“रतलाम,। जिले के सैलाना में संचालित किए जा रहे माही नर्सिंग कालेज की मान्यता निलंबित किए जाने से जहां सैंकडों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है,वहीं दूसरी ओर कालेज प्रशासन मान्यता के जल्दी ही बहाल हो जाने का दावा कर रहा है। इस पूरे घटनाक्रम से अलग माही नर्सिंग कालेज में पिछले लम्बे समय से ढेरों अनियमितताएं किए जाने की जानकारी सामने आ रही है।
उल्लेखनीय है कि नर्सेज रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा सैलाना में संचालित किए जा रहे माही नर्सिंग कालेज और रतलाम के डा.एमबी शर्मा नर्सिंग कालेज की मान्यता को निलंबित कर दिया गया है। उक्त दोनो कालेजों द्वारा कोर्ट के आदेश के बावजूद आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं कराए जाने के चलते मान्यता निलम्बित किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया।
कालेज की मान्यता निरस्त किए जाने के सम्बन्ध में कालेज संचालन समिति के चेयरमेन बांसवाडा निवासी सुनील यादव का कहना है कि मान्यता निलंबित किए जाने का आदेश गलतफहमी में जारी कर दिया गया है। कालेज प्रशासन की ओर से सारे आवश्यक दस्तावेज कौंसिल को जमा करा दिए गए है और शीघ्र ही कालेज की मान्यता फिर से बहाल हो जाएगी।
कालेज संचालक सुनील यादव के दावों के विपरित कालेज को जानने वालों का कहना है कि कालेज का संचालन तमाम नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। कालेज प्रशासन भले ही मान्यता को किसी तरह बहाल करवा ले लेकिन कालेज प्रशासन द्वारा नियमों का उल्लंघन प्रारंभ से ही किया जा रहा है।
कालेज संचालन से जुडे सूत्रों का कहना है कि कालेज प्रारंभ होने से आजतक नियमों को ताक पर रखकर ही कालेज चलाया जा रहा है। यह पहला मौका है जब कालेज की मान्यता निलंबित की गई है। लेकिन कालेज संचालन से जुड़े लोग ले देकर कालेद की मान्यता फिर से बहाल करवाने में सक्षम है।
कालेज संचालन से जुडे सूत्रों का कहना है कि कालेज प्रशासन द्वारा संचालन प्रक्रिया में हर स्तर पर अवैधानिकता की जाती है। एससीएसटी विद्यार्थियों को शासन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति में से कालेज प्रशासन एक हजार रु. कमीशन के रुप में वसूल कर लेता है।
कालेज प्रशासन द्वारा मध्यप्रदेश के बाहर के छात्र या कालेज से सैकडों किमी दूर रहने वाले छात्रों को नियमों के विपरित नान अटेन्डिंग छात्र बताकर उनसे भारी रकम वसूलकर परीक्षा पास करवा दी जाती है। इतना ही नहीं पोस्ट ग्र्रेज्यूएट छात्रों को पढाने के लिए कालेज से ही पढकर निकले छात्रों को नियुक्त कर दिया जाता है,जबकि इसके लिए न्यूनतम अर्हता कम से कम पोस्ट ग्रेजुएट होना जरुरी है। कालेज प्रशासन रुपए कमाने का कोई मौका नहीं छोडता। प्रायोगिक परीक्षाओं को पास करने के लिए छात्रों से भारी भरकम राशि वसूल की जाती है।
माही नर्सिंग कालेज प्रशासन इतना चतुर है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक ही परिसर में दो नर्सिंग कालेज चलाए जा रहे है। इतना ही नहीं इसी परिसर में जीएचएम,बीएससी नर्सिंग और हाईस्कूल स्तर का विद्यालय भी चलाया जा रहा है। इन सभी संस्थाओं के संचालन के लिए पुस्तकालय,मैदान,भवन जैसी जरुरी व्यवस्थाएं अलग अलग होना चाहिए लेकिन संचालक गण सबके लिए एक ही मैदान पुस्तकालय और भवन का उपयोग कर रहे है।
कुल मिलाकर सैलाना के माही नर्सिंग कालेज की मान्यता निलंबित किए जाने का मामला सामने आने पर कालेज संचालकों द्वारा भले ही सारी औपचारिकताएं पूरी करने का दावा किया जा रहा हो,लेकिन गडबडियां इससे कहीं आगे के स्तर की है। नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कौंसिल यदि इस कालेज की निष्पक्ष ढंग से जांच करें तो इस कालेज का चलना कतई संभव नहीं हो सकता। (इ खबरटुडे से साभार)