Connect with us

झाबुआ

75 से अधिक ओलीजी तपस्वियोें का लाभार्थी परिवार ने किया बहुमान

Published

on


नवपदजी की आराधना सर्व मंगलविधायिनी है ।
झाबुआ । जैन शासन में श्री नवपद जी की आराधना के लिए वर्ष में दो समय बताये गये हैंकृआसोज मास और चैत्र मास । पहला आश्विन शुक्ला सप्तमी से आश्विन शुक्ल पूर्णिमा पर्यन्त तथा दूसरा चैत्र शुक्ला सप्तमी से चैत्र शुक्ला पूणिमा पर्यन्त । दोनों में नौ दिनों का तप होता है । शरद और वसन्त ऋतुओं में नवपद ओलीजी की आराधना होती है। इन ऋतुओं में शारीरिक विकार अधिक होते हैं-उनके शमन के लिए रूक्ष भोजन का विधान है। ओलीजी की तपस्या दैहिक और आध्यात्मिक आरोग्य के लिए संजीवनी औषधि तुल्य है । ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ शरीर निश्चय ही धर्म का प्रथम अवलम्ब है। इसलिए दैहिक स्वस्थता अत्यन्त आवश्यक है। तप ‘देह-देवालय’ बनाने का अनुपम आधार है ।


इसी कडी में भवतारक सौधर्म वृहततपानगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमत जयानन्द सूरिश्वरजी म.सा.के शिष्यरत्न प.पू. आचार्य भंगवत श्रीमद विजय दिव्यानंद सूरिश्वरजी म.सा. आदि श्रमण- श्रमणी वंद के सानिध्य में आयोजित दिव्य आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024 मेें झाबुआ नगर में 9 दिवसीय शाश्वती श्री सिद्धचक्र जी नवपद ओलीजी आराधना के तहत 75 से अधिक ओलीजी की तपस्या का कीर्तिमान धर्म एवं तपस्या की कडी में ऐतिहासिक माना जावेगा । 18 अक्टूबर शुक्रवार को श्री जैन श्वताम्बर श्री संघ एवं दिव्य आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति के तत्वाधान में लाभार्थी स्वर्गीय श्रीमती मिश्रीबाई एवं स्वर्गीय श्री वीरेन्द्रकुमार संघवी की स्मृति में श्रीमती सुभद्रदेवी, शांशाक, आरजू संघी एवं समस्त संघवी परिवार की ओर से प्रातः 8 बजे श्री अणु मंगल भवन रुनवाल बाजार में तपस्वियों का बहुमान लाभार्थी परिवार द्वारा किया गया । लाभार्थी परिवार द्वारा सभी ओलीजी तपस्वियों को कुमकुम लगाकर सामायिक आसन व माला भेंट की ।इस अवसर पर प्रवचन एवं लाभार्थी परिवार के  बहुमान का कार्यक्रम श्री ऋषभदेव बावन जिनालय पौषधालय में किया गया ।
ज्ञातव्य है कि नवपद आलीजी तपराधना के तहत तपस्वी नौ दिनों तक बिना मिर्च, नमक एवं बिना तला हुआ याने पूरी तरह उबला हुआ खाना हीह एक समय ग्रहण करके श्री सिद्धचक्र भगवंत के नवपद अरिहन्त पद, सिद्ध पद, आचार्य पद, उपाध्याय पद, साधु पद, ६. दर्शन पद, ज्ञान पद, चारित्र पद, तप पद के सिद्धान्तानुसार ओलीजी तप करते है। श्री नवपद को आराधना सुदेव-गुरु-धर्म की आराधना कहा जाता है। श्री अरिहन्त-सिद्ध-आचार्य-उपाध्याय-साधु पंच परमेष्ठी सम्यग् ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप-चार गुणों से अलंकृत हैं । अतः नवपद की आराधना से आराधक इन दिव्य गुणों से विभूषित हो जाता है । जैसे फुलों को हाथ में लेने से उनकी सुगन्ध हाथ में आ जाती है, जैसे शीतल जल के संयोग से शीतलता का अनुभव होता है, जैसे मिष्टान्न से मधुरता को प्रतीति होती है, वैसे ही गुणीजनों की सेवा-अर्चना से गुण प्राप्त होते हैं। अतः नवपदजी की आराधना सर्व मंगलविधायिनी है । आयोजन समिति ने वरण ओलीजी, वर्धमान तप, नवपद ओलीजी,कर्मचुर तप, अष्टापद तप, पुनम उपवास, वर्षीतप, आदि सभी तपस्वियों को भी पारणे के लिये आमन्त्रित किया । नगर में 9 दिवसीय शाश्वती श्री सिद्धचक्र जी नवपद ओलीजी आराधना के इस श्रद्धाप सवे परिपूर्ण कार्यक्रम की सर्वत्र प्रसंशा हो रही है ।

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज

प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।

Advertisement

Subscribe Youtube

Advertisement
झाबुआ11 hours ago

झाबुआ – कलेक्टर नेहा मिना ने अचानक किया रेन बसेरा का निरिक्षण , दिए सख्त दिशा निर्देश ।

अलीराजपुर13 hours ago

अलीराजपुर – कलेक्‍टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर ने 23 नवम्बर को उदयगढ में आयोजित होने वाले मेगा हेल्थ कैम्प की तैयारियों का जायजा लिया ।

अलीराजपुर14 hours ago

अलीराजपुर – सयुंक्त कलेक्टर एवं जिला डीपीसी वीरेंद्र सिंह बघेल का ऐक्शन , कार्य में लापरवाही के कारण हॉस्टल अधीक्षक पद से मूल पदस्थ पद पर कार्यमुक्त किया ।

झाबुआ16 hours ago

पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय झाबुआ 1 में परमाणु ज्योति कार्यक्रम का आयोजन 20 नवम्बर को किया गया

इंदौर21 hours ago

इंदौर – प्रबंध निदेशक श्रीमती रजनी सिंह के निर्देश पर अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही बरतने वाले बिजली कंपनी के चार इंजीनियर  को निलंबित किया ।

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!