झाबुआ

योग कोई धर्म नहीं है, यह जीने का एक तरीका है जिसका उद्देश्य स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की प्राप्ति है- पूर्व सांसद गुमानसिंह डामोर ।***** योग प्रत्येक मनुष्य के मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य को आदर्श बनाने पर केंद्रित है- रूकमणी वर्मा ।********* योग को मनुष्य के अंतःकरण में चित्त में उठने वाली वृत्त्तियों और प्रवृत्तियों के निषेध के रूप में भी व्याख्यायित किया है-श्रीमती सूरज डामोर********** । उल्लास के साथ महिला पंतजलि योग समिति ने मनाया विश्व योग दिवस ।

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योग कोई धर्म नहीं है, यह जीने का एक तरीका है जिसका उद्देश्य स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की प्राप्ति है- पूर्व सांसद गुमानसिंह डामोर ।
योग प्रत्येक मनुष्य के मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य को आदर्श बनाने पर केंद्रित है- रूकमणी वर्मा ।
योग को मनुष्य के अंतःकरण में चित्त में उठने वाली वृत्त्तियों और प्रवृत्तियों के निषेध के रूप में भी व्याख्यायित किया है-श्रीमती सूरज डामोर ।
उल्लास के साथ महिला पंतजलि योग समिति ने मनाया विश्व योग दिवस ।

झाबुआ । महिला पंतजलि योग समिति झाबुआ द्वारा  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस शुक्रवार को उत्साह के साथ मनाया गया। उक्त जानकारी देते हुए महिला पतंजलि योग समिति की सुश्री रूकमणी वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि  इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री गुमान सिंह डामोर मुख्यअतिथि तथा डॉक्टर हेमलता मल्होत्रा की अध्यक्षता में करीब डेढ घंटे तक कार्यक्रम आयोजित हुआ । डॉक्टर दीपेश टेलर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अतिथियों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम के आरंभ में सर्वप्रथम मां सरस्वती को पुष्पमाला अर्पण कर दीपज्योति परम ज्योति मंत्र के साथ श्री गुमानसिंह डामोर एवं डॉक्टर हेमलता मल्होत्रा ,डॉक्टर दीपेश टेलर,श्रीमती सूरज डामोर द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया।
कुमारी रुक्मणी वर्मा जिला प्रभारी द्वारा इस अवसर पर योग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । उन्होने कहा कि नगर में पतंजलि योग समिति विगत 25 वर्षों से सतत अविरल वर्षभर हर मौसम में निर्बाध तरिके से  में चलती रही है । उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन योग प्राणायाम करना चाहिए ताकि आंतरिक आवरण एवं बाहरी आवरण स्वस्थ रह सके। सुश्री वर्मा ने कहा कि योग के संस्थापक पतंजलि ने कहा, स्थिरं सुखं आसनम्। इसका तात्पर्य है कि जो मुद्रा दृढ़ और सहज प्रतीत होती है, वही आपका आसन है।यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि आसन योग की क्रिया में केवल एक प्रारंभिक चरण है। यह एक ऐसा तरीका है जो अधिक से अधिक अच्छा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। योग प्रत्येक मनुष्य के मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य को आदर्श बनाने पर केंद्रित है। जब स्वयं को इस तरह से समायोजित करते हैं कि आपके भीतर सब कुछ शानदार ढंग से काम करता है, तो आप अपनी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर पाएंगे। डॉक्टर हेमलता मल्होत्रा ने ंकहा कि नारीशक्ति को प्रतिदिन योग करना चाहिए ताकि हमेशा स्वस्थ रह सके ।
पूर्व सांसद श्री गुमानसिंह डामोर द्वारा योग के लाभो का जिक्र करते हुए कहा कि योग के लाभों के बारे में जानने से पहले, यह समझना जरूरी है कि योग वास्तव में क्या है। योग कोई धर्म नहीं है, यह जीने का एक तरीका है जिसका उद्देश्य स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की प्राप्ति है। मनुष्य एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्राणी है। भारत में आयुर्वेद में कहा गया है कि योग इन तीनों के बीच संतुलन विकसित करने में मदद करता है। उन्होने कहा कि योग केवल शरीर को मोड़ना या मोड़ना और सांस रोकना नहीं है। यह ऐसी स्थिति में लाने की तकनीक है जहाँ आप वास्तविकता को बस वैसे ही देखते और अनुभव करते हैं जैसी वह है। अगर आप अपनी ऊर्जाओं को उल्लासमय और आनंदित होने देते हैं, तो आपका संवेदी शरीर फैलता है। यह आपको पूरे ब्रह्मांड को अपने एक हिस्से के रूप में अनुभव करने में सक्षम बनाता है, जिससे सब कुछ एक हो जाता है, यही वह मिलन है जो योग बनाता है।
इस अवसर पर श्रीमती सूरज डामोर द्वारा  शवासन कराया गया एवं उसके फायदे बताए । उन्होने कहा कि योग केवल एक शारीरिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि यह व्यक्ति अथवा योग करने वाले की मानसिक अवस्था को भी नियंत्रित करता है। यही वजह है कि महर्षि पतंजलि ने योग को मनुष्य के अंतःकरण में चित्त में उठने वाली वृत्त्तियों और प्रवृत्तियों के निषेध के रूप में भी व्याख्यायित किया है। जानकार मानते हैं की योग और योगासनों को केवल कुछ शारीरिक अवस्थाओं तक ही सीमित नहीं माना जा सकता। कहा जाता है योग के आसनों कि संख्या असंख्य है और इस पृथ्वी पर जलचर, थलचर और उभयचर जितने भी प्राणी या जीवजंतु हैं और जैसी उनकी आकृति है उतने तरह के योगासन माने गए हैं।
डॉक्टर दीपेश एवं रुक्मणी वर्मा द्वारा प्राणायाम  और आसन करवाए गए। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री मोना गिडवानी द्वारा किया गया तथा आभार श्रीमती सूरज डामर द्वारा माना गया।
पतंजलि महिला योग समिति की कोषाध्यक्ष श्रीमती ज्योति जोशी, किरण शर्मा, माया पवार, जरीना अंसारी, लीना पटेल, रजनी पाटीदार ,विनीता टेलर, भावना टेलरख् भावना  जैन सरिता पोरवाल, अनीता बघेल, ज्योति वर्मा, अर्चना राठौर, देवकन्या सोनगरा, मीना जैन, स्वीटी पोरवाल,लीना पटेल, मंजू भाभी, शीला सक्सेना, शोभा राठौर, शोभा वर्मा, कमल सोलंकी ,लक्ष्य हेमा ललित शाह, पानेरी, अजय बारिया बाबू भाई पंचाल, जितेंद्र पांचाल, आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे । अन्त में राष्ट्रगीत के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया ।

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