Connect with us

झाबुआ

सांसद गुमानसिंह डामोर की फटकार के बाद सिविल सर्जन आये हरकत में

Published

on

बंद डायलिसीस मशीन बुधवार शाम तक चालू करने का वचन दिया
जिला अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर आये दिन उठते है आका्ेश के स्वर
झाबुआ । प्रदेश की भाजपा सरकार में दो वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा आदिवासी क्षेत्र की जनता की सेवा सुविधा की दृष्टि से डायलिसीस अर्थात ट्युब पीन फिल्टर मशीन की सुविधा जिला चिकित्सालय झाबुआ में प्रदान की थी । इसका मकसद था कि यहां के लोगों को बीमारी की अवस्था के चलते आवश्यकतानुसार बार बार डायलिसीस कराने के लिये इन्दौर, दोहद, नडियाद जैसी जगह नही जाना पडे और उन्हे सहज ही सरकारी अस्पतात झाबुआ में यह सुविधा मिल जाने से उनके धन एवं समय की बचत हो सकें । ज्ञातव्य है कि बाहर जाकर डायलिसीस कराने पर व्यक्ति को न्यूनतम 3500 रूपये डायलिसीस के लिये खर्च करना पडते थे । गरीब लोगों के लिये तो यह काफी मुश्किल एवं परेशानी वाला काम था । जिला चिकित्सालय झाबुआ में पिछले लम्बे अर्से से डायलिसीस मशीन के खराब होने के चलते दर्जनों ऐसे मरीज जिन्हे डायलिसीस कराना जीवन रक्षा के लिये जरूरी होता है, परेशान होरहे थे । बुधवार को नगर के एक नागरिक राजेश नगरू जिनकी मांताजी की डायलिसिस कराना जरूरी है प्रातःकाल जिला चिकित्सालय झाबुआ में अपने मां को लेकर गये तो उन्हे बताया गया कि डायलिसीस मशीन खराब है । काफी अनुनय विनय के बाद भी उनकी बात पर ध्यान नही दिया गया अतः नगरू ने सांसद गुमानसिंह डामोर से फोन पर चर्चा करके अपनी समस्या से अवगत कराते हुए परेशानी बताई और वाट्सअप के जरिये उन्हे आवेदन दिया कि इस अंचल में 60 के करीब ऐसे मरीज है जिनको नियमित डायलिसस करना पडती है और यहां मात्र दो मशीनों से मात्र 12 मरीजों को ही डायलिसीस हो सकती हे । बाकी मरीजों को इन्दौर या गुजरात में जाकर डायलिसीस कराना महंगा पडता है और इससे कई मरीजों की जान तक जासकती है । जिला चिकित्सालय में डायलिसीस से संबंधित सामान खतम हो जाने से आठ दिनों तक बंद रखा जाता है। इसका आरओ प्लांट र्काफी खराब स्थिति में होकर कभी कभारं बंद हो जाने से डायलिसीस नही हो पाती है। यूनिट के लिये नियुक्त चिकित्सक कभी भी मरीजो का चेकअप नही करते है एवं एक मात्र टेक्निशियन के अवकाश पर जाने से यूनिट बंद रहती है। इमरजेंसी की हालत में भी अवकाश के दिनों में यूनिट बंद रहती है।जिससे मरीजों को बाहर जाना मजबुरी होता है ।
सांसद गुमानसिंह डामोर जो लोकसभा सत्र के लिये दिल्ली में है ,ने नागरिक रमेश नागरू की बातों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ही जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डा. आरएस प्रभाकर को फोन करके इस अव्यवस्था को लेकर उनकी क्लास ले ली । सिविल सर्जन यह बताते पाये गये गये कि उन्हे डायलिसीस मशीन के खराब रहने बारे में कोई जानकारी नही है । सांसद गुमानसिंह डामोर द्वारा सिविल सर्जन को जब फटकार लगाई तो प्रातः 8 बजे वे घरू गणवेश में ही अस्पताल दौडे दोडे आये और डायलिसीस यूनिट के बंद होने की पुष्टि करते हुए उन्हे आश्वस्त किया कि आज ही अर्थात बुधवार शाम तक डायलिसीस मशीन पूरी तरह चालु करवा दी जावेगी तथा राजेश की मां के अलावा अन्य 15 मरीज जो डायलिसीस कराने आये उनकी डायलिसीस कर दी जावेगी ।
जिला चिकित्सालय जिले का रैफरल हास्पीटल होकर तत्कालीन भाजपा सरकार ने आदिवासियों एवं गरीब तथा समान्य जनों की सुविधा के लिये डायलिसीस यूनिट की सुविधा दी थी, तथा करोडो के संसाधन,मशीने एवं उपकरण आदि देने के बाद भी यही हालात को देखकर सांसद गुमानसिंह डामोर ने उन्हे चेतावनी देते हुए कहा है कि जिला चिकित्सालय में प्रत्येक मरीज को उपलब्ध सुविधा मिल सकें यह सुनिश्चित करना उनका दायित्व है।

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज

प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।

Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Subscribe Youtube

Advertisement

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!