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RATLAM

ऊंकाला रोड पर शिक्षा का मंदिर सीवरेज की गंदगी से सराबोर

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स्कूल आने-जाने वाले बच्चों के साथ ही इस मार्ग से गुजरने वाला हर व्यक्ति हो रहा है परेशान

रतलाम।शिक्षा परिसरों को गंदगी मुक्त करने की बात उस समय बेमानी हो जाती है जब ऊंकाला रोड स्थित प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के पास ही सीवरेज से निकली गंदगी भरी पड़ी दिख रही है। यही नहीं सीवरेज का यह पानी स्कूल में आने-जाने वाले बच्चों के लिए ही नहीं इस मार्ग से गुजरने वाले हर व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। आलम यह है कि स्कूल के ठीक सामने निगम का कचरा स्थल बना हुआ है और इस पर आधा दर्जन से ज्यादा पशु हमेशा डेरा डाले हुए रहते हैं।

शिकायतों पर नहीं है कोई गंभीरस्कूल में पढऩे वाले नन्हें बच्चे आते हैं। गरीब तबके के बच्चे यहां पढऩे के लिए आते हैं जिनमें कोई बिना जूते-चप्पल के ही पहुंच जाते हैं। ऐसे में सीवरेज का पानी स्कूल के सामने से बहने पर गंदगी उनके पैरों के साथ स्कूल में भी पहुंच रही है लेकिन शिकायतों को लेकर कोई गंभीर नहीं है।
गले में तख्ती-हमको न्याय दो, धरना दिया, एसडीएम बोली, कलेक्टर जेल भेज देंगे
– लगातार दूसरे दिन ग्रामीण आए धरने पर, एक दिन पहले ही अन्य परिवार आए थे मांग को लेकर
रतलाम. कलेक्टर कार्यालय में लगातार दूसरे दिन ग्रामीण परिवार ने धरना दिया। सिखेड़ी गांव का एक कृषक परिवार बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में आकर धरने पर बैठ गया। परिवार का कहना था कि नामली तहसीलदार बीएस ठाकुर ने रास्ता विवाद मामले में हमको जो मार्ग दिया है, वो गंदे नाले से आने – जाने वाला है। धरने की सूचना मिलने पर ग्रामीण एसडीएम कृतिका भिमावत पहुंची व परिवार को कहा कि तहसीलदार कोर्ट के आदेश पर नियम अनुसार अपील की जाती है, धरना नहीं दिया जाता। कलेक्टर सर ऐसे धरनों से नाराज होते है, जेल भेज देंगे, उठ जाओ।कृषक बापुलाल वर्मा ने मीडिया को बताया 50 वर्षो से एक ही मार्ग से सभी कृषक का आना – जाना है। गत दिनों एक नए व्यक्ति ने भूमि खरीदी व पूर्व का चला आ रहा मार्ग के बजाए नाले में से आने – जाने का मार्ग तय करवा दिया। पूर्व में तहसील से लेकर जनसुनवाई में दिए, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिला। बाद में सूचना मिलने पर एसडीएम भिमावत, नायब तहसीलदार, पटवारी आदि आए। इसके बाद कृषक से एसडीएम भिमावत ने कहा कि अपील करने का नियम है, धरने देने का नहीं है। 144 लागू है। कलेक्टर सर जेल भेज देंगे। इस बीच वर्मा के वकील से बात कर अपील करने की बात की गई। वकील अदिति दवेसर ने परिवार से बात की व आवेदन ग्रामीण एसडीएम को दिलवाया। तब जाकर धरना समाप्त हुआ।

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