Connect with us

झाबुआ

विश्व मांगल्य सभा गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित करेगी बाल संस्कार सभा ।****** बालक एक गीली मिट्टी के सामान है जिसे किसी भी सांचे में ढाला जा सकता है-श्रीमती सुरज डामोर ।

Published

on

विश्व मांगल्य सभा गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित करेगी बाल संस्कार सभा ।
बालक एक गीली मिट्टी के सामान है जिसे किसी भी सांचे में ढाला जा सकता है-श्रीमती सुरज डामोर ।

झाबुआ । गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर 21 जुलाई रविवार को सायंकाल 4 बजे से  विश्व मांगल्य सभा के तहत स्थानीय वनवासी कल्याण आश्रम परिसर में बाल संस्कार सभा की शुरूवात की जारही है । विश्व मांगल्य सभा की प्रदेश अध्यक्षा पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीमती सुरज डामोर ने  बताया कि हमारी संस्कृति महामानवों की टकसाल रही है, हर व्यक्ति का आचरण देवत्व से भरपूर रहा है। इन सब के पीछे था उनका प्रेरणाप्रद बचपन। हम सब जानते हैं कि हमारे व्यक्तित्व का विकास 5-7 वर्ष की उम्र तक हो जाता है, जिसे ध्यान में रखते हुए विश्व मांगल्य संभा ने संस्कार परिपाटी का प्रचलन आरम्भ से ही रहा है। पारिवारिक पंचशील और आस्तिकता से ओतप्रोत उत्कृष्ट वातावरण से बच्चों के दिव्य संस्कारों का रोपण सहज हो जाता था। बालक के बहुआयामी व्यक्तित्व के गढ़ने में माता पिता गुरु होते थे। वही समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान होता था। वर्तमान समस्याओं का एक मुश्त समाधान तथा श्रेष्ठ नागरिक गढ़ने का एक मात्र विकल्प है । बालकों को संस्कारवान बनाना। बाल संस्कार शाला इसी महती आवश्यकता को पूर्ण करता है। नौनिहालोन के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास की इस योजना में उन्हें मानवीय मूल्यों, सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया जाता है। बच्चों के माध्यम से सांस्कृतिक सामाजिक परिवर्तन सरल है। बालक एक गीली मिट्टी के सामान है जिसे किसी भी सांचे में ढाला जा सकता है। अतः बाल संस्कार सभा के संचालन के माध्यम से ईश्वरीय विभूतियों से परिपूर्ण परिवार, समाज व् राष्ट्र के इस उज्जवल भविष्य को गढ़ने का गौरव हम पाएं।
उन्होने बताया कि बालक वस्ततुः भगवन के ही रूप हैं व सम्पूर्ण ईश्वरीय विभूतियों से परिपूर्ण हैं। मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता एवं दिव्यता की अभियक्ति ही विद्याध्यन का उद्देश्य है। आचार्य उस दैवीय ज्ञान के प्रकटीकरण में उद्दीपक तथा इस मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने वाला व्यक्तित्व है स्वामी विवेकानंद का कथन कि एव्हरी सोल इज पोटेंशली डिव्हाईन हमारी इस मान्यता की पुष्टि करता है ।
श्रीमती डामोर ने विश्व मांगल्य सभा द्वारा बनवासी कल्याण आश्रम में आयोजित  बल संस्कार सभा में अधिक से अधिक संख्या मे नगरवासियों को सहभागी होने की अपील करते हुए कहा है कि मातृशक्ति अच्छी मां अन कर अपनी संतानों को संस्कारवान बनाने की दिशा में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वाह करे ताकि यह मील का पत्थर साबित हो सकें ।

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज

प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा मंच है। यहां विभिन्न समाचार पत्रों/टीवी चैनलों में कार्यरत पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं ।

Advertisement

Subscribe Youtube

Advertisement

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!