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RATLAM

खुशियों की दास्तां ~~पीएम मुद्रा योजना का लाभ लेकर भावेश सफल रुप से दुकान संचालित कर रहा है~~पहले एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, अब घर पर ही नल से मिलता है~~प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेकर राजेश ने अपनी फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हासिल की~~

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पीएम मुद्रा योजना का लाभ लेकर भावेश सफल रुप से दुकान संचालित कर रहा है

रतलाम / रतलाम जिले के नामली का रहवासी भावेश परिहार अब अपने पैरों पर खड़ा है ।  स्वरोजगार के माध्यम से आजीविका सफल रूप में संचालित कर रहा है।  भावेश को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 1 लाख 20 हजार रूपए का ऋण प्रदान किया गया जिससे उसने अपनी सैलून की दुकान शुरू कर दी है।

जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर नामली का रहने वाला भावेश अपने पिता से विरासत में प्राप्त सैलून के व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता था लेकिन दुकान शुरू करने के लिए पूंजी नहीं थी। उसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में पता चला संबंधित अधिकारियों तथा बैंकर्स से संपर्क किया औपचारिकताओं की पूर्ति के बाद भावेश को अधिकारियों तथा बैंकर्स ने सकारात्मक सहयोग दिया, लगभग 7 माह पूर्व उसको 1 लाख 20 हजार का ऋण योजना के तहत स्वीकृत हुआ।

प्राप्त धनराशि से भावेश ने नामली बस स्टैंड पर किराए की दुकान लेकर अपना सैलून प्रारंभ किया। अब भावेश को दिन भर फुर्सत नहीं रहती है लगातार काम चलता रहता है, अच्छी कमाई हो रही है। भावेश अभी अविवाहित है घर में माता-पिता भी हैं। अब अच्छी कमाई को देखते हुए उसके माता-पिता शीघ्र उसका विवाह संपन्न कराने वाले हैं। भावेश अपने  लोन की किस्त भी बराबर समय पर भरते हैं, प्रतिमाह ढाई हजार रुपए ऋण की किस्त आती है। उसका ऋण 5 वर्ष में पूरा हो जाएगा। भावेश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता है। भावेश का मोबाइल नंबर 95896 87871 है।

पहले एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, अब घर पर ही नल से मिलता है

रतलाम / जल जीवन मिशन ने रतलाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खुशियां ला दी हैं। पहले ग्रामीण क्षेत्र के लोग जल समस्या से परेशान रहते थे। दूरदराज से पानी भरकर लाया करते थे। महिलाएं परेशान रहती थी, अधिकांश बार उनको ही घर के लिए पानी भरकर लाना पड़ता था लेकिन जल जीवन मिशन ने परेशानी दूर कर दी है।

जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड बाजना के ग्राम कुंदनपुर की रहवासी जनजाति महिला कल्पना डाबी बताती है कि पहले हमें एक मीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, बहुत परेशानी होती थी लेकिन जब से जल जीवन मिशन से हमारे घरों में नल से जलाने लगाए हैं हमारे सभी कष्ट दूर हो गए हैं। अब गांव के सभी लोगों के चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। पहले सुबह उठते ही चिंता हो जाती थी कि बर्तन उठाकर इतनी दूर से पानी लाना पड़ेगा लेकिन अब यह परेशानी नहीं है।

कुंदनपुर गांव में वर्ष 2022 में जल जीवन मिशन के तहत लगभग ढाई करोड रुपए की नल जल योजना क्रियान्वित की गई है। गांव के लगभग डेढ़ सौ घरों में अब नल से जल मिलने लगा है। ग्रामवासी इस अभिनव योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को हृदय से धन्यवाद देते हैं। कल्पना डाबी का मोबाइल नंबर 95892 71603 है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेकर राजेश ने अपनी फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हासिल की

