झाबुआ – मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय कार्यालय का संचालन सुबह 10:00 से शाम 6:00 बजे तक कार्य हेतु आदेशित किया गया है लेकिन इस आदेश का पालन झाबुआ जिले में कहां तक हो रहा है यह जांच का विषय है इसी को लेकर जब प्रादेशिक जन समाचार की टीम सीएचएमओ कार्यालय पहुंची, तो सुबह 10:25 तक ना तो सीएमएचओ, न हीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन शाखा के कर्मचारी ,स्थापना शाखा के कर्मचारी नहीं आये थे इसके अलावा डीपीएम के चेंबर पर भी ताला नजर आया था । जब टीम द्बारा कार्यालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन शाखा के चेंबर में प्रवेश किया तो इसके अंतर्गत सभी सीटें खाली नजर आई तथा कोई भी कर्मचारी कार्य हेतु कार्यालय नहीं पहुंचा था । इसी के अंतर्गत DAM के पद पर कार्यरत आशीष नाम का कर्मचारी भी कार्यालय नहीं पहुंच पाया था साथ ही प्रवीण यादव भी कार्यालय नहीं पहुंचा था। वहीं जब डीपीएम के चेंबर पर नजर गई , तो उस पर भी ताला था । वहीं डीसीएम मुकेश यादव भी कार्यालय नहीं पहुंचे थे । वही डीएचओ , डीआईओ डॉ. पूरन सिंह का चेंबर भी नहीं खुला था ।जब टीम द्वारा वहां उपस्थित एक कर्मचारी से सीएमएचओ सर और डीपीएम सर के कार्यालय नहीं पहुंचने के बारे में जानकारी ली, तब कर्मचारी का कहना था कि साहब मीटिंग में है । प्रश्न यह है कि सुबह 10:25 पर कौन सी मीटिंग प्रारंभ होती है ।
जब हमने स्थापना शाखा पर नजर गई , तो वहां का नजारा कुछ और ही था यह शाखा पूरी तरह से खाली थी तथा यहां पर कार्यरत कोई भी कर्मचारी अपनी टेबल पर उपस्थित नहीं था सिर्फ इस कमरे के पंखे और लाइट चालू थी । संभवत इस शाखा में निर्मल सिसोदिया , नेहा मचार , लक्ष्मी भूरिया, मेहुल वाघेला आदि कर्मचारी कार्यरत है लेकिन सुबह 10:25 तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे । आवक जावक शाखा का का चैंबर भी नहीं खुला था । वही लेखा शाखा से सुनिल नीनामा भी उपस्थित नहीं थे। इस प्रकार सीएचएमओ कार्यालय के कई शाखा के चेंबर में कर्मचारी उपस्थित नहीं थे । जो शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे थे । संभवतः इन अधिकारी कर्मचारियों को शासन के आदेश की कोई जानकारी नहीं या फिर यह अपनी मनमर्जी से कार्य करना चाहते हैं । टीम द्वारा यह पाया गया कि मात्र पांच कर्मचारी और पीयून ही अपने कार्य समय पर उपस्थित थे ।
वही सीएचएमओ कार्यालय अंतर्गत खाद्य सुरक्षा प्रशासन (खाद एवं औषधि प्रशासन ) का कार्यालय भी है इस कार्यालय पर भी सुबह 10:25 बजे तक ताला लगा हुआ था । कोई भी कर्मचारी कार्य के लिए उपस्थित नहीं हुआ था । जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि सुबह 10 से शाम 6:00 बजे तक शासकीय कार्यालय संचालित किए जाए । चर्चा चौराहा पर है कि सीएचएमओ कार्यालय पर कई कर्मचारी सुबह 11:00 बजे ही अपने कार्यालय पर पहुंचते हैं और अपना कार्य प्रारंभ करते हैं । क्या शासन प्रशासन इस और ध्यान देकर अपने कार्यालय समय में लेट लतीफी करने वाले कर्मचारियों को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी करेगा या कोई कारवाई करेगा या फिर यह कर्मचारी यूं ही शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते रहेंगे और समय पर कार्यालय पर उपस्थित नहीं रहेंगे….?
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