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झाबुआ

अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल, झाबुआ में मनाया गया ‘हरियाली अमावस्या’ महोत्सव

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झाबुआ —28 जुलाई 2022 दिन गुरुवार को अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल, झाबुआ में ‘हरियाली अमावस्या’ महोत्सव मनाया गया | जो कि स्कूल के लक्ष्य ‘संस्कार’ का ही हिस्सा है |

अश्विनी खेड़े मैडम द्वारा आकर्षित ढंग से कविता के माध्यम से सब्जियों के हरे रंग के बारे में बताते हुए शरीर के लिए उनके फायदे बताए गए | साथ ही बच्चों से हरी सब्जियों से सम्बंधित प्रश्न भी पूछे गए | इसके बाद सुचिता राठौर द्वारा बच्चों से हरे फलों से सम्बंधित सामान्य प्रश्न पूछते हुए कविता के साथ रोचक तरीके से शारीरिक गतिविधि से हरे फलों के महत्व को समझाया गया |

सीमा वागद्रे द्वारा पेड़-पौधे के रंग उनके महत्व को बताया गया | उन्होंने बताया कि पेड़ का रंग क्लोरोफिल के कारण हरा होता है और सबसे अधिक आक्सीजन बरगद का पेड़ देता है | पेड़ से ही वस्त्र, काग़ज, आदि बनते हैं | इसके बाद छात्रों ने भी हरियाली अमावस्या से संबंधित कविताओं की शानदार प्रस्तुति दी |

तत्पश्चात डॉ. लिमये ने शिक्षकों द्वारा बताए गए महत्व से संबंधित छात्रों से रोचक और सरल तरीके से प्रश्न भी पूछा | जिसमें छात्रों ने बड़ी उत्सुकता से जवाब दिया | लिमये जी ने बताया कि महीने में पंद्रह-पंद्रह दिन के दो पाख होते हैं- जिसे हम अमावस्या और पूर्णिमा के नाम से जानते हैं | पूर्णिमा को चाँद पूरा दिखाई देता है और अमावस्या को चाँद नहीं दिखाई देता| महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, में इस त्योहार को दीप अमावस्या के नाम से जानते हैं |


सावन मास में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 28 जुलाई यानी आज है। हिंदू धर्म में इस अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ पितरों की भी पूजा की जाती है। साथ ही पितरों के निमित्त दान-पुण्य भी किया जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों को तर्पण किया जाता है। उन्होंने हरियाली अमावस्या को पूजा करने के महत्व को बताने के बाद भक्त और भगवान् से संबंधित एक नैतिक कहानी सुनाया और सुनाई गई कहानी से क्या सीख मिलती है ? इस प्रश्न का उत्तर उन्होंने सरल तरीके से छात्रों से ही पूछा जिसमें छात्रों ने रोचक तरीके से उत्तर दिया | कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से अंग्रेजी शिक्षक जयेंद्र सिंह चौहान द्वारा किया गया | इन्होंने बताया कि हरा रंग विकास, समृद्धि, आराम, संतुष्टि का प्रतीक है |


इसके बाद छात्रों की चित्रकला प्रतियोगिता कराई गई | जिसका शीर्षक था ‘प्रकृति’ छात्रों ने प्रकृति से संबंधित विविध प्रकार की चित्रकारी की। साथ ही शिक्षकों ने भी इसमें भाग लिया |

इसके बाद पौधा-रोपण किया गया । जिसमें मुख्य रूप से शामिल होने वाले अतिथि-
श्रीमान सी.एम.अहिरवार (महा प्रबंधक मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, जिला झाबुआ),
श्रीमान प्रकाश जी धाकड़ (सब इंजीनियर), श्री कुसुमकांतजी शाह, श्रीमान कपिल शाह , श्रीमान विपिन पांचाल जी थे।
अंत में सभी कक्षाओं के शिक्षकों द्वारा अपनी अपनी कक्षा के छात्रों के साथ पौधा-रोपण किया गया |

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