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झाबुआ

सायबर सेल झाबुआ एवं थाना प्रभारी कालीदेवी की मदद से BSF जवान के ट्रांसफर हुए 92,000/- रुपए आवेदक के खाते में वापस कराये।

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             शिकायतकर्ता बाबूलाल परते निवासी गवालटोली जिला नर्मदापुरम जो की BSF का जवान है। आवेदक के द्वारा नर्मदापुरम साइबर सेल में एक शिकायत की गई, जिसमें बताया कि आवेदक के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के खाते में परिचित द्वारा ट्रांसफर की गई कुल राशि 92 हजार रुपए आवेदक के खाते में प्राप्त नहीं हुई। उक्त शिकायत में लाभान्वित खाते की डिटेल बैंक से प्राप्त की गई जो की जिला झाबुआ का खाता होना पाया गया ।                                                       
              उक्त शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक झाबुआ महोदय श्री पद्मविलोचन शुक्ल द्वारा सायबर सेल झाबुआ एवं थाना प्रभारी कालीदेवी निरी. प्रदीप वाल्टर को BSF जवान के रूपय वापस कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त निर्देशों के तारतम्य में सायबर सेल झाबुआ एवं थाना प्रभारी कालीदेवी निरी. प्रदीप वाल्टर द्वारा BSF जवान की ट्रांसफर हुई सम्पूर्ण राशि सकुशल वापस कराई।
            सराहनीय कार्य में योगदान कालीदेवी थाना प्रभारी निरीक्षक श्री प्रदीप वाल्टर, सायबर सेल झाबुआ, साइबर सेल नर्मदापुरम का रहा।
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एक अन्य मामले मे आवेदक सुरेश वास्केला निवासी पलासडी ने सायबर सेल झाबुआ मे शिकायत दर्ज कि उसके फोन पर अज्ञात व्यक्ति व्दारा कॉल कर कहा कि आपका नम्बर बंद होने वाला है, इसे चालू रखने के लिए 1 दबाएं, 1 दबाते ही आवेदक का नम्बर बंद हो गया व किसी दूसरे व्यक्ति के पास चालू हो गया, और आवेदक के फोन पे, व्हाटसएप, आदि का एक्सेस अज्ञात व्यक्ति के पास चला गया। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय व्दारा सायबर सेल झाबुआ को निर्देश दिए। उक्त निर्देशो के पालन मे कार्यवाही करते हुए सायबर सेल झाबुआ ने आवेदक के मोबाइल न. की जानकारी प्राप्त की तो पता चला की आवेदक का मोबाइल न. झारखण्ड के जामतारा में चल रहा है। उक्त मामले मे कार्यवाही करते हुए सायबर सेल झाबुआ व्दारा जिओ केयर मे सम्पर्क कर उक्त नम्बर को तत्काल बंद करवाया गया एवं पुन: आवेदक के नाम से रजिस्टर कराकर मोबाइल नम्बर का एक्सेस प्राप्त किया गया।

सिम स्वैप –

सिम स्वैप धोखाधड़ी के तहत, जालसाज पीड़ित के नाम पर, फर्जी आईडी प्रूफ के साथ, नया सिम कार्ड प्राप्त कर सकते है। धोखेबाज़ मोबाइल सेवा प्रदाता के माध्यम से आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक नया सिम कार्ड जारी करवा लेते हैं। इस नए सिम की मदद से वे आपके बैंक खाते से वित्तीय लेनदेन करने के लिए आवश्यक वन टाइम पासवर्ड (OTP) और अन्य अलर्ट प्राप्त करके पीड़ित के खाते से धोखाधड़ी वाले लेनदेन कर सकते हैं।

सिम स्वैप धोखाधड़ी –
– जालसाज फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग आदि जैसे सोशल इंजीनियरिंग तरीकों के जरिए पीड़ित के बैंक खाते का विवरण और पंजीकृत मोबाइल नंबर प्राप्त कर लेता है।
– इसके बाद, वह मूल सिम को ब्लॉक कराने के लिए फर्जी आईडी प्रूफ के साथ पीड़ित बनकर मोबाइल ऑपरेटर के रिटेल आउटलेट पर जाता है।
– सत्यापन के बाद, ऑपरेटर वास्तविक ग्राहक (पीड़ित) के सिम को निष्क्रिय कर देता है और नकली ग्राहक (धोखेबाज) को नया सिम कार्ड जारी कर देता है।
– अब, जालसाज फ़िशिंग/विशिंग रणनीति के माध्यम से प्राप्त बैंकिंग विवरण का उपयोग करके पीड़ित के खातों पर धोखाधड़ी लेनदेन करने के लिए नए सिम के साथ ओटीपी प्राप्त कर सकता है।

