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करोडो की साईकिले हो गई कबाड ? पिछले सालों में आई साईकिलो को दुरूस्त कर किया जारहा स्कूलों में प्रदाय —

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कबाड़ होने लगी करोड़ों की साईकिले
करोडो की साईकिले हो गई कबाड ? पिछले सालों में आई साईकिलो को दुरूस्त कर किया जारहा स्कूलों में प्रदाय –

रतलाम। बेटियों को शिक्षित करने और दूर दराज के इलाकों में रहने वाली बालिकाओं को स्कूल तक का सफर तय करने के लिए उन्हे साईकिलों को वितरण वर्षाे से किया जा रहा है। साईकिले ठेके के माध्यम से खरीदी जाती है और ठेकेदार अपना ठेका होते ही साईकियों का आंवटन संबधित जिले की मांग अनुसार कर देता है। रतलाम में किसी ठेकेदार ने रतलाम में सैकड़ों साईकिलों का वितरण तीन साल पहले किया था। इस बीच कोरोना की लहर चल गई और स्कूलों के बंद होने के कारण साईकिलों का वितरण नही हो पाया। आज हालात ये है कि कंडम हो चुकी साईकिलों को रिपेयर कराने के बाद बच्चियों को साईकिलों का वितरण होगा। यानि अब सेंकड हेंड साईकिलों पर बेटियां स्कूल तक का सफर तय करेगी। ये हालत जिले सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों की भी बताई जाती है, जहां तीन सालों से रखी साईकिलें कबाड़ होने लगी है।

रतलाम ब्लाक सहित जिले के रतलाम ब्लाक सहित अन्य विकासखण्ड़ों में तीन साल पहले पहुची ये साईकिले बंद कमरों में रखी गई। इन तीन सालों में ना तो इनकी किसी ने सुध ली और ना ही इनकी रिपेरिंग आदि जैसे कार्याे पर किसी का ध्यान गया। जुलाई माह में सत्र की शुरुवात हो गई। वही इन तीन सालों में स्कूलों में बच्चियों की संख्या भी बड़ी है। ऐसे में मौजूदा साईकिलों का स्टाँक कम पड़ता नजर आ रहा है। रतलाम ब्लाक में करीब पांच सौ साईकिलों का वितरण होना है और इस सत्र में लगभग 1100 साईकिलों की मांग और आई है।
इधर शिक्षा सत्र शुरु होने के दो माह बाद धूल धूसरित हो चुकी इन साईकिलों की सुध ली जाने लगी है। इन्हे बंद कमरों से बाहर निकाला जाकर रिपेयर किया जा रहा है। कई साईकिले जंग खा चुकी है, तो किसी के चेसिस, हेंडल,चेन, सीट, स्टेण्ड आदि जवाब दे चुके है। रिपेयर करने वालों का कहना है कि हम सफाई और आईलिंग, हवा भरने, पंचर पकाने आदि कार्य कर रहे है, किसी भी साईकिल का उपकरण नही बदला जाएगा।

गौरतललब है कि मध्य प्रदेश निशुल्क साइकिल वितरण योजना का शुभारंभ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सन 2015 में किया गया था। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के उन छात्रों को निशुल्क साइकिल वितरित की जाएगी जो शासकीय विद्यालयों में कक्षा 6 एवं 9 में अध्ययनरत है।
योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के उन छात्रों को निशुल्क साइकिल वितरित करना है जो शासकीय विद्यालयों में कक्षा छठी एवं नवी में अध्ययनरत है। इस योजना के माध्यम से विद्यार्थियों की अध्ययन रूचि में विस्तार होगा। इसके अलावा ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की संख्या में भी कमी आएगी। यह योजना छात्रों के आत्मविश्वास में वृद्धि करने में भी कारगर साबित होगी।
फिलहाल कमरों में बंद होकर कबाड़ा हो चुकी साईकिलों की रिपेरिंग और सजावट की तैयारियां जोरों पर चलाई जारही हैै। रतलाम ब्लाक के अलावा अन्य विकासखण्डों में भी बच्चियों को साईकल वितरण योजना के लाभ मिलने का इंतजार है। ठेकेदार ने साईकिल पहुंचा दी। विभाग सेे पावती ले ली। ठेकेदार को भुगतान भी हो चुका होगा। मगर जिनके लिए ये साईकिले आई थी, उन्हे आज भी योजना के लाभ मिलने का इंतजार है । अब सवाल यह उठता है कि आखिर इसके लिये जिम्मेवार किसे माना जावे । जिला प्रशासन को संज्ञान लेना तथा जिम्मेवारों पर कार्रवाही करने की दरकार है ।

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