पॉलीथिन में लपेट कर पुल के किनारे मरने के लिए फेंक दिया था नवजात को
बेरहम माता-पिता की घिनोनी करतूत – दो महीन में चार बच्चे आए एसएनसीयू में
थांदला। होली के रंगीन त्यौहारों के बीच बेरहम माता-पिता की दरिंदगी की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। थांदला थाना क्षेत्र के ग्राम मियाटी और कलदेला के बीच पुल के किनारे की है जहाँ किसी ने नवजात शिशु को पॉलीथिन में लिपटा मरने के लिए फैंक दिया था लेकिन उसके रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण की नजर उस पर पड़ी और उसने डायल 100 को सूचना दी इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और एम्बुलेंस की मदद से नवजात को पहले थांदला स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल के एसएनसीयू भेज दिया नवजात की हालत गंभीर बनी हुई है। एसएनसीयू प्रभारी डॉ. आई.एस. चौहान के अनुसार नवजात का वजन करीब ढाई किलो है वही उसे सांस लेने में तकलीफ आ रही है जिससे उसकी हालत गम्भीर बनी हुई है। फिलहाल नवजात को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा कर डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी मॉनीटरिंग कर रही है।
मानवता शर्मसार बार बार बढ़ रहे है मामलें
जिले में पिछले कुछ समय से जन्म के बाद नवजात को फेंके जाने की घटना बढ़ी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चार नवजात तो एसएनसीयू तक पहुंचे जबकि तीन नवजात की पहले ही मौत हो गई।जिले में 28 दिन के अंतराल में इस तरह की ये चौथी घटना है। दो बार नवजात शिशु मिले और दो बार मृत भ्रूण कचरे के ढेर से बरामद किए गए। इसके पहले 11 फरवरी को रायपुरिया थाना क्षेत्र के गांव रसोड़ी के जंगल में नवजात बालिका मिली थी। बच्ची रातभर ठंड सहती रही। जब उसे पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया तो शरीर का तापमान 24 डिग्री था। तब से ही जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती है। उसकी स्थिति भी अभीतक गंभीर बनी हुई है। ऐसे ही 23 फरवरी को शहर के रातीतलाई क्षेत्र में पुराने कन्या महाविद्यालय के पीछे कचरे के ढेर से एक मृत भ्रूण मिला। बालक का भ्रूण था। कचरा बीनने वालों को सुबह के समय कचरे के ढेर में दिखाई दिया। संभावना जताई गई कि जन्म के समय वो जीवित था व बाद में उसकी मौत हुई। 10 फरवरी को पेटलावद क्षेत्र बामनिया में रेलवे स्टेशन के पास भ्रूण मिला था। ये भ्रूण बालिका का था। भ्रूण को जानवरों ने बुरी तरह नोच दिया था। शरीर के कई हिस्से जानवारों ने खा लिए थे। दिसंबर में मिले थे दो नवजात – दिसंबर 2022 में 14 तारीख को मेघनगर के पास रंभापुर चौकी क्षेत्र में नवजात लावारिस मिला। 1550 ग्राम वजन था। 17 दिसंबर को थांदला क्षेत्र में एक बालक लावारिस मिला था। उसका वजन 1900 ग्राम था। दोनों ठीक हो चुके हैं। उन्हें बालगृह इंदौर भेजा गया है।
दो महीने में चार बच्चे आए एसएनसीयू में
एसएनसीयू प्रभारी डॉ. आइएस चौहान के अनुसार बीते दो माह में ये चौथी घटना है जब इस तरह से लावारिस हालत में मिले नवजात को एसएनसीयू लाया गया। दो बच्चों को स्वस्थ्य होने के बाद पिछले महीने ही इंदौर भेज दिया गया। जबकि दो बच्चों का उपचार चल रहा है।(पवन नाहर)