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प्राइवेट स्कूल ने किया बच्चों का साल खराब, परीक्षा के बीच में लिया बड़ा फैसला

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प्राइवेट स्कूल ने किया बच्चों का साल खराब, परीक्षा के बीच में लिया बड़ा फैसला

प्रदेश में प्राइवेट स्कूल मोटी कमाई करने के लिए किस हद तक गुजर रहे हैं, इस बात का अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि एक प्राइवेट स्कूल ने परीक्षा के बीच में ही बड़ा फैसला ले लिया.

रतलाम. प्रदेश में प्राइवेट स्कूल मोटी कमाई करने के लिए किस हद तक गुजर रहे हैं, इस बात का अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि एक प्राइवेट स्कूल ने परीक्षा के बीच में ही बड़ा फैसला ले लिया, जिससे केवल बच्चों का साल ही खराब नहीं होगा, बल्कि उनका भविष्य भी खराब हो सकता है, हैरानी की बात तो यह है कि ये फैसला भी महज इसलिए लिया गया कि बच्चे किसी कारणवश अंतिम दौर की फीस नहीं भर पाए।मामला मध्यप्रदेश के रतलाम जिले का है, यहां शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से निजी स्कूलों की मनमानी आसमान छू रही है। शहर के विरियाखेड़ी स्थित रतलाम पब्लिक स्कूल में कक्षा 11 वीं के दो आदिवासी बच्चों को परीक्षा देने से मात्र इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि आर्थिक रुप से कमजोर माता – पिता ने शुल्क नहीं भरा था। परेशान बच्चे जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशूभाई निनामा के पास भी गए, लेकिन उनको किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई। पूरे मामले में अब कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा है कि स्कूल की मान्यता को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा जाएगा। बता दे कि स्कूल की निदेशक संयोगिता सिंह जिले में सीबीएसइ की जिला प्रभारी है।

ये है पूरा मामला
जिले के आदिवासी क्षेत्र कुंदनपुर निवासी संगीता चरपोटा ने बताया कि उनका बेटा व मित्र क्रमश: आशीष व अर्पित रतलाम पब्लिक स्कूल में कक्षा 11 वीं में पढ़ते है। हम आर्थिक रुप से कमजोर है, इसलिए स्कूल का पूरा शुल्क नहीं भर पाए। बेटे का तो फिर भी आधा शुल्क करीब 15 हजार रुपए भर दिया। फिर भी परीक्षा से वंचीत किया गया। जब स्कूल प्रबंधक को बताया तो आधी परीक्षा में बेटे को शामिल किया गया व आधा पेपर ही बेटा दे पाया।

परीक्षा देने से रोका- शिक्षा अधिकारी को फटकार लगाई
जब अर्पित व आशीष चरपोटा को परीक्षा देने से रोका गया तो दोनों ने अपने परिवार को पूरा मामला बताया। इसके बाद माता – पिता ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशूभाई निनामा के पास जाने की सलाह दी। निनामा ने जब स्कूल निदेशक से बात की तो निनामा के अनुसार सिंह ने कह दिया कि उनको इस बारे में कुछ नहीं पता है व वे भोपाल में है। इसके बाद निनामा ने जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा को पूरे मामले की जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी शर्मा ने सीबीएसइ से संचालित स्कूल के मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। इसके बाद निनामा ने शहर एसडीएम संजीव केशप पांडे से बात की। एसडीएम पांडे ने शिक्षा अधिकारी शर्मा को इसके बाद फटकार लगाई। इसके बाद शर्मा ने निनामा को फोन पर सूचना दी स्कूल प्रबंधक से बात हो गई है, अगली परीक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि दोनों बच्चों के परिवार के पास इस मामले में कोई सूचना नहीं दी गई है।(साभार पत्रिका)

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