झाबुआ – शहर सहित जिले के ग्रामीण अंचलों में अवैध शराब का कारोबार लगातार फल फूल रहा हैं । पुलिस और आबकारी अधिकारियों की मौन स्वीकृति के चलते विदेशी शराब की अवैध बिक्री बेरोकटोक जारी है। खास बात तो ये है कि मुख्य क्षेत्रों सहित होटलों और ढाबों पर विदेशी शराब पीने वालों के लिए वीआईपी व्यवस्था है। जिले की लाइंसेंस की दुकान से चार पहिये वाहनो से शराब की पेटियों का खुलेआम परिवहन कर रहे है। लेकिन आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौन है नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदार और होटल संचालक चांदी काट रहे है। वहीं युवा शराब की लत में उलझते जा रहे है। जिले के मेघनगर, थांदला ,राणापुर, पारा , पेटलावद आदि क्षेत्रों के बाहर से सटे ढाबों और होटलो पर खुलेआम अवैध शराब परोसी जा रही है हर ढाबे पर विदेशी शराब बेची जा रही है। इसके अलावा जिले से मोदी के गुजरात मे , एजेंट आनंद के संरक्षण में अवैध शराब का परिवहन लगातार जारी है ।
जिले मे शाम होते ही होटलों और ढाबों में युवाओं की टोलियां पहुंच जाती है। यहां पर युवाओं को विदेशी शराब सहित मनपसंद ब्रांड की शराब आसानी से मिल रही है। होटल संचालक और ढाबा मालिक युवाओं को शराब परोस कर चांदी काटने मे लगे हैं हैं। ये पूरा धंधा अवैध रूप से कई वर्षों से चल रहा है। लेकिन एजेंट आनंद के संरक्षण मे कुछ जिम्मेदार अधिकारी मौन धारण किए है। पुलिस और आबकारी अधिकारियों की मौन स्वीकृति के चलते क्षेत्र में शराब का अवैध व्यापार फल फूल रहा है। कई बार अधिकारी दिखावे के लिए कुछ कार्रवाई कर देते है।लेकिन अवैध धंधों में लिप्त लोगों के खिलाफ अधिकारी सख्त कार्रवाई करने से हमेशा बचते रहे है। जिले में आसानी से उपलब्ध हो रही अवैध शराब इस बात का सबूत है कि पुलिस और आबकारी विभाग की मौन स्वीकती हैं। जिले में व ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी शराब इतनी आसानी से उपलब्ध हो रही है कि युवा वर्ग के साथ ही अन्य लोग भी शराब के आदी होने लगे है। इससे समाज में कई परिवार बर्बाद हो रहे है।
गांव-गांव फलिया फलिया मिल रही देशी-विदेशी शराब
जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में करीब हर किराना दुकान पर विदेशी शराब मिल रही है। विदेशी शराब रखने के लिए किराना दुकानों पर बकायदा हजारों रुपए के फ्रीजर खरीदे गए है। इनमें हर तरह के ब्रांड की विदेशी शराब आसानी से मिल जाएगी। जिले के मेघनगर ,थांदला, पेटलावद ,राणापुर, रामा आदि विकास खंडों में की किराना दुकानों पर अवैध शराब आसानी से देखी जा सकती है। यहाँ शराब माफिया द्वारा दो या चार पहिया वाहन से दिन रात अवैध शराब सप्लाई की जा रही हैं।। वही वाहन चालक इन किराना दुकानों पर रुक कर शराब का सेवन करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं में अधिकतर वाहन चालक नशा में पाए जाते है। शाम के समय होने वाले अधिकतर हादसों में ऐसा देखने में आया है कि वाहन चालक हादसों में ऐसा देखने में आया है कि वाहन चालक नशे में रहते है। नशे में होने से कई वाहन चालकों की दुर्घटना में मौत तक हो चुकी है, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इससे कोई लेना देना नहीं है। स्थानीय आबकारी विभाग के अधिकारी और आनंद द्वारा सभी छोटे बड़े व्यापारियों जो कि अवैध रूप से शराब बेचते हैं उनको हर प्रकार की कार्रवाई से बचाने का प्रयास किया जाता है हां यह जरूर है कि कागजी खानापूर्ति है हेतू कुछ कार्रवाई अवश्य की जाती है दिखावे के लिए ।
दो या चारपहिया वाहनों से होता है अवैध परिवहन..
पुलिस और आबकारी विभाग की लापरवाही के चलते विदेशी और देशी शराब का अवैध परिवहन जोरों पर किया जा रहा है। ठेकेदारों द्वारा जिम्मेदारों के साथ मिलीभगत करके जिले सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में किराना दुकानों होटलों ढाबों पर विदेशी शराब की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा जिले के गांवों की जनसंख्या के हिसाब कई दुकाने के ठेके की राशि करोडो रूपयो की हैं वही गुजरात बाडर से सटे पिटोल व वटठा गांव इसका ताजा उदाहरण हैं । वही इनही दुकानों या ठेके के माध्यम से मोदी के गुजरात मे आनंद के संरक्षण मे, जिले से बहती अवैध शराब की अविरल धारा । शराब का परिवहन करने के दौरान अनेक चार पहिया वाहन एफएमसीजी प्रोडक्ट की तरह माकटिग करते हुए शहर.सहित ग्रामीण क्षेत्रों के कई चक्कर लगाते है। लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग के लापरवाह अधिकारियों को ये वाहन दिखाई नहीं देते। ऐसा नहीं है कि शराब का अवैध परिवहन किसी से छुपा है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते अवैध व्यापारियों को मौन स्वीकृति मिल चुकी है।. यदि समय रहते शासन प्रशासन द्वारा आनंद एजेंट अन्य एजेंट पर कारवाई नहीं की गई तो यह जिला अवैध शराब माफियाओं का अड्डा बन जाएगा, जिससे आज की युवा पीढ़ी इस नशे के दलदल में फंस कर अपना भविष्य खराब कर लेगी ।
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