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झाबुआ

आयोग अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य द्वारा दिए गए निर्देश …एक ही स्थान पर 3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ होस्टल अधीक्षकों को स्थानांतरित करें ..के निर्देशों का पालन सहायक आयुक्त करेगी या नहीं…….

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झाबुआ – 15 अक्टूबर को जिला पंचायत के नवीन सभा कक्ष में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य की अध्यक्षता में , जिला झाबुआ अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई । इस समीक्षा बैठक में विभिन्न योजनाओं अंतर्गत आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए ।  वहीं आयोग से अधिकारियों द्वारा इस बैठक के दो दिन पूर्व छात्रावासों का निरीक्षण भी किया गया था ।  निरीक्षण में दो छात्रावास में अनियमितता पाए जाने से संबंधित होस्टल अधीक्षकों को सस्पेंड किए जाने के निर्देश भी दिए गए थे । क्या सहायक आयुक्त द्वारा इन निर्देशों का पालन किया है या नहीं ….यह जांच का विषय है साथ ही जिला अधिकारियों को छात्रावास निरीक्षण में ड्यूटी लगाकर आकस्मिक निरीक्षण किए जाने के निर्देश भी दिए थे । क्या इन निर्देशों का पालन जिला अधिकारों द्वारा किया जा रहा है या नहीं…. यह भी जांच का विषय है । इस संबंध में होस्टल अधीक्षक को सस्पेंड किया गया या नहीं यह भी जांच का विषय है साथ ही यह भी निर्देश दिए गए , ऐसे अधीक्षक जो एक ही स्थान पर 3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं। उनका स्थान परिवर्तन के निर्देश दिए गए थे । क्या इन निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं……यह भी चिंतन का विषय है । हाल ही में कन्या शिक्षा परिसर थांदला मोरझिरी में पदस्थ अधीक्षीका द्वारा छात्रा को पीटते हुए वीडियो वायरल हुआ, तत्पश्चात कलेक्टर झाबुआ द्वारा तत्काल अधीक्षिका को निलंबित करने के निर्देश दिए गए । इस प्रकार हाल ही में तीन होस्टल अधीक्षकों की कार्य प्रणाली को लेकर हटाया गया है । इसके अलावा यदि समय-समय पर जिले के होस्टलों का निरीक्षण किया जाए , तो कई होस्टलों की व्यवस्थाओं में सुधार किए जाने की संभावना है प्रश्न यह है कि क्या सहायक आयुक्त कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त अंतरसिंह आर्य के निर्देशों का पालन करेगी और 3 वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ होस्टल  अधीक्षकों को स्थानांतरित करेगी  । लोगों में जन चर्चा का विषय यह भी है कि जहां पूर्व में मंत्री कुमार विजय सिंह शाह के झाबुआ दौरे के दौरान, सहायक आयुक्त विभाग की लापरवाही और अव्यवस्थाओं के कारण, मंत्री जी को  स्वयं के निजी खर्चे पर अपना नाश्ते की व्यवस्था करना पड़ी थी  । लेकिन मंत्री जी का यह बड़प्पन था और उन्होंने इसे नजर अंदाज किया । वही क्या सहायक आयुक्त द्वारा विभिन्न होस्टल अधीक्षीको की सूची तैयार की है जिसमें एक ही स्थान पर 3 वर्ष से अधिक समय एक ही स्थान पर पदस्थ हैं वहीं अब पुनः यह चिंतन है कि क्या आयोग अध्यक्ष के निर्देशों का पालन किया जाएगा या फिर निर्देशों पर गौर नहीं किया जाएगा ।

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