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रतलाम दिव्यागों ने 16 सूत्रीय मांगों को लेकर निकाली रैली

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रतलाम दिव्यागों ने 16 सूत्रीय मांगों को लेकर निकाली रैली

पेंशन राशि 600 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये माह की जाए, रिक्त पद भरे जाएं।

 रतलाम। विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांगों द्वारा राघोगढ़ से गुना तक निकाली जा रही पैदल यात्रा के समर्थन में रतलाम में भी दिव्यांगों ने सोमवार को बरबड़ से दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा निकाली। वाहन रैली के रूप में वे विभिन्न मार्गों से होते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे, जहां नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के नाम 16 सूत्रीय ज्ञापन नायब तहसीलदार कुलभूषण शर्मा को सौंपा।मध्य प्रदेश विकलांक संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में दिव्यांग दोपहर करीब 12 बजे बरबड़ हनुमान मंदिर परिसर क्षेत्र में एकत्र हुए। वहां से उन्होंने वाहन रैली निकाली। दिव्यांग अपने दोपहिया वाहनों व ट्रायसिकलों से दोपहर करीब डेढ़ बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे व मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष राजेश परमार व अन्य पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन का वाचन संघ की प्रदेश महासचिव किरण पाटीदार ने किया। पाटीदार ने बताया कि उनकी मुख्य मांग दिव्यांगों की मासिक पेंशन 600 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये की जाए। आवासहीन दिव्यांगों को आवास उपलब्ध कराए जाए। सभी विभागों में दिव्यांगों के रिक्त पदों को बैकलाग भर्ती के माध्यम से शीघ्र भरा जाए। हमें विकलांग है, हमें दिव्यांग नहीं कहा जाए। दिव्यांग कहने से कुछ फायदा नहीं होता।

मुख्यमंत्री निवास तक पदयात्रा की जाएगी

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने पिछले 20 वर्षों में दिव्यांगों के क्षेत्र में ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिससे उनके जीवन में कोई सुविधा आई हो या उनका जीवन बेहतर हुआ हो। दिव्यांगों के जीवन में बदलाव लाने वाली हर सुविधा से वंचित रखा गया है। प्रदेश सरकार दिव्यांगों की उपेक्षा कर रही है। विभिन्न मांगों को इसी पहले शीतकालीन सत्र में कानून बनाकर पूरा किया जाए, अन्यथा हर जिले से मुख्यमंत्री निवास तक दिव्यांगों द्वारा पदयात्रा की जाएगी।

ये भी है मांगें

– दिव्यांग अधिनियम 2016 व मध्य प्रदेश दिव्यांग नियम 2017 को धरातल पर लागू करें। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग अलग करें। पंचायत, नगरीय निकाय, विधानसभा व संसद के दोनों सदनों में दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। आवासहीन दिव्यांगों के लिए पट्टा वितरण कर आवास व शौचालय उपलब्ध कराए। आउटसोर्स भर्ती में दिव्यांगों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य करें। दिव्यांगों के यूडी आईडी कार्ड हर विभाग में लागू करें।

ग्रामीण, शहरी अंचल की दिव्यांग खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए निशुल्क खेल सामग्री दी जाए व तहसील तथा जिलास्तर पर ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करें। दिव्यांगों का हारिजेंटल आरक्षण समाप्त कर एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस की तरह दिव्यांगों का भी स्वतंत्र वर्ग निर्धारित कर आरक्षण दें। शिक्षा के सभी क्षेत्रों में निशुल्क शिक्षा व छात्रावास का प्राविधान किया जाए। बिजली बिलों में पूरी छूट दे आदि। (नईदुनिया प्रतिनिधि)

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