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झाबुआ

झाबुआ – कलेक्टर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के क्रियानवयन हेतु समीक्षा , सख्त संदेश शूल्क लेने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी ।

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झाबुआ से जिला प्रतिनिधि नयन टवली की खबर ✍️

समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी के लिये किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा – कलेक्टर

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झाबुआ – कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह द्वारा आज कलेक्टर सभा कक्ष में एन आर एल एम की बैंक सखी के साथ मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु बैठक आयोजित की गई। श्रीमती सिंह ने कहा कि लाडली बहना योजना का मुख्य उद्देश्य सशक्त महिला, सशक्त परिवार, सशक्त समाज, सशक्त प्रदेश, सशक्त देश जिसमें आश्रित बच्चों एवं पोषण स्तर में सुधार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं स्वालंबी बनाना राज्य शासन के द्वारा निर्धारित किया गया है। इस हेतु समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी कराया जाना है। इस हेतु बैंक सखियों को ई-केवायसी करने हेतु डिवाईस एवं बायोमेट्रिक डिवाईस उपलब्ध करायी गयी। श्रीमती सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लाड़ली बहना योजना शुरू की जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना प्रदेश की बहनों की जिदंगी में बदलाव लायेगी। लाड़ली बहना योजना नहीं बल्कि एक मिशन के रुप में बहनों के कल्याण और उन्हें न्याय देने की तरफ महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी कराया जाना है। जिन महिलाओं के बैंक अकाउण्ट नहीं है उनका बैंक अकाउंट खूलवाया जना है। जिसके लिए आस-पास या उसी पंचायत में यह व्यवस्था की जायेगी। समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी के लिये किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति शुल्क लेता पाया जाता है या इस संबंध में कोई भी शिकायत पायी जाती है तो उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। प्रतिदिन समग्र पोर्टल पर ई-केवायसी की एक लोगीन आईडी से ई-केवायसी होना चाहिए। प्रतिदिन ई-केवायसी की रिपोर्ट ली जाएगी। कलेक्टर श्रीमती सिंह ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के बारे में विस्तारपूर्वक प्रेजेंटेशन देते हुये बताया कि योजना में 23 से 60 वर्ष आयु की विवाहित महिलायें पात्र होंगी। जिन्हें समग्र के आधार पर मध्यप्रदेश की मूल निवासी माना जायेगा। उन्होने बताया कि योजना के तहत परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिये और न ही उस परिवार को कोई सदस्य सरकारी या सरकारी उपक्रम में उपक्रम का कर्मचारी नहीं होना चाहिये। एक हजार रुपये से अधिक पेंशन प्राप्त करने वाली महिलायें अपात्र होंगी। पंच और उप सरपंच को छोड़कर अन्य सभी पंचायत राज संस्था और नगरीय निकाय की निर्वाचित महिला प्रतिनिधि योजना के तहत अपात्र होंगी। परिवार में पतिए पत्नी और बच्चे शामिल किये जायेंगे। जिनके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि और चार पहिया वाहनए ट्रैक्टर इत्यादि नहीं होने चाहिये। उन्होने बताया कि जिले में की जाने वाली अपेक्षाओं में योजना के प्रारंभ होने से पूर्व हितग्राहियों की संख्या के अनुपात में ग्रामवार और वार्डवार कैंप की माइक्रो प्लानिंग कर लें। उन्होने बताया कि फॉर्म भरने की प्रक्रिया 25 मार्च से शुरु की जायेगी। तब तक योजना प्रारंभ पूर्व की सारी औपचारिकतायें पूरी कर ली जायें। श्रीमती सिंह ने बताया कि 25 मार्च से 30 अप्रैल तक पात्र हितग्राहियों के फॉर्म भरे जाकर 30 अप्रैल तक पोर्टल एप में प्रविष्टियां की जायेंगी। हितग्राही की समग्र में ई.केवाईसी नहीं होने और पात्रता आयु पूरी नहीं करने तथा अविवाहित होने की स्थिति में हितग्राही महिला का आवेदन ग्राह नहीं किया जायेगा। पात्र हितग्राहियों की सूची का प्रकाशन ग्राम एवं वार्ड स्तर पर किया जायेगा तथा आपत्तियों के निराकरण के लिये ग्राम स्तर और नगरीय निकाय स्तर पर अधिकारियों की समितियां गठित की जायेंगी। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अमन वैष्णव, एडीएम श्री एसएस मुजाल्दा, एसडीएम पेटलावद श्री अनिल कुमार राठौर, एसडीएम थांदला श्री तरूण कुमार जैन, एसडीएम मेघनगर श्रीमती अकिंता प्रजापति, डिप्टी कलेक्टर श्री एलएन गर्ग, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री आर एस बद्येल, समस्त तहसीलदार, समस्त सीएमओ, समस्त सीईओ जनपद पंचायत एवं जिला अधिकारी एवं एनआरएलएम की बैंक सखी उपस्थित थे ।

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