झाबुआ – देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और इसके सफल क्रियान्वयन हेतु भारत के नागरिकों से अपील भी की । इस मिशन का उद्देश्य भारत में खुले में शौच की समस्या को समाप्त करना अर्थात संपूर्ण देश को खुले में शौच करने से मुक्त करना । लेकिन झाबुआ जिला मुख्यालय पर ही शासकीय प्राथमिक शाला बुनियादी स्कूल झाबुआ में प्रदेश के मामा के भांजे भांजीया सुविधाघर के अभाव में खुले में टॉयलेट करने को मजबूर हैं। विशेष रुप से छात्राएं सुविधाघर के अभाव में परेशान होती हैं ।
जानकारी अनुसार झाबुआ शहर के विवेकानंद कॉलोनी स्थित शा. प्राथमिक शाला बुनियादी स्कूल मे कक्षा पहली से पांचवी तक हिंदी माध्यम ओर अंग्रेजी माध्यम अंतर्गत सह शिक्षा ( को एजुकेशन ) छात्र छात्राएं सम्मिलित होकर पढ़ाई करते हैं प्राथमिक शाला हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में दोनों में मिलाकर करीब 550 से अधिक बच्चे अध्ययनरत है । साथ ही साथ शासकीय कन्या हाई स्कूल भी इसी प्रांगण में संचालित होता है और करीब 173 छात्राएं अध्यनरत है.। इस प्रकार करीब कुल 700 से अधिक छात्र-छात्राएं बुनियादी स्कूल में अध्ययनरत है सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इस स्कूल में प्राथमिक शाला के छात्र छात्राओं के लिए शौचालय या सुविधा घर नहीं है । इन प्राथमिक शाला के बच्चों को सुविधा घर का उपयोग करने के लिए कन्या हाई स्कूल के सुविधाघर का उपयोग करते हैं या सुविधा घर का अभाव होने के कारण प्राथमिक शाला के बच्चों को टॉयलेट करने के लिए खुले में जाना पड़ता है इससे भी बड़ी विडंबना यह है कि कई बार प्राथमिक शाला की छात्राओं को भी सुविधा घर में अत्यधिक भीड़ होने के कारण खुले में टॉयलेट करना पड़ती है । क्योंकि इस प्राथमिक शाला बुनियादी स्कूल में सिर्फ कन्या हाई स्कूल में ही सुविधाघर बना हुआ है जहां पर तीन बाथरूम व एक शौचालय है । इसके अलावा पूर्व के शौचालय जीण शीण अवस्था में पहुंच चुके हैं । जिनका उपयोग बच्चे भी नहीं करते हैं ।
जब प्रादेशिक जन समाचार की टीम द्वारा बुनियादी स्कूल प्रांगण का अवलोकन किया गया तो दिन के समय में मध्यान भोजन का दौर चल रहा था दूसरी और कई बच्चे विशेष रूप से प्राथमिक शाला के बच्चे एक दीवार की आड़ में खुले में टॉयलेट करते हुए नजर आए । जब इन बच्चों से हमने पूछा की सुविधाघर का उपयोग क्यों नहीं करते हो , तो बच्चों ने बताया कि सुविधा घर के अभाव में हमें खुले में ही टॉयलेट करना पड़ती है । चूंकि सह शिक्षा है इस दौरान छात्राएं भी स्कूल प्रांगण में घूमती हुई रहती हैं जिससे कई बार बच्चे शर्माते भी हैं । और वास्तविक रूप में देखा भी जाए तो जब प्राथमिक शाला के हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के बच्चे एक साथ क्लास रूम से बाहर निकलेंगे तो वास्तविकता में सुविधा घर के अभाव में और टॉयलेट में अत्यधिक भीड़ होने पर खुले में ही टॉयलेट करना , उनकी मजबूरी हो जाएगी । सबसे बड़ी समस्या है यहां अध्ययनरत छात्राओं के लिए होती है क्योंकि कुल 550 बच्चों में से करीब 250 से अधिक छात्राएं भी होगी और सुविधाघर के अभाव में छात्राएं टायलट के लिए लाइन लगाती हुई नजर आएगी या फिर अत्यधिक भीड़ होने पर खुले मैं टॉयलेट करेगी । इसके अलावा स्कूल में पदस्थ टीचर व अन्य स्टाफ भी कन्या हाई स्कूल के सुविधा घर का उपयोग करता है जब हमने स्कूल के प्रभारी प्राचार्य शांतिलाल बारिया से इस संबंध में बातचीत की तो उनका कहना था कि मौखिक आदेश पर प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हूं वही कि सुविधाघर की कमी और स्थिति को लेकर 2 माह पूर्व डीपीसी को अवगत करा दिया है । आगामी कार्य वरिष्ठ जनों के निर्देशानुसार किया जाएगा । एक तरफ जिला कलेक्टर द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का लगातार दौरा कर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों और आंगनवाड़ीयो में निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय पर ही सुविधा घर के अभाव में छात्रा छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे हैं । इन सब में विशेष रुप से छात्राएं, इस समस्या को लेकर परेशान हैं । इसके अलावा जिले के छात्रावासों में आरो और गीजर के लिए पर्याप्त फंड है लेकिन जिला मुख्यालय की इस स्कूल की गंभीर समस्या के लिए फंड है या नहीं ….और इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है यह बड़ा प्रश्न है । जब हमने इस स्थिति को लेकर सहायक आयुक्त ,गणेश भाबर का पक्ष फोन पर जानना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया । इस प्रकार जिला मुख्यालय के शासकीय प्राथमिक शाला बुनियादी स्कूल पर सुविधाओं का अभाव वरिष्ठजनों की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर जिला मुख्यालय पर स्थित प्राथमिक शाला बुनियादी स्कूल में सुविधा घर के लिए के निर्माण के लिए कोई प्रयास करेगा या फिर यह बच्चे यूं ही खुले में टॉयलेट करते रहेंगे ।
करीब दो माह पूर्व ही वरिष्ठ जनों के मौखिक आदेश पर प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत हूं और सुविधा घर के निर्माण या अभाव की स्थिति को लेकर डीपीसी को अवगत करा दिया है ।
शांतिलाल बारिया , प्रभारी प्राचार्य, शासकीय प्राथमिक शाला बुनियादी स्कूल झाबुआ ।
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