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जनजातीय सीएम राइज़ स्कूलों के प्रिंसिपल आईआईएम इंदौर से सीखेंगे मैनेजमेंट व लीडरशिप के गुर

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प्रशासन अकादमी में आयोजित पांच दिवसीय लीडरशिप एंड मैनेजमेंट प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन मंगलवार को आईआईएम इंदौर के विशेषज्ञ होंगे शामिल

मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सोमवार 18 जुलाई 2022 को शाहपुरा स्थित आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी में पांच दिवसीय लीडरशिप एंड मैनेजमेंट प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हुई। जनजातीय कार्य विभाग के अधीन सी.एम. राइज़ स्कूलों के 40 नवनियुक्त प्राचार्य इसमें हिस्सा ले रहे हैं जिसमें उन्हें लीडरशिप और मैनेजमेंट के गुर सिखाए जा रहे हैं। इसके दूसरे दिन मंगलवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आई.आई.एम.) इंदौर के विशेषज्ञ इन प्राचार्यों को चेंज मैनेजमेंट, लीडरशिप स्टाइल, लीडिंग इनोवेटिंग टीम्स, लीडरशिप एंड मोटिवेशन जैसे विषयों पर ट्रेनिंग देंगे। प्रशासन अकादमी, रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (आर.आई.ई.) और जनजातीय कार्य विभाग के विशेषज्ञ इन प्राचार्यों को प्रशिक्षित करेंगे। प्राचार्यों को नजदीकी सी.एम. राइज़ स्कूल के अलावा निजी स्कूलों का भ्रमण भी करवाया जाएगा। साथ ही प्राचार्य पेनल डिस्कशन में भी शामिल होंगे। इस प्रशिक्षण का उद्घाटन जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त संजीव सिंह ने किया। प्रशिक्षण के पहले दिन प्राचार्यों को सी.एम. राइज़ स्कूलों के कॉन्सेप्ट व क्रियान्वयन, नई शिक्षा नीति 2020 और आर्ट ऑफ लर्निंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

स्कूल में इतना बड़ा निवेश निजी क्षेत्र में भी मुश्किल
जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त संजीव सिंह ने कहा कि सी.एम. राइज़ स्कूल एक बहुत ही बड़ी महत्वकांक्षी योजना है। उसमें फंड्स की कभी कोई दिक्कत नहीं आएगी। हमें बस क्वालिटी का ध्यान रखना होगा। देश के सबसे बेहतरीन आर्किटेक्ट्स मिलकर हर उम्र के बच्चे की जरूरतों के हिसाब से एक अभूतपूर्व इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर में भी शायद ही कुछ स्कूल होंगे जिन्होंने इतना बड़ा 35-40 करोड़ रुपए का निवेश एक साथ किया हो। हमारी पूरी कोशिश है कि शेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कर सकें ताकि हमें जल्द बेहतर परिणाम मिलें।

प्राचार्यों से मांगे सुझाव ताकि पॉलिसी में हो शामिल
आयुक्त संजीव सिंह ने नवनियुक्त प्राचार्यों से कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आप जो भी नवाचार करना चाहते हैं प्रशिक्षण के दौरान हमसे साझा करें। हम बेशक उन्हें अपनी पॉलिसी में लेकर आएंगे। सी.एम. राइज़ स्कूलों में हमें अपनी सोच का दायरा बढ़ाना है। हम आपको प्राइवेट स्कूल का भ्रमण भी कराएंगे ताकि आप जान सकें कि प्राइवेट स्कूल कैसे संचालित होते हैं और वहां कैसी गतिविधियां होती हैं। हमें सारा आंकलन कर उससे आगे जाना है और जनजातीय विभाग के सी.एम. राइज़ स्कूलों में कुछ अभूतपूर्व काम करके दिखाना है।

• आई.आई.एम. इंदौर देगा इन विषयों पर ट्रेनिंगः चेंज मैनेजमेंट, लीडरशिप स्टाइल, लीडिंग इनोवेटिंग टीम्स और लीडरशिप एंड मोटिवेटिंग सेल्फ एंड अदर्स।
• इन विषयों पर भी मिलेगी प्राचार्यों को ट्रेनिंगः स्ट्रेस मैनेजमेंट, टीचर बतौर काउंसलर व मेंटर, स्टेकहोल्डर मैनेजमेंट, यूज ऑफ टेक्नोलॉजी इन स्कूल।

प्रशिक्षण में प्राचार्यों को दिए ये टिप्सः
• ट्रेनिंग के प्रति रुचि बनाए रखना है और उसे अपने काम में लागू करना एक बड़ी चुनौती है।
• प्राचार्यों के लिए बतौर लीडर सरकारी सिस्टम में बदलाव लाना बहुत बड़ी चुनौती है। लेकिन आप बच्चों को गाइड, मोल्ड और मोटिवेट कर उनके पेरेंट्स को उत्साहित कर सकते हो।
• एक लीडर होने के नाते सही समय पर विद्यार्थियों की क्षमताओं और रुचियों का आंकलन करते हुए उन्हें सही दिशा प्रदान कर प्रोत्साहित करें।
• ट्राइबल स्कूल में जानकारी का काफी अभाव देखा गया है इसलिए प्राचार्यों का जागरुक होना बहुत आवश्यक है ताकि विद्यार्थियों को जागरुक कर सकें।
• प्राचार्यों को भी स्कूलों में पढ़ाना चाहिए ताकि वे दूसरे शिक्षकों के लिए मिसाल साबित कर सकें।
• शिक्षा के क्षेत्र में जो भी टेक्नोलॉजी के प्लेटफॉर्म आए हैं इन्हें बिना झिझक अपनाए, इससे भयभीत न हो।

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