रतलाम/ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों को कृषि यंत्रों के लिए अनुदान लाभ दिया जाता है। इसका फायदा रतलाम जिले के पिपलोदा विकासखंड के ग्राम बड़ायला माताजी के रहने वाले राजेश पाटीदार को भी मिला है। राजेश को योजना से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम हेतु 96 हजार रूपए अनुदान मिला है।

राजेश बताते हैं कि पहले परंपरागत सिंचाई करते थे, फसल उत्पादन कम होता था लागत ज्यादा होती थी। विगत वर्ष उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारी से संपर्क हुआ। उन्होंने राजेश को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में बताया। जानकारी लेकर राजेश ने अपने खेतों में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाने की योजना में सब्सिडी मिल रही है। राजेश को भी 96 हजार रुपए सब्सिडी मिली। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम पर लगभग सवा 2 लाखों रुपए खर्च आया। अब इसमें 96 हजार रूपए का अनुदान लाभ मिला तो कम खर्च में खेत के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम प्राप्त हो गया।

राजेश ने अपनी 4 बीघा जमीन में लहसुन उत्पादन लिया है। विगत सितंबर माह में लहसुन बुवाई कर दी थी। आगामी फरवरी में उत्पादन मिलने वाला है। विगत वर्ष 2022 में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाने के बाद राजेश को प्रत्येक बीघा में 1 लाख रूपए अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हुई। इस वर्ष भी राजेश को अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद है। राजेश ने बताया कि परंपरा का सिंचाई में ज्यादा पानी लगता था, ज्यादा पानी लगने से फसल बिगड़ भी जाती थी, उत्पादन कम होता था लेकिन ड्रिप इरिगेशन सिस्टम में पानी एक संतुलित मात्रा में पौधों में जाता है इससे उत्पादन पर प्रभाव नहीं पड़ता है उत्पादन और अच्छा होता है। एक और फायदा यह है कि किसान को खेत में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से लिक्विड उर्वरक एवं पेस्टिसाइड भी पौधों में पहुंचा दिया जाता है। राजेश का मोबाइल नंबर 98934 17563 है। अल्प शिक्षित राजेश परंपरागत रूप से किसान हैं। परिवार में दो बच्चे और पत्नी है, उसके पिता श्री ईश्वरलाल पाटीदार भी किसान हैं।

जैविक खेती का अलग जगा रहे हैं आदिवासी कृषक नागु सिंह

रतलाम/ जिले के आदिवासी बाहुल्य सैलाना विकासखंड के ग्राम पंथवारी  रहने वाले आदिवासी कृषक श्री नागुसिंह जैविक खेती का अलख जगा रहे हैं। नागुसिंह कहते हैं कि रासायनिक उर्वरक से ना केवल भूमि की उर्वरा क्षमता नष्ट हो रही है बल्कि उससे मिलने वाले उत्पाद भी स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं है। इसलिए सभी लोग जैविक खेती के लिए आगे आएं।

नागु सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारी की प्रेरणा से लगभग 5 वर्ष पूर्व जैविक खेती करना प्रारंभ किया। शुरुआत में एक बीघा में जैविक सब्जियां उगाई। जब घर में सब्जी बनाई गई तो नागुसिंह तथा परिवार को सब्जी का स्वाद बहुत अच्छा लगा इससे वे समझ गए कि जैविक खाद्य पदार्थ ही मनुष्य के लिए अच्छे होते हैं। वे कहते हैं कि उनके पास लगभग 2 हेक्टेयर कृषि भूमि है। पहले कपास, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, चने की फसलें लेते थे जिनमें रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल होता था। जब आत्मा परियोजना के तहत उनको जैविक कृषक के रूप में जोड़ा गया और जैविक समूह के सदस्य बने तो परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत एक वर्ग फीट का निर्माण कराया जिसमें केंचुआ खाद बनती है। उसी खाद का उपयोग उन्होंने अपनी जैविक कृषि में करना प्रारंभ किया। अब वे लगभग एक हेक्टेयर कृषि भूमि में जैविक खेती कर रहे हैं।

