16 साल की उम्र में दीक्षा लेना चाहती थी
विचार बदला-आज लंदन में समाजसेवा से लेकर ऑडिटर के रूप में पहचान
रतलाम। रतलाम की बेटी सीए सुश्री मयूरी चोरड़िया ब्रिटेन की नागरिक होकर करीब 14 वर्षो से लंदन में कार्यरत है। सनराइज फाइनेंशियल लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर है। उनकी कंपनी अंतराष्ट्रीय स्तर पर ऑडिट, अकाउंटिंग, एश्योरेंस और फाइनेंशियल रिस्क एडवाइजरी की सर्विसेस प्रदान करती है। करीब 21 वर्षो से एक ग्लोबल ट्रांसफॉर्मेशनल लीडर के रूप में रतलाम, मध्यप्रदेश और पूरे देश का नाम रोशन कर रही है। मयूरी एक इंवेस्टमेंट बैंकर और ट्रेडर भी रही हैं। उनके मुख्य क्लाइंट विश्व के टॉप इंवेस्टमेंट बैंक एवं फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट है। मयूरी एक अंतरराष्ट्रीय लेखक भी है। विभिन्न स्तर पर अलग-अलग क्षेत्रों में कई अवार्ड मिल चुके हैं। मयूरी ने ए जिंदगी, कुछ हकीकत कुछ ख्वाब और मोटिवेशनल किताब लाइफ इज गेम लिखी है।
सफलता की कहानी मयूरी के शब्दों में
मैं मयूरी चोरडि़या रतलाम की हूं और वर्तमान में लंदन में कार्यरत हूं। पिता पवन कुमार चोरड़िया और माता श्रीमती निर्मला चोरड़िया है, जो आदर्श कल्याण नगर में रहते हैं। मेरी प्रारंभिक शिक्षा रतलाम के ही कान्वेंट स्कूल से हुई। दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही सीए का कोर्स ज्वाइन किया और आगे की पढ़ाई करने के लिए मैं रतलाम से बाहर गई। इंदौर तथा मुंबई के बाद
बेंगलूरु, नासिक, दिल्ली, हैदराबाद तथा चेन्नई रही। निरंतर संघर्ष करके और सभी विपरीत परिस्थितियों को दरकिनार करके स्वयं को मुंबई में इंटरनल ऑडिटर के रूप में स्थापित किया और मल्टीनेशनल कंपनी में इंटरनल ऑडिटर के रूप में ज्वाइन होकर विदेश भ्रमण की यात्रा शुरू की। ऑडिटर के रूप में लंदन गई तथा वहां स्वयं को स्थापित किया। भले ही मैं लंदन में हूं लेकिन न केवल मैं रतलाम बल्कि मालवा और पूरे इंडिया से जुड़ी हुई हूं। एकेडमिक में हमेशा टॉप पर रही और अकाउंट में 93 प्रतिशत मार्क्स पर अवार्ड प्राप्त किया तथा इकोनॉमिक्स में 97 प्रतिशत मार्क्स से यूनिवर्सिटी का गौरव बढ़ाया। हमेशा स्कॉलर होने के साथ-साथ संगीत, नृत्य, कला तथा वाद विवाद जैसी कई तरह की प्रतियोगिताओं में बचपन से ही भाग लेती रही। क्लासिकल कत्थक नृत्य भी सीखा है और विगत वर्ष में, स्वयं की आवाज में भक्तांमर के एल्बम निकाल कर के यूट्यूब पर रिलीज किया।
फिटनेस पहली प्राथमिकता
फिटनेस मेरी पहली प्राथमिकता रहती है। इसके लिए 20 मिनट रोजाना देती हूं। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन यूके की बोर्ड मेंबर हूं और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कई संस्थाओं के साथ जुड़ी हुई हूं। मैं 16 वर्ष की उम्र में दीक्षा भी लेना चाहती थी। मैंने 9 साल तत्वज्ञान और स्वाध्याय का अध्ययन किया है। ओरा रीडिंग, रेकी, प्रिडिक्शन, मेडिटेशन आदि भी सीखा। मैं एक्टिंग व मॉडलिंग में भी रुचि रखती हूं। एक बढ़िया शेफ हूं। मैंने 25 से भी अधिक देशों का भ्रमण किया है। मालवा जैसे खानपान और जलवायु की तुलना कही भी नही हो सकती।
यह है संदेश
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है, स्थाई सफलता केवल और केवल परिश्रम के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है। आप जीवन में जो भी करें अपने इंटेंशन अच्छे रखें क्योंकि नेक इरादों से ही व्यक्ति सफल होता है। भगवान से अटूट रिश्ता है और एक वही सच्चा रिश्ता होता है।
मयूरी की उपलब्धियां एक नजर
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जीतो अपेक्स इंदौर ने मयूरी चोरड़िया का सम्मान किया, एनआरआई समिट और जीतो यूके के बोर्ड सदस्य के रूप में हुई शामिल हुई। अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में रतलाम का मान बढ़ाया। फ्रेंड्स ऑफ मध्य प्रदेश यूके चैप्टर की सदस्य है। अभी इंदौर में करीब 75 लोगों के डेलिगेशन के साथ प्रवासी सम्मेलन में आई। इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कई योजनाओं पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। गत 23 जनवरी को नर्मदा साहित्य मंथन के नाम से आयोजित साहित्यिक महापर्व में मध्यप्रदेश साहित्यिक निदेशक डा.विकास दवे ने मयूरी के कार्य की प्रशंसा की। आइसीएआइयूके इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया यूके चैप्टर की भी सदस्य है। इसके विभिन्न सेमीनार में वह एक स्पीकर के रूप में भी भागीदारी करती हैं।