25 वर्षों बाद पुराने दोस्तों का हुआ महा-मिलन*****दोस्ती निभाने दुबई से झाबुआ आए हुसैनी बोहरा*******स्कूली यादें एवं विकास यात्रा का हुआ जिक्र
झाबुआ।दोस्त के साथ दोस्ती निभाने के पूरे भारतवर्ष में अनेकों किस्से सामने आते रहते हैं लेकिन कुछ ऐसा ही दोस्तों की यादों को एक साथ सहेजने का किस्सा झाबुआ में भी घटित हुआ। दोस्ती निभाने के लिए जहां एक ओर दुबई से हुसैनी बोहरा फ्लाइट पकड़कर मुंबई दाहोद होते हुए झाबुआ पहुंचे। वहीं सूरत इंदौर – रतलाम – पेटलावद – पारा – राणापुर के दोस्त भी 25 वर्षों बाद मिले एवं अपनी स्कूली जीवन की यादों को ताजा करते हुए अपने-अपने जीवन की विकास यात्रा का जिक्र भी जमकर किया।
इस दौरान बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की जयंती होने पर उन्हें नमन करते हुए देशभक्ति गीत एवं राष्ट्रगीतों पर जमकर डांस भी किया गया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉक्टर नीरज सिंह राठौर एवं कर सलाहकार दिनेश रुनवाल ने बताया कि कोरोना काल के दौरान पुराने स्कूली दोस्तों का एक छोटा सा व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। पिछले दो वर्षों से दोस्तों का मिलन समारोह आयोजित करने की बात चल भी रही थी लेकिन सभी की व्यस्तताओं के चलते मिलना नहीं हो पा रहा था। ऐसे में इंदौर के एक दोस्त किरीट सिंघी ने ग्रुप में ” मरने के बाद मिलने की बात ” कही तो स्थानीय दोस्तों ने आनन फानन में बैठक बुलाकर 23 जुलाई को दोस्तों के ” महा मिलन समारोह ” आयोजित करने की योजना बना ली।इस बात पर विशेष दिलचस्पी दिखाते हुए स्कूली जीवन के साथी जो वर्तमान में दुबई की एक प्राइवेट कंपनी के मालिक हैं , हुसैनी बोहरा ने सब काम छोड़ते हुए दुबई से झाबुआ आने की ठानी और फ्लाइट पकड़कर मुंबई – दाहोद होते हुए झाबुआ पहुंचे। इस दौरान सूरत , इंदौर जैसे बड़े शहरों में अति व्यस्ततम समय में से समय निकालकर दोस्त झाबुआ पहुंचे। इस माह मिलन समारोह में सभी दोस्तों ने अपने स्कूली जीवन के बेहतरीन लम्हों को याद करते हुए जीवन में अपनी विकास यात्रा के बारे में सभी को बारी-बारी से बताया।
इस दौरान बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की जयंती 23 जुलाई होने के कारण उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी गौरव गाथा का बखान भी किया गया।
*राष्ट्र प्रेम की दिखाई अद्भुत मिशाल*
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए लेखक व कलाकार अंबरीष भावसार एवं मेडिकल एसोसिएशन के महावीर जैन ने बताया कि सभी पुराने दोस्तों में राष्ट्र प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। इस अवसर पर मेरा रंग दे बसंती चोला, हमू काका बाबा ना पोरिया, गोली मार भेजे में जैसे गीतों एवं दोस्ती संबंधी अनेक गीतों पर सभी उपस्थित 40 दोस्तों ने जमकर डांस किया , साथ ही भारत माता की जय, वंदे मातरम दोस्ती जिंदाबाद, चंद्रशेखर आजाद अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा आजाद तेरा नाम रहेगा, जैसे नारों से सदन राष्ट्रभक्ति मय हो गया। भारतीय परंपरा अनुसार सभी दोस्तों के आगमन अवसर पर कंकू – चावल से तिलक लगाकर पुष्प हार पहना कर गर्म जोशी से स्वागत भी किया गया। सभी दोस्तों ने इस अवसर पर अपने-अपने खट्टे मीठे संस्मरण सुनाए एवं 25 वर्षों बाद एक साथ एक दूसरे को गले मिलकर अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त कर रहे थे। साथ ही आने वाले वर्षों में पारिवारिक मिलन समारोह आयोजित करने पर भी बल दिया गया।
*दोस्ती के गीतों ने बांधा शमा*
दोस्तों के महा-मिलन कार्यक्रम में दोस्ती विषय पर कई फिल्मी गीत प्रस्तुत किए गए। जिसमें बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा, यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे,जैसे अनेक फिल्मी गीत दिनेश चौहान , अंबरीष भावसार, राजनारायण गुप्ता , आशीष कोठारी ने गाकर महफिल में शमा बांध दिया। गीतों की प्रस्तुति पर सभी दोस्तों ने धून के साथ गुनगुनाते हुए इस आयोजन में अपनी गर्म जोशी दिखाई।
*यह दोस्त रहे उपस्थित*
दोस्तों के महा-मिलन के अवसर पर दुबई से आए हुसैनी बोहरा , इंदौर से आए किरीट सिंघी, निशांत जैन ,प्रदीप दुबे सूरत से आए राजेंद्र जैन पेटलावद से आए प्रमोद मेहता , पारा से आए मुकेश भंडारी, अशीष कोठारी, पंकज जैन राणापुर से आए समाजसेवी जयेश जैन एवम झाबुआ के सभी दोस्त जगदीश राठौर, सुरेश गहलोत, महावीर जैन, देवेंद्र सोनी, मनोज भानपुरिया, दिनेश चौहान, दिनेश रूनवाल, मनीष सोनी, मितेश गादिया, वीरेंद्र पवार डैनी, देवेंद्र पांचाल, जगदीश राठौर, राज नारायण गुप्ता, मितुल शाह, रंजीत राठौर, राकेश सोनगरा, शैलेंद्र चौरे, प्रफुल्ल पटेल, नरेंद्र पवार, राजेश नायडू, नितिन शुक्ला आदि दोस्त उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नीरज सिंह राठौर एवं साहित्यकार लेखक अंबरीष भावसार ने किया।