मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान की जिला टास्क फोर्स बैठक संपन्न
प्रथम चरण में 14 से 19 नवंबर एवं द्वितीय चरण में 19 से 24 दिसंबर के मध्य 5 वर्ष तक की आयु के छुटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा
रतलाम / मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान के दौरान प्रथम चरण में 14 से 19 नवंबर एवं द्वितीय चरण में 19 से 24 दिसंबर के मध्य 5 वर्ष तक की आयु के छुटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इस संबंध में न्यू कलेक्टोरेट परिसर पर अपर कलेक्टर श्री एम.एल. आर्य, सीएमएचओ डॉ. ननावरे, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील, सर्विलेंस अधिकारी डब्लूएचओ डॉ. रितेश बजाज, डीपीएम डॉ. अजहर अली, शिक्षा विभाग , आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की उपस्थिति में जिला टास्क फोर्स की बैठक संपन्न की गई।
बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील ने बताया कि मीजल्स एवं रूबेला घातक बीमारियां हैं। मीजल्स के प्रमुख लक्षण सामान्य से तेज बुखार आना, सूखी खाँसी होना, लगातार नाक बहना, गले में खराश बने रहना, आँखों में सूजन आना, गाल की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर पाए जाने वाले लाल रंग की पृष्ठभूमि पर नीले-सफेद केंद्रों वाले छोटे सफेद धब्बे जिन्हें कोप्लिक स्पॉट भी कहा जाता है, बड़े, चपटे धब्बों से बना एक त्वचा लाल चकत्ते जो अक्सर एक दूसरे में प्रवाहित होते हैं आदि हैं ।रूबेला के लक्षणों में छोटे धब्बों के साथ त्वचा पर लाल-गुलाबी चकत्ते, सिर और गर्दन की ग्रंथियों में सूजन, शरीर का तापमान बढ़ना (बुखार), सर्दी -खांसी के लक्षण जैसे कफ और नाक बहना, जोड़ों में दर्द आदि हैं । इनसे बचाव के लिए पहला टीका 9 से 12 माह की आयु में तथा दूसरा टीका 16 से 24 माह की आयु में लगाया जाता है। टीकाकरण का कवरेज 95 प्रतिशत से अधिक होने पर मीजल्स रूबेला का निर्मूलन किया जा सकता है ।
रतलाम जिले में प्रथम डोज का कवरेज 114 उप स्वास्थ्य केंद्रों पर 95 प्रतिशत से कम होने तथा द्वितीय डोज का कवरेज 139 उप स्वासथ्य केंद्रों पर 95 प्रतिशत से कम होने के कारण इन केंद्रो पर स्वास्थ्य केंद्र / आंगनवाडी केंद्रों पर शिविर आयोजित कर एएनएम द्वारा 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा ।
एडीएम श्री एम.एल. आर्य ने निर्देशित किया कि टीकाकरण के कार्य को संवदेनशीलतापूर्वक करते हुए हर हाल में 95 प्रतिशत टीकाकरण की उपलब्धि प्राप्त की जावें। उन्हाने कहा कि बच्चों में होने वाली संक्रामक बीमारियों के मामलों की निगरानी रखी जाए एवं प्रत्येक मामले की समय पर रिर्पोर्टिंग करें और आवश्यक सेवाऐं प्रदान करें । सभी बीएमओ अपने क्षेत्र के एसडीएम के साथ ब्लॉक स्तरीय बैठक आयोजित कर अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम का संचालन करें तथा सत्र निर्धारित कर वैक्सीनेशन किया जावे। बैठक में उपस्थित अधिकारियों, कर्मचरियों द्वारा मीजल्स रूबेला मुक्ति का संकल्प लिया गया। बैठक के दौरान जिला पंचायत के श्री सुजीत मालवीय, बीएमओ सीडीपीओ एवं बीपीएम, बीईई, बीसीएम एवं श्री निलेश चौहान, श्री विपिन शर्मा, श्री मोहन कछावा , डॉ. संध्या बेलेसेरे, श्री लोकेश वैष्णव आदि उपस्थित रहे।