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मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना के तहत सैलाना में 205 जोड़ों का विवाह संपन्न

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मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना के तहत सैलाना में 205 जोड़ों का विवाह संपन्न

रतलाम ~~ नामली स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में बॉयज टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के मामले में नामली थाना पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध आईटी एवं पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि अगस्त 2022 में स्कूल प्रबंधन द्वारा बॉयज टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे। इसके बाद बच्चों और परिजनों ने इसकी शिकायत चाइल्ड हेल्प लाइन पर की थी। मामले के तूल पकड़ने पर राष्ट्रीय बाल आयोग के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में एफआईआर के निर्देश जारी किए गए थे।

शिकायत नामली स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल परिसर में जांच करने पहुंचे चाइल्ड लइन के सदस्यों ने मौके पर पाया था कि स्कूल के टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। जिस पर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों द्वारा टॉयलेट गंदे चित्र बनाने और तोड़फोड़ किए जाने की दलील पेश की थी। चालान के सदस्यों के बयान के आधार पर नामली थाना पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध धारा 66 ई,आईटी एक्ट एवं पास्को एक्ट में प्रकरण दर्ज कर लिया है।

यह था मामला

अगस्त 2022 में नामली के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगाने का गंभीर मामला सामने आया था। पीड़ित छात्रों द्वारा शिकायत के बाद चाइल्ड लाइन और बाल आयोग की टीम ने निरीक्षण में बॉयज टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगा होना पाया था। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया था।

स्कूल प्रबंधन की अजीब दलील

हमेशा विवादों में रहने वाला कान्वेंट स्कूल प्रबंधन टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरे लगाने के पीछे अजीबोगरीब वजह बता रहा है। जिसके लिए उन्हें बच्चों की निजता का हनन करने से भी गुरेज नहीं है। स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर निधि ने बाल संरक्षण आयोग की टीम को बताया कि बच्चे स्कूल के टॉयलेट की दीवारों और टेबल पर गंदे कमेंट और चित्र बना देते थे। इसके कारण उन्होंने बॉयज टॉयलेट में कैमरा लगवाए थे। हालांकि मीडिया में खबरें आने और बाल आयोग की फटकार के बाद स्कूल प्रबंधन ने सीसीटीवी कैमरा हटा लिए हैं।

मध्यप्रदेश बाल आयोग की टीम ने दे दी थी क्लीन चिट

जांच करने पहुंची मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की टीम ने स्कूल प्रबंधन को इस गंभीर मामले में क्लीन चिट दे दी है। स्कूल प्रबंधन ने इस मामले के नोटिस में जवाब में यह दलील दी है कि शरारती बच्चों के द्वारा टॉयलेट की दीवारों पर गंदे चित्र और कमेंट लिखना बताया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा था की स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि बच्चे टॉयलेट की दीवारों और टेबल पर गंदे कमेंट लिखते हैं। इस वजह से स्कूल प्रबंधन ने सीसीटीवी लगाए थे। जिन्हें अब हटा लिया गया है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन उसके बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए रतलाम पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज करने संबंधित पत्र लिखा था।

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