प्रदेश के सभी नए कॉलेजों से संचालनालय ने मांगे प्रस्ताव:प्रदेश का स्वास्थ्य सुधरेगा: मेडिकल कॉलेजों में हार्ट व न्यूरो सर्जरी की बारी
रतलाम~~मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में मजबूत करने की तैयारी हो रही है। प्रदेश में खुले नए मेडिकल कॉलेजों को हार्ट और न्यूराे सर्जरी के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए हलचल तेज हो गई है। कॉलेजों से सुपर स्पेशलिटी विषय हार्ट और न्यूरो सर्जरी संबंधी जानकारी संचालनालय ने मांगी है। नए मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी की प्रक्रिया बड़ी बात है, क्योंकि अभी हकीकत ये है कि कॉलेजों के अस्पताल सिर्फ सामान्य ही हैं। रतलाम-खंडवा के हाल तो ऐसे हैं कि ऑपरेशन थिएटर तक पूरी तरह शुरू नहीं हाे सके हैं।
2018-2019 के दौरान प्रदेश के विदिशा, शहडोल, दतिया, शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, छिंदवाड़ा में नए मेडिकल कॉलेज खोले गए थे। कॉलेज की शुरुआत के साथ ही सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की चर्चा भी थी। लेकिन मामला ठंडा होता गया। अभी बड़ी मुश्किल से सामान्य अस्पताल शुरू हुए हैं। इधर, चिकित्सा शिक्षा से अब सभी कॉलेजों के डीन से जानकारी मांगी है, जिसमें कॉलेजों में हार्ट और न्यूरो से संबंधी चिकित्सा सुविधा की जरूरत के बारे में पूछा है। जरूरत होने पर कॉलेजों को एनएमसी के मान से सुपर स्पेशलिटी विषय हार्ट/न्यूरो से संबंधित फैकल्टी के लिए पूरा प्रस्ताव बनाकर संचालनालय को देना है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने शिवपुरी का कहा तो सभी कॉलेजों की याद आई :दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में हार्ट-न्यूराे से संबंधित चिकित्सा सुविधा और डॉक्टर उपलब्ध करवाने के निर्देश एक पत्र में दिए थे। इसी के आधार पर प्रदेश के अन्य कॉलेजों से भी संचालनालय ने जानकारी मांगी है। अब कॉलेजों के पास लेटर पहुंच रहे हैं, इसी आधार पर तैयारी होगी।
अभी ऐसे हैं नए मेडिकल कॉलेजों के अस्पताल के हाल, और बेहतर होंगे
रतलाम : कॉलेज का अस्पताल तो शुरू हो चुका है। लेकिन, सामान्य मरीज ही भर्ती हैं। ब्लड बैंक शुरू नहीं हो सका है। मेडिकल कॉलेज की ओटी का ट्रायल हुआ, लेकिन बड़े ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं।
खंडवा : मेडिकल कॉलेज 2018 में शुरू हो गया था। सुपर स्पेशलिटी के दावे थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अभी यहां मॉड्यूलर ओटी भी शुरू नहीं हो सकी है।
शिवपुरी : हॉस्पिटल शुरू हो चुका है। सर्जिकल आैर आर्थो के ऑपरेशन हो रहे हैं। कॉलेज का विस्तार होना था, अस्पताल जोकि अभी 300 बेड का है, इसे 500 बेड का करना था। प्रपोजल भेज रखा है।
भारत शासन को भेजा रतलाम कॉलेज का प्रस्ताव, अटका
इधर, रतलाम का मेडिकल कॉलेज 2018 में शुरू हो गया था। शुरुआत के बाद से ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की चर्चा तेज थी। भारत शासन की पीएम स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का प्रस्ताव नवंबर-2021 में भारत शासन को भेजा। संचालनालय से याद भी दिलाया गया, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा।
रतलाम में जमीन लेने की तैयारी
कॉलेज के विस्तार की तैयारी है। जमीन लेने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। सुपर स्पेशलिटी प्रोजेक्ट के लिए यह काम होगा। जमीन के बाद डीपीआर बनेगी। -डॉ. जितेंद्र गुप्ता, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम
दतिया में अब डीपीआर पर होगा काम
हार्ट/न्यूरो से संबंधित जानकारी दे रहे हैं। डीपीआर बनाई जाएगी। इसे संचालनालय भेजेंगे। बिल्डिंग, इंस्ट्रूमेंट और फैकल्टी पर पहले काम होगा। –डॉ. हेमंत जैन, पीआरओ, दतिया मेडिकल कॉलेज