उनका कहना है कि जैविक खेती से उत्पादन लागत में 40 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने जैविक दवाई का निर्माण भी जीवामृत, दशपर्णी अर्क, वेस्ट डी कंपोजर तथा अजोला यूनिट का निर्माण भी स्वयं ने किया जिनका उपयोग में जैविक खेती में करते हैं। वेस्ट डी कंपोजर के घोल का इस्तेमाल गोबर तथा कचरे आदि को गलाने सडाने में करते हैं। अच्छी तरह सड़े हुए गोबर का उपयोग करने से उनकी फसलों में खरपतवार की समस्या भी 20 प्रतिशत तक कम हो गई है। फसलों को सभी पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

नागुसिंह कृषक है आत्मा परियोजना की समस्त गतिविधियों जैसे किसान भ्रमण प्रशिक्षण, किसान मेलों में भाग लेते रहते हैं। उनके द्वारा जैविक प्रशिक्षण प्राप्त किया जाकर लगभग आधा हेक्टेयर भूमि में गिलकी, भिंडी, बैंगन, टमाटर इत्यादि के व्यवसाई जैविक उत्पादन की शुरुआत की गई है। जैविक उत्पादन से 50 हजार  रूपए की अतिरिक्त आमदनी मिल रही है। वे अपनी शेष आधा हेक्टेयर भूमि में खरीफ की मक्का, सोयाबीन और रबी में गेहूं फसल का जैविक विधि से उत्पादन लेते हैं। नागुसिंह न केवल स्वयं जैविक कृषि के बल्कि अन्य कृषकों को भी जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनकी प्रेरणा से गांव और आसपास के गांव के अन्य आदिवासी कृषकों ने भी जैविक खेती शुरू की है। धीरे-धीरे क्षेत्र में बड़ा जैविक रकबा बनता जा रहा है। उनके द्वारा उत्पादित सब्जियां रतलाम बाजार में बिक्री की जाती हैं। नागुसिंह को सी 3 ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो चुका है। नागु सिंह का मोबाइल नंबर 78693 95069 है। नागुसिंह के परिवार में उनके दो बच्चे, पत्नी हैं। सभी मिलकर अपनी खेती किसानी में कार्य करते हैं।

 

 

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की मदद से एहमद नूर ने किया व्यापार आरम्भ

रतलाम / रतलाम जिले के ताल में रहने वाले एहमद नूर आर्थिक विपन्नता से बाहर निकल रहे हैं। वे जबसे राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जुडे है उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती जा रही है। मिशन से जुड़कर अपने आर्थिक उत्थान की सोच श्री नूर के मस्तिष्क में आई, उन्होंने मोटर वाइडिंग का व्यवसाय आरम्भ किया। व्यवसाय बहुत अच्छे से चलने लगा और हर महीने अच्छी आमदनी होने लगी हैं। अब घर गृहस्थी का संचालन भी आसान हो गया।

श्री एहमद नूर ने बताया कि समूह में जुड़ने के पूर्व उनके आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। परिवार एवं गृहस्थी का संचालन विकट था। आय का कोई साधन नहीं था, बच्चों की देखभाल और खानपान का स्तर बहुत निम्न था। नगर परिषद् ताल द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार योजना के बारे में मालूम होने पर श्री नूर द्वारा आवेदन कर दिया गया। मिशन के माध्यम से श्री नूर को 2 लाख रुपए का ऋण प्राप्त हुआ जिससे आलोट नाका जावरा रोड ताल पर मोटर वाइंडिंग की दुकान डालकर स्वयं का व्यवसाय आरम्भ किया।

श्री एहमद नूर कहते हैं कि धीरे-धीरे व्यवसाय बढने लगा है तथा बैंक की किश्ते भी नियमित रुप से जमा की जा रही है। श्री नूर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि शासन की योजना से उसकी जिन्दगी में खुशियां आई हैं, दुःख दूर हुए हैं। श्री एहमद नूर का मोबाइल नम्बर 9993235011 है।

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