शांति समिति की बैठक आयोजित की गई**कन्या महाविद्यालय में एक पौधा माँ के नाम कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ पौधारोपण*** कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में रेफर करें : सीएमएचओ
रतलाम/ आगामी मोहर्रम आयोजन के संबंध में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर कलेक्टर श्री आर.एस. मंडलोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राकेश खाखा आदि उपस्थित थे। बैठक में मोहर्रम आयोजन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश आयोजकों को प्रदान किए गए।
बैठक में शांति समिति के सदस्य एवं आयोजकों से चर्चा करके दिशा-निर्देश प्रदान किए गए कि सभी ताजिया कमेटी को अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। ताजियों तथा अखाड़े के सुचारू संचालन के लिए वालंटियर बनाए जाने का निर्णय लिया गया। वालंटियर की सूची आयोजकों से प्राप्त कर वालंटियर की पृथक से बैठक रख आवश्यक समझाईश दी जाएगी। निर्देशित किया गया कि वालंटियर को ताजिया कमेटी द्वारा कार्ड दिया जाएगा, ताजिए के संचालन की जिम्मेदारी वालंटियर की रहेगी। बिजली के तार तथा अन्य केबल्स को नुकसान नहीं पहुंचे, ताजियों का चलन आसानी से हो सके, इसलिए ताजिए की ऊंचाई ग्रामीण क्षेत्र में 10 फीट, रतलाम जावरा शहर में ऊंचाई 11 फीट एवं कंधों पर उठा जाने के बाद 16 से 17 फीट से अधिक नहीं रहेगी। अनुमति में दिए गए समय के अनुसार ही ताजियों अखाड़े का प्रारंभ एवं समापन किया जाएगा। अनुमति अनुसार सभी शर्तों का पालन किया जाए, सामाजिक तत्वों द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने पर उनके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। अखाड़े में शस्त्र, धारदार हथियार प्रतिबंध रहेंगे।
मोहर्रम आयोजन के संबंध में रतलाम के अलावा जिले के अन्य स्थानों पर भी शांति समिति बैठकर आयोजित की गई। बताया गया कि रतलाम जिले में लगभग कुल 215 ताजिए एवं लगभग 15 अखाड़े निकले जाएंगे जिनमें से रतलाम शहर में 40 ताजिए, जावरा शहर में 52 ताजिए, रतलाम ग्रामीण क्षेत्र 45, सैलाना 9, जावरा ग्रामीण 41, आलोट में 28 ताजिए निकाले जाएंगे।
कन्या महाविद्यालय में एक पौधा माँ के नाम कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ पौधारोपण
रतलाम / शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ. सुरेश कटारिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा एक पौधा मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण करवाया गया जिसमें नवप्रवेशित छात्राओं के स्वागत के साथ अभिमुखीकरण भी कराया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य ने कहा कि प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए पेड़ लगाना बहुत जरूरी है। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए ताकि हमारा अस्तित्व बना रहे। कार्यक्रम अधिकारी प्रो. प्रीति शर्मा ने कहा कि यह सही समय है जब लोगों को वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और इसके लिए योगदान करना चाहिए तथा अधिक से अधिक लोगों को इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।
प्रो. रवि चौबे ने कहा कि वृक्षारोपण आवश्यक है, क्योंकि वृक्ष मानव जीवन में मौन खडा रहकर जीवन और आनंद प्रदान करता है। मौसम के संतुलन एवं पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखता है जिससे बरसात समय पर होती है। वृक्ष सभी जीवो को जीवन प्रदान कराने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य में भी वृद्धि कराता है। अतः हम सबको या प्राण लेना चाहिए कि हर एक मांगलिक अवसर पर हम वृक्ष लगाएंगे। महाविद्यालय के बॉटनिकल गार्डन में रासेयो की स्वयं सेविकाओ ने वृक्षारोपण किया। रासेयो स्वयं सेविकाओ द्वारा अशोक, अमरूद, सीताफल, जामुन, बैल, आंवला, एलोवेरा, शहतूत, गुड़हल, गुलमोहर, नीम, कड़ी पत्ता, आम इत्यादि के लगभग 50 वृक्ष लगाए। कार्यक्रम में डॉ. अनिल जैन, डॉ. मीना सिसोदिया, डॉ. सुप्रिया पैठणकर, डॉ. तबस्सुम पटेल एवम समस्त स्टाफ उपस्थित था। संचालन कार्यक्रम अधिकारी प्रो. प्रीति शर्मा एवं आभार डॉ. रितिका श्रीवास्तव ने किया।
कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में रेफर करें : सीएमएचओ
रतलाम/ रतलाम जिले में रतलाम जिले में दस्तक अभियान सह स्टाप डायरिया कैंपेन का आयोजन 24 जून से 27 अगस्त तक किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर ने रतलाम जिले के ग्राम पंचेड़ का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने दस्तक दल के सदस्यों से चर्चा कर उन्हें घर-घर जाकर शून्य से 5 वर्ष आयु समूह के बच्चों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। रतलाम जिले के पी एच सी बिरमावल और ग्राम खेड़ी का निरीक्षण जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर वर्षा कुरील द्वारा किया गया। दस्तक अभियान के दौरान आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम का दल 0 से 5 वर्ष आयु समूह के बच्चों में होने वाली बीमारियों की पहचान प्रबंधन एवं रेफरल, स्तनपान संबंधी परामर्श, 9 माह से 5 वर्षे के बच्चों को विटामिन ए का घोल पिलाना, कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में रेफर करना, जन्मजात बीमारियों की पहचान एवं उनका प्रबंधन, दृष्टि दोष एवं श्रवण बाधित बच्चों की पहचान कर उनकी जांच एवं उपचार, दस्त रोग का प्रबंधन, ओआरएस एवम जिंक की प्रदायगी, टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करना, एनीमिया से पीड़ित बच्चों की जांच कर उनका उपचार आदि गतिविधियों की जा रही है। भ्रमण के दौरान डॉ. गौरव बोरिवाल, श्री आशीष चौरसिया, श्री विजेंद्र श्रोत्रिय एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।