RATLAM

जनसंख्या स्थिरता माह 11 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित होगा******स्वास्थ्य कार्यकर्ता घरों में ओआरएस बनाने और हाथ धोने की विधियों का प्रदर्शन कर रहे हैं सीएमएचओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक अभियान की मानिटरिंग की

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जनसंख्या स्थिरता माह 11 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित होगा

रतलाम विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है। रतलाम जिले में जनसंख्या स्थिरता माह 11 जुलाई से 11 अगस्त तक की थीम Healthy timing and spacing of pregnancies for wellbeing of mother and child निर्धारित की गई है। वर्ष 2024 का नारा विकसित भारत की नई पहचान-परिवार नियोजन हर दम्पत्ति की शान है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आनन्द चंदेलकर ने बताया कि कार्यक्रम के अन्तर्गत 27 जून से 10 जुलाई तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता दम्पत्तियों के साथ सम्पर्क कर परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। अभियान के दौरान शादी की उम्र में देरीबच्चों के जन्म में उचित अन्तरालप्रसव तथा गर्भपात पश्चात् परिवार नियोजन की सेवाएंपरिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागितादीर्घकालीक गर्भ निरोधक साधन की रणनीति पर बल दिया जाएगा। अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सही उम्र में शादीसोच समझकर बच्चेप्रथम एवं द्वितीय बच्चों में कम से कम तीन वर्ष का अन्तराल एवं दो बच्चों के बाद स्थायी साधन (नसबंदी हेतु प्रेरित किया जाएगा) 11 जुलाई से 11 अगस्त के मध्य सेवा प्रदायगी की गतिविधियां की जाएंगी।

गतिविधियों में लघुकालीन गर्भ निरोधक साधनकण्डोमओरल पिल्सछाया गर्भ निरोधक गोलीआपातकालीन गर्भ निरोधक गोली की सेवाएं सेल्फ केयर किट के माध्यम से प्रदान की जाएगी। नवविवाहित दम्पत्तियों को नई पहल किट प्रदान की जाएगी। दीर्घकालीक गर्भ निरोधक साधन जैसे आईयूसीडी एवं अन्तरा इंजेक्शन की सेवाएं प्रदान की जाएंगी। दीर्घकालीक स्थायी परिवार नियोजन सेवाएं नसबंदी सेवा के अन्तर्गत इच्छुक दम्पत्तियों के आपरेशन किए जाएंगे। आपरेशन के दौरान प्रसव पश्चात् नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी के मामलों में हितग्राही को तीन हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि तथा सामान्य एलटीटी/टीटी नसबंदी के मामलों में दो हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता घरों में ओआरएस बनाने और हाथ धोने की विधियों का प्रदर्शन कर रहे हैं

सीएमएचओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक अभियान की मानिटरिंग की

रतलाम बारिश के मौसम में जीवाणु संक्रमण के कारण डायरिया फैलने की आशंका रहती है। डायरिया पाचन से संबंधित एक बीमारी है जिसमें व्यक्ति को दस्त आना शुरू हो जाते हैं। डायरिया के संक्रमण से बच्चे की सुरक्षा के लिए सफाई और स्वच्छता रखेंअपने शिशु को पहले छह माह तक प्रत्येक स्थिति में स्तनपान जारी रखें । स्वच्छ पानी पियेंबच्चों को विटामिन ए की खुराक नौ माह की आयु से वर्ष तक माह के अन्तराल पर अवश्य पिलाएं। लो आसमोलेरिटी ओआरएसजिंकमां का दूध और ऊपरी आहार देना जारी रखें । रोटावायरस से बचाव के लिए अपने शिशु का समय पर टीकाकरण अवश्य कराएं।

रतलाम जिले में दस्त रोग से बचाव के लिए स्टाप डायरिया कैम्पेन सहदस्तक अभियान का आयोजन किया जा रहा है। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताआशाएएनएमआंगनवाडी कार्यकर्ता शून्य से पांच वर्ष आयु समूह के घरों में जाकर हाथों की धुलाईओआरएस बनाने की विधि का परामर्श एवं दस्त रोग से पीडित बच्चों को ओआरएस तथा 14 दिन तक जिंक की गोलियां प्रदान कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आनन्द चंदेलकर द्वारा पलसोडीराजापुरा माताजीबाजना तथा शिवगढ क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण किया गया।

डा. चंदेलकर द्वारा ओआरएस कार्नर एवं दस्तक अभियान के प्रचार प्रसार का निरीक्षण कर दस्तक अभियान के लिए सभी 11 गतिविधियां निर्धारित प्रोटोकाल अनुसार करने एवं परिवार में चर्चा के दौरान पूरा समय देने के लिए निर्देशित किया। राजापुरा माताजी में निरीक्षण के दौरान चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए। इस सम्बन्ध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने हेतु निर्देशित किया गया। भ्रमण के दौरान डा. गौरव बोरीवाल एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

दस्तक अभियान की प्रमुख गतिविधियों के अंतर्गत समुदाय में बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान प्रबंधन और रेफरल, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में शैशव और बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान प्रबंधन और रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान प्रबंधन और रेफरल, 6 माह से वर्ष के बच्चों में गंभीर अनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, 9 माह से वर्ष से कम आयु के बच्चों को विटामिन ए अनुपूरणबाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक संबधी सामुदायिक जागरूकता एवं प्रत्येक घर में ओआरएस पहुचानाबच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्वि विलंब की पहचानसमुचित शिशु एवं बाल आहर पूर्ति (स्तनपान व्यवहार) संबंधी समझाईश समुदाय को देनाएसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग एवं फालोअप को प्रोत्साहनगृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुए बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना आदि गतिविधियां की जाएंगी।

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