अलीराजपुर – केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय उपभोक्ता मामले विभाग अपर सचिव निधि खरे ने होटलों और रेस्तरां में सेवा शुल्क लगाने के संबंध में अनुचित व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा संबंधित दिशा-निर्देश जारी किये है। उक्त निर्देाों के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित करने हेतु की गई है, जनता और उपभोक्ताओं के हित और एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दर्ज कई शिकायतों के माध्यम से सीसीपीए को जानकारी मिली की रेस्तरां और होटलों द्वारा उपभोक्ताओं को यह बताए बिना कि इस तरह के शुल्क का भुगतान स्वैच्छिक और वैकल्पिक है, बिल में डिफ़ल्ट रूप से सेवा शुल्क लगा रहे हैं। इसके अलावा, मेनू में उल्लेखित खाद्य पदार्थों की कुल कीमत और लागू करों के अतिरिक्त सेवा शुल्क अक्सर किसी अन्य शुल्क या शुल्क की आड़ में लगाया जा रहा है। दी जाने वाली टिप उपभोक्ता और होटल प्रबंधन के बीच अनुबंधित बुनियादी न्यूनतम सेवा से परे प्राप्त आतिथ्य की ओर है, और उपभोक्ता के विवेक पर होटल या रेस्तरां के उपभोक्ता और कर्मचारियों के बीच एक अलग लेन-देन का गठन करता है। इसके अलावा, सेवा शुल्क के संग्रह के आधार पर प्रवेश पर कोई भी प्रतिबंध एक व्यापार प्रथा है जो ग्राहक पर जबरदस्ती के माध्यम से एक अनुचित लागत लगाता है। पेय पदार्थ, और धारा 2(41) के तहत परिभाषित प्रतिबंधात्मक व्यापार अभ्यास के अंतर्गत आता है। इसलिए, अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और सेवा शुल्क लगाने के संबंध में उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए, सीसीपीए द्वारा आवयक दिाा निर्देा जारी किये गए है। जिसके तहत कोई भी होटल या रेस्तरां सेवा शुल्क में स्वचालित रूप से या डिफ़ल्ट रूप से बिल नहीं जोड़ेंगे। किसी अन्य नाम से उपभोक्ताओं से सेवा शुल्क वसूल नहीं किया जाएगा। कोई भी होटल या रेस्तरां उपभोक्ता को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करेगा और उपभोक्ता को स्पष्ट रूप से सूचित करेगा कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर है। सेवा के संग्रह के आधार पर सेवाओं के प्रवेश या प्रावधान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हुए चार्ज उपभोक्ताओं पर लगाया जाएगा। खाद्य बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर सेवा शुल्क नहीं लिया जाएगा। उपरोक्त दिशा-निर्देश के अतिरिक्त होंगे न कि अल्पीकरण में। अगर किसी उपभोक्ता को पता चलता है कि कोई होटल या रेस्टोरेंट किस शहर में सर्विस चार्ज लगा रहा है, उपर्युक्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होगा। इसके संबंध में उपभोक्ता बिल राशि से सेवा शुल्क हटाने के लिए संबंधित होटल या रेस्तरां से अनुरोध कर सकता है। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर शिकायत दर्ज करें, जो 1915 या एनसीएच मोबाइल ऐप के माध्यम से पूर्व-मुकदमेबाजी स्तर पर वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में काम करती है। उपभोक्ता आयोग के पास अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसके त्वरित और प्रभावी निवारण के लिए शिकायत ई दाखिल पोर्टल ूूूण्मकंाीपसण्दपब.पद के माध्यम से इलेक्ट्रनिक रूप से भी दर्ज की जा सकती है। संबंधित जिले के जिला कलेक्टर को शिकायत प्रस्तुत कर सकते है। सीसीपीए द्वारा जांच और उसके बाद की कार्यवाही। शिकायत सीसीपीए को बवउ.बमचं/दपबण्पद पर ई-मेल द्वारा भी भेजा जा सकता है ।
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