धोखाधड़ी से खुद को कैसे बचाएं?
• सोशल इंजीनियरिंग रणनीति (विशिंग, फ़िशिंग, स्मिशिंग) से सावधान रहें, जिसका उद्देश्य आपका गोपनीय और व्यक्तिगत डेटा चुराना है।
• मोबाइल नंबंर अचानक बंद होने पर, तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करें।
• सबसे खराब स्थिति से बचने के लिए, तुरंत अपने बैंक खाते का पासवर्ड बदलें।
• अपने बैंकिंग लेन-देन के लिए नियमित एसएमएस के साथ-साथ ई-मेल अलर्ट के लिए रजिस्टर करें। (इस तरह, भले ही आपका सिम निष्क्रिय हो जाए, आपको अपने ईमेल के माध्यम से अलर्ट मिलते रहेंगे)
• समय-समय पर अपने बैंक खाते का विवरण देखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विवरण में दर्शाए गए लेन-देन वास्तव में आपके द्वारा ही किए गए हैं।
• धोखाधड़ी की स्थिति में, अपने खाते को ब्लॉक कराने और आगे की धोखाधड़ी से बचने के लिए तुरंत बैंक से संपर्क करें।

CYBER ADVISORY :-

 टेलीग्राम के माध्यम से साइबर ठगों द्वारा पार्ट टाइम जॉब के नाम पर व टास्क पूरा करने के नाम पर व्यक्ति के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा रही है कृपया सावधानी बरतें।
 डिजिटल अरेस्ट: नए स्कैम से रहें सावधान सायबर अपराधी वीडियो कॉल के जरिये लोगों को डरा धमका कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। नागरिक सतर्क रहें, इंवेस्टीगेशन एजेंसियों के नाम से आ रही ऐसी किसी कॉल से डरकर ऑनलाइन रुपए न दें।
 AI Voice Scam Alert :  इस तकनीक का उपयोग कर स्कैमर्स आपके परिवार का सदस्य या परिचित बनकर कॉल पर बात करता है और किसी इंमरजेंसी के बहाने आपसे पैसे की डिमांड करता है। ऐसे कॉल से सावधान रहें। पहले नंबर की जांच करें।
 वर्तमान में एक विशेष प्रकार का साइबर अपराध देखने को मिल रहा है जिसमें आपके बच्चे जो आपसे दूर शहर में पढ़ाई कर रहे हैं ,उनको किसी अपराध में पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की बात कह कर लोगों से पैसों की ठगी की जा रही है। अतः बच्चों की गिरफ्तारी का डर दिखाकर होने वाली ठगी से सावधान रहे।
 किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा बैंक संबंधी जानकारी जैसे उपयोगकर्ता का आईडी पासवर्ड /ATM कार्ड नंबर /पिन /CVV नंबर/ OTP नंबर आदि मांगे जाने पर प्रदाय ना करें। बैंक कभी भी फोन पर बैंक संबंधी जानकारी नहीं मांगते हैं।
 गूगल के माध्यम से कस्टमर केयर नंबर सर्च करने के लिए अधिकृत वेबसाइट को ही चुने।
 अनजान लिंक पर क्लिक न करे।
 सोशल मीडिया पर प्रोफाइल पिक्चर को लॉक व सिक्योर करके रखे।
 अपनी सोशल मीडिया ID(Facebook, Instagram, whatsApp etc) पर हमेशा 2 स्टेप वेरीफिकेशन चालू रखे।
 बैंकिंग App  में लॉक लगा के रखे।
 अनजान एप्प को Play Store के अलावा दूसरे प्लेटफॉर्म से डाउनलोड न करे।
 किसी भी अनजान एप्प को मोबाइल की (जैसे गैलरी, कॉन्टेक्ट, SMS, लोकेशन) परमिशन न दे।
 ट्रांजैक्शन करते समय किसी भी रिमोट एक्सेस एप जैसे टीमव्यूअर/एनीडेक्स आदि को मोबाइल में इंस्टॉल ना करें।
 नौकरी की ऐसी पेशकश से बचे जिसमें आपको पैसे जमा करने के लिए कहा जा रहा हो।
 किसी को भी अपना मोबाइल न दे।
 फेसबुक और व्हाट्सएप मैसेंजर का उपयोग कर युवक/युवतियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर, की जा रही फिरौती की मांग से बचे।
 बैंक फ्रॉड होने पर तुरंत हेल्पलाईन नंबर 1930 पर कॉल करे या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करे। सायबर सेल झाबुआ के हेल्पलाईन नंबंर 70491 40517 पर भी कॉल कर सकते है।

#सतर्क रहे #जागरूक रहे।

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