Connect with us

झाबुआ

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा आरटीआई के तहत आवेदक द्बारा ड्रग लाइसेंस की जानकारी मांगने पर, निजी जानकारी बताते हुए देने से किया इनकार

Published

on

झाबुआ  — खाद्य औषधि प्रशासन विभाग झाबुआ द्वारा मनमानी कार्यशैली की ऐसी कार्यप्रणाली देखने को मिली , जिसमें आरटीआई के तहत आवेदक द्बारा ड्रग लाइसेंस से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी हेतु आवेदन देने बाद, विभाग द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की जानकारी देने बजाय ड्रग विभाग के आला अधिकारी द्वारा,  इसे निजी जानकारी बताते हुए देने से किया इनकार । जानकारी अनुसार झाबुआ के आवेदक द्वारा 18 सितंबर को खादय एवं औषधि प्रशासन विभाग से  सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गई । जानकारी में आवेदक द्वारा नगर में कुल कितने मेडिकल स्टोर संचालित है तथा विभाग द्वारा ड्रग लाइसेंस जारी करने की संपूर्ण प्रक्रिया की सत्य प्रतिलिपि मय ड्रग लाइसेंस के मांगी गई । साथ ही ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया के नियमों की प्रमाणित नियमावली हिंदी भाषा में मांग की गई । इस प्रकार आवेदक द्वारा कुल दो बिंदुओं पर , इस विभाग से जानकारी चाही गई । विभाग के आला अधिकारी द्वारा हस्तलिपि बिना आवक जावक के एक पत्र स्पीड पोस्ट के माध्यम से आवेदक के हो पहुंचाया , जिसमें दर्शाया गया कि चूंकि यह जानकारी निजी है इसलिए आपको प्रदाय नहीं की जा सकती है ।

साथ ही साथ दूसरे बिंदुओं पर जानकारी देने के बजाय किसी पुस्तक का हवाला दिया गया । इस प्रकार इस विभाग के खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा ड्रग लाइसेंस हेतु अपनी गई प्रक्रिया की सत्य प्रतिलिपि देने से इनकार कर दिया । जबकि आवेदक द्वारा किसी भी व्यवसाय की किसी भी तरह से निजी जानकारी नहीं मांगी गई थी ।  मात्र इस लाइसेंस प्रक्रिया में नियम अनुसार दी गई कागजी खानापूर्ति की प्रतिलिपि मांगी गई थी । चूंकि आवेदक का कहना है कि नशे का कारोबार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है जहां जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इस नशे को कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं वहीं आवेदक का कहना है कि शहर के बाहरी क्षेत्र की कई मेडिकल स्टोर पर एविल के इंजेक्शन आदि नशीले पदार्थ का विक्रय हो रहा है तथा आवेदक का यह भी कहना है कि कई मेडिकल स्टोर पर बी-फार्मा किसी और के नाम का और उसका संचालन कोई और कर रहा है जिससे इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में जानकारी की अभाव में गलत दवाई भी दी जा सकती है । इन्हीं उद्देश्यों को लेकर आवेदक द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई । लेकिन विभाग के आला अधिकारी को यह समझ नहीं आया । इस तरह से विभाग की आलाधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से इनकार किया जा रहा है । वही शासकीय प्रक्रिया में लगाए गए कागजी खानापूर्ति, किसी निजी जानकारी से संबंधित नहीं रखता है । इस विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर और मेडिकल स्टोर के निरीक्षण को लेकर भी कई बातें आमजनों में जनचर्चा का विषय बनती जा रही है विशेष रूप से ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया को लेकर । आखिर क्या कारण है कि विभाग की आला अधिकारी ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया की प्रतिलिपि देने से इनकार कर रही है जबकि अपनाई गई प्रक्रिया पूर्ण रूप से शासकीय है।

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज
Advertisement

Subscribe Youtube

Advertisement
झाबुआ7 hours ago

झाबुआ – कलेक्टर नेहा मिना ने अचानक किया रेन बसेरा का निरिक्षण , दिए सख्त दिशा निर्देश ।

अलीराजपुर8 hours ago

अलीराजपुर – कलेक्‍टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर ने 23 नवम्बर को उदयगढ में आयोजित होने वाले मेगा हेल्थ कैम्प की तैयारियों का जायजा लिया ।

अलीराजपुर9 hours ago

अलीराजपुर – सयुंक्त कलेक्टर एवं जिला डीपीसी वीरेंद्र सिंह बघेल का ऐक्शन , कार्य में लापरवाही के कारण हॉस्टल अधीक्षक पद से मूल पदस्थ पद पर कार्यमुक्त किया ।

झाबुआ12 hours ago

पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय झाबुआ 1 में परमाणु ज्योति कार्यक्रम का आयोजन 20 नवम्बर को किया गया

इंदौर16 hours ago

इंदौर – प्रबंध निदेशक श्रीमती रजनी सिंह के निर्देश पर अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही बरतने वाले बिजली कंपनी के चार इंजीनियर  को निलंबित किया ।

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!