झाबुआ

झाबुआ की बेटी को मीडिया क्षेत्र में गोल्ड मेडल

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झाबुआ — कुश्ती में दो बार केसरी रह चुके अनेक उपलब्धियां प्राप्त आयरन गेम्स के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मेडलिस्ट एवं कोच ख्यात नाम सुशील बाजपेई (पहलवान) की छोटी बेटी यशस्विनी जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर जिसमे की फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग डिप्लोमा कर श्री सुयश फायर एंड सेफ्टी फर्म की स्थापना की साथ ही यशस्विनी ने मास्टर्स इन जर्नलिजम एंड मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स पूरा कर डिग्री हासिल की ओर मीडिया क्षेत्र में गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया है।
एजुकेशन मास्टर्स पत्रकारिता एवं मीडिया जनसंचार (Masters in Journalism and Mass media Communication)
यशस्विनी जिले की पहली युवा लड़की है जिन्होंने मीडिया क्षेत्र में गोल्ड मेडल लाकर जिले में युवाओं में उमंग और जोश बढ़ाया है मीडिया क्षेत्र के प्रति।
उन्होंने विशेषज्ञता भाषांतर/ अनुवाद (Translation of Newses, Interpreting) ओर अन्य मीडिया के कार्य में अपनी सहभागिता दी है।
अपने मास्टर्स के सफर में खुद ने स्वयं की एक विषय पर शोध तैयार कर डिपार्टमेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।
जनसंपर्क में भी कदम बढ़ा कर अब पत्रकारिता की और पत्रकारिता के क्षेत्र में जल्द हि खुद का समाचार पत्र की स्थापना करने जा रही है जो की राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त समाचार पत्र होगा। ओर जिले के साथ पूरे संभाग में समाचार पत्र प्रकाशित एवं प्रसारित होगा। साथ ही डिजिटल मीडिया , मैगजीन भी जल्द शुरू करेंगी। यशाश्विनी ने बताया की पढ़ाई करते हुए जॉब के ऑफर कई आए डिजिटल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया से परंतु उन्हें न चुनते हुए खुद के कार्य की ओर बढ़ी जिससे , महिलाओं को , युवाओं को रोजगार मिल सके और उन्हें स्वाबलंबी बना सकें। क्योंकि आज इस क्षेत्र को युवाओं की नई सोच की आवश्यकता है। यशस्विनी खुद उन्हें ट्रेनिंग देंगी , एंकरिंग , न्यूज कैसे लिखते है और भी भिन्न कार्य सिखाएंगी जो पत्रकारिता को रूप देते है। इनके माता-पिता माता श्रीमति सुनीता वाजपेई पिता श्री सुशील वाजपेई दोनों ही शासकीय सेवारत हैं इसके उपरांत नोकरी की ओर न जाकर इन बेटियों ने स्वयं का कार्य स्थापित कर रोजगार का अवसर प्रदान करने हेतु संकल्प लिया है दोनों का कहना है कि हमने इस क्षेत्र को इसलिए चुना है कि हमारे साथ-साथ अन्य महिलाओं एवं युवाओं को रोजगार का अवसर मिले पीड़ित महिला गरीब महिला वर्ग को हम निशुल्क सेवा प्रदान करें जिससे जिले की भी उन्नति हो और स्वयं भी स्वावलंबी बन सकें। ऐसे क्षेत्र जो सामान्यतः सोच में नहीं होते उन क्षेत्रों में आगे बढ़ अवसरों की तलाश कर जिले में रोजगार का आगाज किया है। आने वाले समय में इन क्षेत्रों में विभिन्न प्रोजेक्ट की परिकल्पना को लेकर कार्यरत हैं और संकल्प बद्ध है। लक्ष्य समाज को अपने अधिकारों से अवगत कराकर उन्हें आत्मनिर्भरता और सशक्त कर्तव्य पथ प्रदर्शित करना लक्ष्य है और एक ही संकल्प है ना महिला प्रधान ना पुरुष प्रधान यह जिला हो समानता प्रधान।

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