीं करते हैं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहे
सरकारी अस्पताल भी शामिलजिन्हें फायर एनओसी के लिए अंतिम सूचना पत्र जारी किया गया है उनमें आश्चर्यजनक रूप से शासकीय अस्पताल और कॉलेज भी शामिल हैं। यानी सरकारी अस्पताल और कॉलेज भी शासकीय नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इनमें मातृ एवं शिश चिकित्सालय (बाल चिकित्सालय) के अलावा स्वामी विवेकानंद वाणिज्य महाविद्यालय, साइंस एंड आट्र्स कॉलेज, कन्या महाविद्यालय शामिल हैं।
कई अन्य निजी स्कूल भी शामिलफायर एनओसी नहीं लेकर सरकारी नियमों को धता बताने वालों में कई अन्य निजी स्कूल भी शामिल हैं, जिनके नाम सामने नहीं आए हैं। इन स्कूलों में भी बड़ी संख्या में बच्चे पढऩे आते हैं लेकिन फायर एनओसी को लेकर ये गंभीर नहीं हैं। सभी को अंतिम सूचना पत्र के माध्यम से चेतावनी दी गई कि 15 दिन की अवधि में फायर एनओसी प्रस्तुत नहीं की या फायर उपकरण नहीं लगाए तो कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
ये हैं जिन्हें नोटिस दियाअस्पताल
अस्पतालों में बुरहानी अस्पताल, रिधान अस्पताल, वेदांत अस्पताल, साईंश्री अस्पताल, यार्दे नर्सिंग होम हैं।
होटल
होटल में होटल आनंद पैलेस, यास्मिन अब्दुल कादरी होटल, अजंता पैलेस, होटल बालाजी सेंट्रल, अतिथि पैलेस, होटल प्रिंस पैलेस, होटल सागर केस्टल, होटल नमस्ते, आशीर्वाद होटल, होटल सिंध पंजाब, होटल श्री पैलेस हैं।
अन्य प्रतिष्ठान व गार्डनविशाल मेगा मार्ट, डी मार्ट, रिलायंस माल धानमंडी के अलावा गार्डन में मोहन बाग, चंपा विहार, छोटू भाई की बगीची, सुमंगलम गार्डन, वैशाली गार्डन, नारायणी पैलेस हैं।
सिनेमाघर व शिक्षण संस्थान
सिनेमाघरों में लोकेंद्र सिनेमा, श्रीकृष्ण सिनेमा, स्कूलों में सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर, जैन उमावि बाजना बस स्टैंड, जैन कन्या उमावि काटजूनगर और निजी कॉलेज में अरिहंत कॉलेज हैं।पहले आठ संस्थाओं पर लग चुका जुर्माना
फायर एनओसी नहीं लेने और आवेदन करने के बाद दोबारा इसकी प्रक्रिया में शामिल नहीं होने वाले आठ संस्थानों पर राज्य सरकार दो लाख 88 हजार रुपए प्रत्येक पर जुर्माना लगा चुकी है। इन आठ संस्थाओं से निगम को करीब 23 लाख रुपए वसूना है। इन्होंने अब तक न राशि जमा करवाई और न ही फायर एनओसी को लेकर कोई रुचि ही दिखाई है। जिन्हें अंतिम सूचना पत्र जारी किया गया है उनमें वे आठ संस्थान भी शामिल हैं। इन्हें यह राशि तो जमा करवानी ही होगी।