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RATLAM

सिर्फ 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा लहसुन, मंडी पहुंचाने तक का किराया भी नहीं निकाल पा रहे किसान

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सिर्फ 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा लहसुन, मंडी पहुंचाने तक का किराया भी नहीं निकाल पा रहे किसान
रतलाम मंडी में 50 पैसे प्रति किलो लहसुन बिक रहा है. बड़ी संख्या में किसान मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे हुए हैं. अब इतना कम भाव मिलने पर किसान काफी परेशान हैं. इससे किसानों खर्च किराया का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.
रतलाम,
लहसुन के भाव लगातार गिरावट आ रही है. फसल पर सही दाम नहीं मिलने से किसान परेशान हैं. त्रस्त किसान लहसुन से भरी बोरियां नदियों में फेंकने लगे हैं. मध्य प्रदेश के रतलाम में इतने कम भाव में लहसुन बिक रहा है कि किसान फसल की लागत तो दूर मंडी तक लहसुन पहुंचाने का भाड़ा यानी किराया तक भी नहीं निकाल पा रहे हैं.

क्या कह रहे हैं किसान

रतलाम मंडी में 50 पैसे प्रति किलो लहसुन बिक रहा है. बड़ी संख्या में किसान मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे हुए हैं. अब इतना कम भाव मिलने पर किसान काफी परेशान हैं. मलवासा गांव से लहसुन लेकर आए दिलावर कहते हैं कि कई कट्टे लहसुन को गांव के पास की नदी में फेंक कर आए हैं. अब लहसुन पर प्रति किलो सिर्फ 50 पैसे ही मिल रहा है. ऐसी स्थिति में लहसुन को फेंकने में ही फायदा है.

रैनमहू गांव के रहने वाले मुकेश राठौर के मुताबिक वे 15 कट्टा लहसुन लेकर मंडी आए थे. उन्हें एक रुपए 95 पैसे प्रति किलो में लहसुन की फसल बेचनी पड़ी. लहसुन उत्पादन में लागत बहुत ज्यादा लगती है. 100 रुपये कट्टे के भाव से कटाई होती है. जब तक किसानों को 6000 रुपये प्रति कुंतल लहसुन का भाव नहीं मिल जाए तब तक कोई फायदा नहीं है. अब इतना कम भाव मिलने की वजह से आत्महत्या जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. हम चाहते हैं कि इसे एमएसपी से जोड़ दिया जाए ताकि किसानों को कुछ तो भाव मिले मगर सरकार सुन नहीं रही है हमारी.

क्या कह रहे हैं मंडी अधिकारी और व्यापारी

मंडी अधिकारी मनोज गणावा बताते हैं कि मंडी में 900 कट्टे की आवक हो रही है. आज की तारीख में उत्तम भाव ₹4000 है और मॉडल भाव 1200 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल है.  न्यूनतम भाव ₹50 कुंटल भी हैं. फैक्ट्री माल (जिनकी कलियां मर चुकी हैं) ₹2 से लगाकर ₹5 किलो का भी बिक रहा है. अच्छे लहसुन के पूरे भाव किसानों को दिए जा रहे हैं.

व्यापारियों के मुताबिक पूर्व में लहसुन केवल रतलाम मंदसौर नीमच जिले में ज्यादा होता था लेकिन अब  देवास और अन्य जिलों में भी लहसुन की फसल किसान बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. लहसुन की क्वॉलिटी की वजह से भाव में फर्क आया है.L ~~विजय मीणा के सौजन्य से साभार

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